World Wildlife Fund (WWF)
विश्व वन्यजीव कोष (World Wildlife Fund – WWF) के अनुसार रूस की छह स्तनपायी, पक्षी और मछली की प्रजातियाँ विलोप के कगार पर पहुँच गई हैं. ये प्रजातियाँ हैं – शैगा हरिन, जिरफाल्कन बाज, पारसी तेंदुआ, चम्मच जैसी चोंच वाला सैंड पाइपर, सखालीन स्टर्जन समुद्री मछली और कलुगा स्टर्जन समुद्री मछली.
विश्व वन्यजीव कोष क्या है?
- यह एक अंतर्राष्ट्रीय गैरसरकारी संगठन है.
- इसकी स्थापना 1961 में हुई थी.
- इसका मुख्यालय स्विट्ज़रलैंड के ग्लैंड नगर में स्थित है.
- इस संगठन का लक्ष्य वन्यजीवन का संरक्षण करना तथा पर्यावरण पर मानवीय प्रभाव को घटाना है.
- यह संरक्षण से सम्बंधित विश्व का सबसे बड़ा संगठन है.
उद्देश्य
- विश्व की जैव विविधता का संरक्षण करना.
- नवीकरणीय प्राकृतिक संसाधनों के प्रयोग को टिकाऊ बनाना.
- प्रदूषण और निरर्थक खपत में कमी को बढ़ावा देना.
WWF के प्रतिवेदन एवं कार्यक्रम
- लिविंग प्लेनेट रिपोर्ट : यह रिपोर्ट WWF द्वारा 1998 से प्रत्येक दो वर्ष पर प्रकाशित होता है. यह लिविंग प्लेनेट इंडेक्स और पर्यावरणीय फुटप्रिंट कैलकुलेशन पर आधारित होता है.
- अर्थ आवर
- डेट-फॉर-नेचर कार्यक्रम (Debt-for-nature swaps) : इस कार्यक्रम के अंतर्गत विकासशील देश के विदेशी ऋणभार का एक अंश इस शर्त पर माफ़ कर दिया जाता है कि वह देश पर्यावरण के संरक्षण पर स्थानीय स्तर पर निवेश करेगा.
- मरीन स्टेवार्डशिप कौंसिल (MSC) : यह परिषद् एक स्वायत्त लाभरहित संस्था है जो मछली मारने के टिकाऊ उपायों के लिए मानदंड निर्धारित करती है.
- हेल्दी ग्रोन पोटेटो : यह एक इको ब्रांड है जो उच्च गुणवत्ता वाले सतत रूप से उपजाए गये, डिब्बाबंद किये गये आलू उपभोक्ताओं को मुहैया करता है. इस कार्यक्रम में बड़े-बड़े खेतों में समेकित कीटनाशक प्रबंधन का प्रयोग होता है.
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