Sansar Daily Current Affairs, 27 October 2018
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : Experiencing North East festival
संदर्भ
नई दिल्ली में 27 से 31 अक्टूबर तक एक उत्सव मनाया जा रहा है जिसमें पूर्वोत्तर की संस्कृति के अनूठेपन को दर्शाया जाएगा. इस उत्सव का नाम रखा गया है – “Experiencing North East festival“.
यह उत्सव क्या है?
- यह उत्सव पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के अधीनस्थ पूर्वोत्तर परिषद् (North Eastern Council – NEC) के द्वारा इंडिया इंटरनेशनल सेंटर के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है. यह आयोजन नई दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में ही मनाया जा रहा है.
- इस उत्सव में एक ही छत के नीचे पूर्वोत्तर की कला, हस्तशिल्प, हैण्डलूम, पर्यटन, भोजन, संस्कृति आदि का प्रदर्शन किया जाएगा.
- इस उत्सव में प्रतिदिन पूर्वोत्तर के सुप्रतिष्ठ सांस्कृतिक दल, संगीत समूह और कलाकार अपनी विशेष प्रस्तुतियाँ प्रदर्शित करेंगे. इस बार विख्यात शास्त्रीय पियानो वादक और गायक Nise Meruno भी अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे.
पूर्वोत्तर परिषद् क्या है?
- यह एक सर्वोच्च स्तर का निकाय है जिसकी स्थापना पूर्वोत्तर परिषद् अधिनियम, 1971 के अंतर्गत की थी. इसका उद्देश्य है पूर्वोत्तर के राज्यों में संतुलित एवं समन्वित विकास सुनिश्चित करना और इन राज्यों के मध्य आपसी ताल-मेल को बढ़ावा देना.
- अधिनियम में 2002 में एक संशोधन किया गया था जिसके अनुसार यह परिषद् पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए एक क्षेत्रीय योजना निर्माण निकाय के रूप में भी काम करेगी. संशोधन में यह प्रावधान किया गया है कि क्षेत्रीय योजना बनाते समय यह परिषद् उन योजनाओं और परियोजनाओं को प्राथमिकता देगी जिनके माध्यम से दो अथवा दो से अधिक राज्य लाभान्वित होंगे. साथ ही यह भी व्यवस्था है कि यह परिषद् सिक्किम के लिए विशेष परियोजनाओं की अभिकल्पना करेगी.
- 2018 में केन्द्रीय मंत्रीमंडल ने एक प्रस्ताव की मंजूरी दी है जिसके अनुसार केन्द्रीय गृह मंत्री पूर्वोत्तर परिषद् के अध्यक्ष तथा पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) इस परिषद् के उपाध्यक्ष होंगे. साथ ही पूर्वोत्तर राज्यों के सभी राज्यपाल और मुख्यमंत्री इसके सदस्य होंगे.
उत्सव का लक्ष्य
यह उत्सव भारत सरकार की उस नीति का एक अभिन्न अंग है जिसके अनुसार पूर्वोत्तर को भारत की मुख्य धारा में लाने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं.
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : Pradhan Mantri Annadata Aay Sanrakshan Abhiyan
संदर्भ
कृषि विशेषज्ञों के द्वारा हाल ही में किये गये एक विश्लेषण से पता चला है कि प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान से किसानों की दुर्दशा में इस फसली मौसम में कोई विशेष सुधार नहीं होगा और पैदावार के लिए न्यूनतम समर्थम मूल्य (MSP) पाने की उनकी सम्भावना कम ही है.
ऐसा क्यों?
- राज्यों में केवल मध्यप्रदेश ने नकद भुगतान का विकल्प स्वीकार किया है. किसी अन्य प्रदेश ने योजना को लागू करने के लिए आवश्यक सूचना प्रौद्योगिकी अवसंरचना तैयार नहीं की है.
- पिछले सप्ताह ही निजी भंडारक योजना के लिए राज्यों को मार्गनिर्देश निर्गत किये गये हैं. संभव है कि इनका अनुपालन करने में राज्यों तथा निजी प्रतिष्ठानों को 6 महीने लग जाएँ.
भूमिका
सितम्बर 2018 में केन्द्रीय मंत्रीमंडल ने “प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान” (PM-AASHA) नामक बहु-आयामी योजना का शुभारम्भ किया था. यह योजना सरकार अन्नदाता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता एवं समपर्ण को ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा तैयार की गई है. इसका उद्देश्य किसानों को अपनी उपज के लिए यथोचित मूल्य दिलवाना था जिसके लिए 2018 के बजट में घोषणा भी की गई थी.
इस बहु-आयामी योजना PM-AASHA के तीन अवयव हैं –
- मूल्य समर्थन योजना / Price Support Scheme (PSS).
- मूल्य में कमी के भुगतान की योजना / Price Deficiency Payment Scheme (PDPS).
- निजी क्रय एवं भंडारक प्रायोगिक योजना / Pilot of Private Procurement & Stockist Scheme (PPPS).
मूल्य समर्थन योजना / Price Support Scheme (PSS)
इस योजना के अन्दर दालों, तिलहन एवं नारयिल रेशे के क्रय का काम केन्द्रीय नोडल एजेंसियों द्वारा राज्य सरकारों के सक्रीय सहयोग से किया जाएगा.
मूल्य में कमी के भुगतान की योजना / Price Deficiency Payment Scheme (PDPS)
इस योजना में तिलहन की खेती करने वाले किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य तथा बाजार मूल्य के बीच के अंतर की राशि का सीधे उनके बैंक खातों में भुगतान कर दिया जाएगा.
निजी क्रय एवं भंडारक प्रायोगिक योजना / Pilot of Private Procurement & Stockist Scheme (PPPS)
इस योजना के अंतर्गत राज्यों के पास यह विकल्प होगा कि वे कुछ चुने हुए जिलों में प्रायोगिक तौर पर तिलहन के लिए निजी क्रय एवं भंडारण की सुविधा ले सकते हैं.
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : Currency manipulator tag
संदर्भ
अमेरिका के कोषागार विभाग प्रत्येक छह महीने पर एक प्रतिवेदन प्रकाशित करता है जिसमें वैश्विक, आर्थिक एवं मुद्रा विनियम दर से सम्बंधित नीतियों के सन्दर्भ में घटित घटनाओं की समीक्षा की जाती है. यदि अमेरिका का कोई व्यापारी साझेदार तीन मूल्यांकन मानदंडो को पूरा करता है तो अमेरिका उस देश को मुद्रा में हेर-फेर करने वाला मान लेता है तथा उन्हें निगरानी सूची में डाल देता है. तत्पश्चात अमेरिका द्विपक्षीय वार्ता के माध्यम से समस्या के समाधान की चेष्टा करता है.
इस बार के प्रतिवेदन में भारत, चीन, जापान, साउथ कोरिया, जर्मनी और स्विट्ज़रलैंड को निगरानी सूची में रखा गया है.
किसी देश को “मुद्रा मैनिपुलेटर” का टैग कब मिलता है?
अमरीकी कोषगार विभाग किसी देश को “मुद्रा मैनिपुलेटर” घोषित करने के लिये तीन मानदंडों का प्रयोग करता है :-
- अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार अधिशेष 20 अरब डॉलर हो.
- वर्तमान GDP का 3% चालू खाता अधिशेष हो और
- एक वर्ष में देश से सकल घरेलू उत्पाद के 2% से अधिक विदेशी मुद्रा खरीदी गई हो.
2018 में संदिग्ध मुद्राओं का प्रदर्शन
जापान का येन 0.13% गिरा है. इसी प्रकार दक्षिण कोरिया की मुद्रा वोन में 5.13% की गिरावट आई है. स्विट्ज़रलैंड का स्विस फ्रैंक और चीन का युआन भी इस वर्ष क्रमशः 2.3% और 6.3% गिरा है. जहाँ तक भारत का प्रश्न है उसके रूपये में 13.05% की गिरावट देखी गई है. इसलिए अमेरिका ने इन सभी देशों की मुद्राओं को “निगरानी सूची” में रखा है.
क्या भारत को चिंतित होना चाहिए?
अर्थशास्त्रियों को कहना है कि भारत अमेरिका द्वारा निर्धारित तीन मानदंडों में केवल एक मानदंड को पूरा करता है. यदि यही स्थिति अगले प्रतिवेदन तक रही तो अमेरिका का कोषागार विभाग भारत को निगरानी सूची से हटा देगा.
GS Paper 3 Source: The Hindu
Topic : Krishi Kumbh-2018
संदर्भ
उत्तर प्रदेश सरकार भारत सरकार के साहचर्य से एक किसान कृषि प्रदर्शनी आयोजित कर रही है जिसका नाम “कृषि कुम्भ – 2018” रखा गया है.
कृषि कुम्भ – 2018 क्या है?
- कृषि कुम्भ – 2018 में एक राष्ट्र-स्तरीय प्रदर्शनी होगी. साथ ही किसानों की आय को दुगुना करने की थीम पर तकनीकी सत्र भी आयोजित होंगे. इसके अतिरिक्त Business Meet जैसी अनेक गतिविधियाँ सम्पन्न होंगी.
- कृषि कुम्भ – 2018 का प्रधान उद्देश्य किसानों, कृषक-समूहों, तकनीकी विशेषज्ञों एवं व्यावसायियों को एक समान मंच उपलब्ध कराना है जहाँ वे इन विषयों पर अपने ज्ञान का निर्बाध रूप से आदान-प्रदान कर सकें — कृषि उत्पादन, खाद्य प्रसंस्करण, कृषि विपणन, कृषि में मशीनों का प्रयोग, कृषि खाद्य प्रसंस्करण, ऊँचे दाम की फसलें, खेती में प्रयोग होने वाली वस्तुएँ तथा प्रौद्योगिकी का प्रबंधन आदि आदि..
कुम्भ का महत्त्व
उत्तर प्रदेश एक ऐसा राज्य है जहाँ सबसे अधिक किसान हैं और सबसे अधिक खेत हैं. अतः इस कुम्भ में वहाँ के किसानों को अपने काम को कृषि क्षेत्र से जुड़े हुए सभी हितधारकों के समक्ष प्रस्तुत करने का एक महान अवसर प्राप्त होगा.
- इस आयोजन से एक ओर जहाँ राज्य की कृषि संभावनाओं से लोग अवगत होंगे, वहीं दूसरी ओर कृषि से जुड़े हुए सभी पक्षों को विचारों का आदान-प्रदान करने का एक मंच मिलेगा.
- आशा की जा रही है कि इस महान आयोजन में एक लाख से ऊपर किसान आयेंगे. इसमें प्रतिभागिता करने जो अन्य व्यक्ति आ सकते हैं, वे हैं – मंत्रीगण, वरिष्ठ सरकारी अधिकारीगण, अन्य नीति निर्माता, अंतर्राष्ट्रीय संगठन, बैंक और विकास संस्थानों के प्रमुख तहत कृषि उद्योग से जुड़े अग्रणी व्यक्ति.
GS Paper 3 Source: The Hindu
Topic : India’s first engine-less train set to hit tracks
संदर्भ
भारत की पहली इंजन रहित ट्रेन – Train 18 – शीघ्र ही पटरियों पर दौड़ेगी. यह ट्रेन इंटर-सिटी ट्रेन होगी.
Train 18 क्या है?
- Train 18 रेलवे की एक अति महत्त्वपूर्ण ट्रेन है जिसका पहला नमूना चेन्नई स्थित Integral Coach Factory द्वारा 20 महीनों के रिकॉर्ड समय में तैयार किया जा चुका है.
- यह ट्रेन 100% Make in India परियोजना है जिसका मूल्य विदेश से आयातित इसी प्रकार की ट्रेन के मूल्य से आधा है.
- मेट्रो ट्रेन के समान T-18 एक स्वचालित इंजन रहित ट्रेन है.
- ऊर्जा के हिसाब से यह कम खर्च वाली ट्रेन है क्योंकि इसमें LED बल्ब लगे हुए हैं.
- इसके डिब्बों में स्वचालित दरवाजे और सिमट जाने वाले पायदान होंगे.
- सभी डिब्बे एक-दूसरे जुड़े होंगे और दो डिब्बों के बीच का स्थान चारों ओर से बंद होगा.
- इस ट्रेन में GPS – आधारित यात्री सूचना प्रणाली होगी.
- प्रत्येक डिब्बे में जैव-शौचालय लगे होंगे.
- पूरी ट्रेन वातानुकूलित होगी.
- इस ट्रेन की गति 160 किमी. प्रति घंटे तक जा सकती है जबकि शाताब्दी की रफ़्तार 130 किमी. प्रति घंटा है. इस प्रकार शताब्दी की तुलना में इस ट्रेन से यात्रा करने पर 15% समय की बचत होगी.
Prelims Vishesh
India Building World’s Highest Railway Line :-
- भारतीय रेलवे नई दिल्ली और लद्दाख के बीच भारत-चीन सीमा से लगी रेल लाइन बिछाने जा रही है.
- यह रेल लाइन बिलासपुर से मनाली होते हुए लेह तक जायेगी और यह विश्व की सबसे ऊँची रेल लाइन होगी जिसकी ऊँचाई 5,360 मीटर होगी. विदित हो कि चीन की Quinghai-Tibet रेल लाइन 2,000 मीटर ही ऊँची है.
UN Human Rights Prize :-
- संयुक्त राज्य महासभा द्वारा प्रथमतः 1966 में आरम्भ किये गए मानवाधिकार पुरस्कारों की शृंखला में इस वर्ष 2018 के पुरस्कार आस्मा जहाँगीर, रेबेका ग्यूमी, जोनिया वापिचाना एवं फ्रंट लाइन डिफेंडर्स नामक संगठन को मानवाधिकारों को बढ़ावा देने के लिए दिया गया है.
- इस वर्ष का पुरस्कार समारोह दिसम्बर 10 को विश्व मानवाधिकार दिवस के अवसर पर न्यू यॉर्क में मनाया जाएगा.
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