Sansar डेली करंट अफेयर्स, 28 January 2019

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Sansar Daily Current Affairs, 28 January 2019


GS Paper 2 Source: The Hindu

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Topic : Niti Aayog 2.0

संदर्भ

वित्त आयोग के भूतपूर्व अध्यक्ष विजय केलकर ने एक आलेख लिखा है, जिसका शीर्षक है – ‘Towards India’s New Fiscal Federalism’ जिसमें उन्होंने एक नए नीति आयोग के गठन की वकालत की है और चाहा है कि राज्यों को पूँजी एवं राजस्व अनुदान आवंटित करने का इसे उत्तरदायित्व दिया जाए.

Niti-Aayog-2.0

नीति आयोग 2.0 की आवश्यकता क्यों?

योजना आयोग पहले भारत में क्षेत्रीय रूप से संतुलित वृद्धि को बढ़ावा दे रहा था. परन्तु उसे हटाकर नीति आयोग नामक थिंक टैंक की स्थापना करने से सरकार की नीतियों की पहुँच पहले से घट गई है. इसलिए आज एक ऐसी संस्था की आवश्यकता उत्पन्न हो गई है जो अर्थव्यवस्था के क्षेत्रीय असंतुलनों को दूर करने के लिए ढाँचागत सुधार लाये.

नए नीति आयोग का कार्य क्या होगा?

  • यह राज्यों को विकास के कार्यों के लिए पूँजी अथवा राजस्व अनुदान आवंटित करेगा.
  • नए नीति आयोग के उपाध्यक्ष को आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति का एक स्थाई आमंत्रित सदस्य बनाना होगा जिससे कि यह आयोग अधिक कारगर रूप से निर्णय ले सके.
  • नीति आयोग को राज्यों के वार्षिक व्यय कार्यक्रमों के अनुमोदन से दूर रखना चाहिए. इसकी जगह इसे एक ऐसे थिंक टैंक के रूप में काम करना चाहिए जिसके पास समुचित वित्तीय शक्ति हो और जो भारत में बदलाव लाने के लिए मध्यमकालिक एवं दीर्घकालिक रणनीति तैयार करने तथा उसी हिसाब से निवेश के संसाधन जुटाने की तरफ ध्यान दे.
  • नए नीति आयोग को प्रत्येक वर्ष GDP के 1.5 से 2% तक की मात्रा में संसाधनों की आवश्यकता होगी जिससे कि वह विकास असंतुलन को दूर करने के लिए राज्यों को समुचित अनुदान दे सके.

नए नीति आयोग के पक्ष में अन्य तर्क

  • वर्तमान नीति आयोग हमारे अत्यंत असमान समाज को एक आधुनिक अर्थव्यस्था में रूपांतरित करने में सक्षम नहीं है.
  • सार्वजनिक अथवा निजी निवेश को प्रभावित करने में नीति आयोग की कोई भूमिका नहीं है. साथ ही यह सरकार की नीति निर्माण को भी प्रभावित नहीं कर पाता जैसा कि नोटबंदी और GST के मामलों में हुआ.
  • नीति आयोग को एक थिंक टैंक होना चाहिए अर्थात् उसको नए-नए विचार लाने चाहिए. परन्तु वह सरकार से एक दूरी-सी बनाए रखती है. हम बहुधा देखते हैं कि वर्तमान नीति आयोग सरकार की योजनाओं की आलोचना नहीं करता, अपितु प्रशंसा ही करता रहता है.

GS Paper 2 Source: The Hindu

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Topic : Input Credit under GST

संदर्भ

हाल ही में GST राजस्व में कमी देखने में आई है. इस कारण कर अधिकारियों को चिंता हो गयी है और ऐसा संभव है कि वे व्यवसाइयों द्वारा कर दायित्व को घटाने के लिए इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) के दुरुपयोग की पड़ताल करें. यह शंका व्यक्त की जा रही है कि व्यवसायी इनपुट टैक्स क्रेडिट सुविधा का दुरूपयोग कर टैक्स की चोरी कर रहे हैं.

इनपुट टैक्स क्रेडिट क्या होता है?

पक्के बिल से जो माल ख़रीदा जाता है और उसपर जो टैक्स देय होता है, उसी पर व्यवसायी को जीएसटी रिटर्न भरने से इनपुट टैक्स क्रेडिट प्राप्त होता है. उदाहरण के लिए यदि किसी उत्पादनकर्ता को अपने उत्पाद को बनाने के लिए 100 रूपए का कच्चा माल खरीदना पड़ रहा है और इस पर उसे 12 फीसदी टैक्स देना पड़ता है. इससे अंततः उत्पादनकर्ता को कुल 112 रुपये का वहन करना पड़ता है. अब उत्पादनकर्ता जो सामान तैयार कर रहा है उसकी कीमत 120 रूपए हो जाती है और इस पर जीएसटी 18 फीसदी है. ऐसे में वह इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा करते हुए मात्र 6 फीसदी टैक्स ही चुकाएगा. इसी व्यवस्था को इनपुट टैक्स क्रेडिट कहते हैं.

Input-Credit-under-GST

इनपुट टैक्स क्रेडिट की भूमिका

GST व्यवस्था की एक सकारात्मक विशेषता यह है कि यह कर के ऊपर कर की पूर्व की व्यवस्था से मुक्ति दिलाती है. इनपुट टैक्स क्रेडिट इसलिए लाई गई कि GST शुरू होने के पहले जो कर पर कर देना पड़ता था उस समस्या का निवारण हो सके. ज्ञातव्य है कि GST में कर पर कर नहीं लगता क्योंकि –

  1. अधिकांश कर मिलाकर एक कर बना दिया गया है.
  2. इनपुट टैक्स क्रेडिट का प्रावधान कर दिया गया है.

इनपुट टैक्स क्रेडिट का दुरूपयोग

  • बेइमान व्यवसायी नकली बिल बनाकर इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा कर सकते हैं.
  • देखने में आ रहा है कि किसी भी व्यवसायी को जितना GST देना है उसका 80% वह ITC से सेटल कर कर रहा है और मात्र 20% ही नकद जमा कर रहा है.
  • अभी ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है कि इस बात की जाँच हो सके ITC दावों का मिलान आपूर्तिकर्ताओं द्वारा चुकाए गये कर से किया जा सके.
  • इस प्रकार का मिलान ITC का दावा किये जाने के पश्चात् एक विशेष प्रणाली द्वारा किया जा रहा है जिसका नाम GSTR-2A है. मिलान हो जाने पर यदि गड़बड़ी पाई जाती है तो राजस्व विभाग सम्बंधित व्यसाइयों को नोटिस भेजता है.
  • वर्तमान में ITC सम्बंधित दावा प्रस्तुत होने और आपूर्तिकर्ताओं द्वारा चुकाए गये कर से उसका मिलान होने के बीच में समय का अंतराल होता है. इसलिए इस बात की संभावना बन जाती है कि ITC का दावा नकली इनवॉइसों के आधार पर किया जा रहा है.
  • समय के उक्त अंतराल को पाटने के लिए रिटर्न दाखिल करने की एक नई प्रणाली प्रस्तावित है. यदि यह नई प्रणाली चालू हो गई तो राजस्व विभाग आसानी से रियल-टाइम आधार पर ITC दावों और चुकाए गये करों का मिलान कर पायेगा. इससे यह भी पता चल जाएगा कि कितने दावे सही हैं और कितने नकली इनवॉइसों पर आधारित हैं. राजस्व विभाग तदनुसार उचित कार्रवाई कर सकेगा.

GS Paper 2 Source: The Hindu

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Topic : Zearalenone in cereals

संदर्भ

जियरालेनोन (Zearalenone) एक विषाक्त फंफूद हैं जो गेहूँ, मकई और जौ जैसे अनाजों में लग जाता है. जब फसल खेत में होती है तो उस समय इसका आक्रमण होता है, पर यदि अनाज को ठीक से सुखाये बिना रखा जाए तो उसमें भी यह फफूंद हो जाता है.

चर्चा में क्यों?

पूरे विश्व में इस फफूंद के अनाजों पर आक्रमण के विषय में अनेक अध्ययन हुए हैं. परन्तु अभी तक भारत में इसके बारे में कोई डाटा उपलब्ध नहीं था. इसी महीने जर्नल ऑफ़ फ़ूड साइंस का एक अध्ययन सामने आया है जिसमें बताया गया है कि उत्तर प्रदेश के बाजारों में गेहूँ, धान, मकई  और जई के पौधों में जियरालेनोन मिला है.

चिंता का विषय क्या है?

खाद्य पदार्थों में पाए जाने वाले विषाक्त फफूंद से जन स्वास्थ्य पर खतरा होता है. भारत ऐसे कुछ फफूंदों के स्तर को नियंत्रित करता है, जैसे – एफ्लाटोक्सिन, डियोक्सीनीवेलनॉल, अर्गोट और पेटुलिन आदि. इनमें पहले तीन फफूंद अनाजों में होते हैं जबकि पेटुलिन सेबों में पाया जाता है. इन सभी फफूंदों से रोग होते हैं. उदाहरण के लिए, मकई में एफ्लाटोक्सिन लग जाने के कारण 1974 में राजस्थान और गुजरात में 398 लोग बीमार पड़ गये थे और 106 मर गये थे. पेट में लम्बे समय तक जाने के कारण एफ्लाटोक्सिन से यकृत का कैंसर हो जाता है.

जियरालेनोन का दुष्प्रभाव

जियरालेनोन स्त्री यौन हारमोन एस्ट्रोजेन के समान व्यवहार करता है और इसलिए मनुष्य में अन्तःस्रावी हार्मोनों में विघ्न डालता है. सूअर जैसे कुछ जानवरों में इस फफूंद के दुष्प्रभाव पर शोध हो चुका है जिसमें यह पाया गया कि फफूंद लगी मकई खा कर सूअरियों के जननांग में जलन पैदा हुई और साथ ही वे बांझ हो गईं. इसलिए ब्राज़ील आदि देशों में पशु-आहार में जियरालेनोन का स्तर नियंत्रित किया जाता है.


GS Paper 2 Source: The Hindu

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Topic : World Malaria Report of 2018

संदर्भ

विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा प्रकाशित 2018 के विश्व मलेरिया प्रतिवेदन के अनुसार मलेरिया से सर्वाधिक ग्रस्त 11 देशों में भारत ही एक ऐसा देश है जहाँ मलेरिया के मामलों में अच्छी-खासी कमी आई है. 2016 की तुलना में 2017 में मलेरिया के मामले 24% कम हुए.

इसका अभिप्राय यह है कि मलेरिया को समाप्त करने के वैश्विक प्रयासों का नेतृत्व अब भारत के हाथ में आ गया है. भारत से प्रेरणा लेकर अन्य देश मलेरिया से निपटने की प्रेरणा ले सकते हैं.

मलेरिया उन्मूलन के लिए किये गये प्रयास

  • भारत को मलेरिया हटाने में सफलता इसलिए मिल रही है कि एक ओर जहाँ वह विश्व-भर में अपनाई गई रणनीतियों के अनुरूप चल रहा है तो दूसरी ओर अपना स्वदेशी मलेरिया-विरोधी कार्यक्रम भी चला रहा है.
  • 2015 में पूर्व एशिया शिखर सम्मलेन में 2030 तक मलेरिया समाप्त करने का वचन देने के उपरान्त भारत ने इसके लिए एक पंचवर्षीय राष्ट्रीय रणनीतिक योजना का अनावरण किया था. इसमें मलेरिया को नियंत्रित करने के स्थान पर उसे समाप्त करने पर बल दिया गया था. इस योजना का उद्देश्य है कि भारत के 678 जिलों में से 571 जिलों में 2022 तक मलेरिया का उन्मूलन कर दिया जाए.
  • इस योजना में 10,000 करोड़ रू. का खर्च है. इस खर्च को पूरा करने के लिए पर्याप्त निवेश तो चाहिए ही, साथ ही इसके लिए सरकारों, गैर-सरकारी संगठनों और परोपकारी दाताओं का सहयोग भी अपेक्षित होगा क्योंकि स्वास्थ्य राज्य का विषय होता है इसलिए मलेरिया से निटपने में राज्य सरकारों को विशेष दायित्व निभाना होगा.
  • विदित हो कि ओडिशा राज्य एक मलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम चला रहा है जिसका नाम दुर्गम अंचलेर मलेरिया निराकरण (DAMaN) रखा गया है.

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Topic : Charter of Patients’ Rights

संदर्भ

स्वास्थ्य एवं स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं पर काम करने वाले राष्ट्रीय मंच जन स्वास्थ्य अभियान (JSA) ने भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय से आग्रह किया है कि रोगी अधिकार चार्टर को तुरंत लागू किया जाए और इसमें रोगियों के सभी प्रकार के अधिकारों को बिना कटौती के शामिल किया जाए.

पूर्व वृत्तान्त

अगस्त 2018 में स्वास्थ्य एवं परिवार नियंत्रण मंत्रालय ने घोषणा की थी कि वह रोगी अधिकार चार्टर को लागू करेगा. इसके लिए उसने इस चार्टर को सार्वजनिक डोमेन में रखते हुए उसपर 30 सितम्बर 2018 तक मन्तव्य आमंत्रित किये थे. इस बात के लगभग चार महीने हो गये हैं, परन्तु चार्टर को अंतिम रूप देने और उसे अंगीकृत करने की दिशा में आगे कोई प्रगति नहीं हुई है.

रोगी अधिकार चार्टर आवश्यक क्यों?

  • भेद-भाव से मुक्त होने का अधिकार एक महत्त्वपूर्ण अधिकार होता है. इसलिए हर रोगी को यह अधिकार होना चाहिए कि उसका उपचार यह देखते हुए न हो कि उसको कौन-सा रोग लगा हुआ है (जैसे – HIV). इसके अतिरिक्त उपचार के समय धर्म, जाति, नस्ल अथवा लिंग का ध्यान नहीं रखा जाना चाहिए.
  • कई देशों में रोगियों के अधिकार के लिए अलग से एक नियामक संस्था होती है, परन्तु भारत में ऐसी कोई संस्था नहीं है. इसलिए चार्टर आवश्यक प्रतीत होता है.

रोगी अधिकार चार्टर का प्रारूप

  • यह प्रारूप राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC) ने तैयार की है.
  • इस प्रारूप में अंतर्राष्ट्रीय चार्टरों से प्रेरित होकर और इस विषय में विभिन्न राष्ट्र-स्तरीय प्रावधानों को देखते हुए 17 अधिकारों का वर्णन-सहित अंकित किया गया है.
  • इस चार्टर का उद्देश्य रोगियों के अधिकारों को एक दस्तावेज में लाना है.

रोगियों की भी कुछ जिम्मेदारियाँ होंगी –

  • रोगी अपने चिकित्सक को सभी बातें बिना छुपाये बतायेगा जिससे कि सही निदान और उपचार हो सके.
  • रोगी को चिकित्सक से मिलने के समय से सम्बन्धित सभी निर्देशों का अनुपालन करना होगा और हॉस्पिटल के कर्मचारियों और साथी रोगियों से सहयोग करना होगा तथा ऐसा कुछ करने से बचना होगा कि दूसरे रोगियों को कोई दिक्कत हो.
  • रोगी को अस्पताल में सफाई बनाए रखने में सहयोग देना होगा.
  • रोगी को चाहिए कि वह चिकित्सक और अन्य हॉस्पिटल कर्मचारियों की गरिमा का आदर करे और शिकायत कोई भी हो पर रोगी अथवा उसके साथ आये परिजन किसी भी प्रकार की हिंसा पर उतारू न हों.
  • रोगी यदि उपचार के किसी विशेष विकल्प को चुनता है अथवा उपचार से इनकार करता है तो इसकी जिम्मेदारी रोगी को ही लेनी होगी.

Prelims Vishesh

Jiban Sampark Project of Odisha :-

  • विशेष रूप से संकटापन्न जनजातीय समूहों के कल्याण के लिए ओडिशा सरकार ने जीबन सम्पर्क नामक एक परियोजना आरम्भ की है जो UNICEF के साहचर्य से चलाई जायेगी.
  • विदित हो कि विशेष रूप से संकटापन्न जनजातियों की संख्या भारत में सबसे अधिक ओडिशा (13) में है और उसके बाद आंध्र प्रदेश (12) का स्थान है.

Jan Shikshan Sansthans (JSS) :-

  • भारत सरकार द्वारा व्यावसायिक प्रशिक्षण देने के लिए स्थापित जन शिक्षण संस्थानों के लिए नए दिशा-निर्देश निर्गत किये गये हैं.
  • जन शिक्षण संस्थानों में निरक्षर, नवसाक्षर और पाठशाला की पढ़ाई छोड़ देने वाले व्यक्तियों को ऐसे कौशलों के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण दिया जाता है जिनकी बाजार में अधिक माँग होती है.

Sarus crane:

  • विश्व के सबसे लम्बे उड़ने वाले पक्षी सारस की संख्या भारत के राज्य उत्तर प्रदेश में बढ़ती जा रही है. 2017 की तुलना में 2018 में ये पक्षी 2% बढ़ गये हैं.
  • यह एकमात्र ऐसा बड़ा क्रेन पक्षी है जो भारत में ही प्रजनन करता है.
  • IUCN ने इसे “संकटापन्न” बताया है.
  • भारतीय उपमहाद्वीप के अतिरिक्त सारस दक्षिण-पूर्व एशिया और उत्तरी ऑस्ट्रेलिया में पाए जाते हैं.

Brand Finance Global 500, 2019 :-

  • ब्रांड फाइनेंस ग्लोबल 500 के 2019 के प्रतिवेदन के अनुसार टाटा ब्रांड इस वर्ष 86वें स्थान पर आ गया है जबकि पिछले वर्ष इसका स्थान 104वाँ था.
  • प्रतिवेदन के अनुसार इटली का सुपर कार निर्माता फरारी विश्व का सबसे तगड़ा ब्रांड है.

Indian Railways’ fastest Train 18 named Vande Bharat Express :

  • भारत में बनी पहली विदेशी इंजन-रहित तीव्रगामी ट्रेन – TRAIN 18 – का नाम वन्दे भारत एक्सप्रेस रखा गया है.
  • यह ट्रेन दिल्ली से वाराणसी तक अधिकतम 160 किमी/घंटे की गति से चलेगी.

India’s Second Tulip Garden to Come up in Uttarakhand :

  • ONGC उत्तराखंड के पिथोरागढ़ में ट्यूलिप फूलों की एक फुलवारी बनाने जा रहा है जिसपर 50 करोड़ रू. का खर्च आएगा.
  • यह भारत की दूसरा ट्यूलिप फुलवारी होगी. पहली फुलवारी जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में अवस्थित है.

Atal Setu of Goa :

  • हाल ही में गोवा में मंडोवी नदी (महादायी नदी) पर बने 1 किमी. लम्बे तारों पर खड़े पुल – अटल सेतु – का उद्घाटन किया गया है.
  • यह पुल राजधानी पणजी जो उत्तरी गोवा से जोड़ता है.

Nari Shakti: Hindi Word of the Year 2018 :-

ऑक्सफ़ोर्ड शब्दकोशों ने “नारीशक्ति” शब्द को 2018 वर्ष का शब्द चुना है.

Pahari community :

  • जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल ने पहाड़ी समुदाय के व्यक्तियों को आरक्षण देने वाले कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2014 को मंजूरी दे दी है.
  • पहाड़ी समुदाय एक भाषा-आधारित समुदाय है जिसमें हिन्दू और मुस्लिम दोनों आते हैं.

Satkosia Tiger Reserve :

  • ओडिशा के सतकोसिया व्याघ्र आश्रयणी ने 2 प्रशिक्षित हाथियों को गश्ती के काम में लगाया है.
  • ये हाथी अपने महावतों के साथ आश्रयणी के ऐसे बीहड़ क्षेत्रों में जाकर गश्त लगायेंगे जहाँ जीप नहीं पहुँच पाते हैं.
  • ये गश्त इसलिए लगाये जाते हैं कि बाघों को शिकारियों से बचाया जा सके.

Technical textiles :

  • भारत का कपड़ा मंत्रालय मुंबई में तकनीकी कपड़ों के विषय में राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करने जा रहा है.
  • तकनीकी कपड़ा वह कपड़ा होता है जिसका निर्माण मुख्य रूप से तकनीकी कामों के लिए होता है न कि साज-सज्जा के लिए.
  • वाहनों (गाड़ियों) में उपयोग में आने वाले वस्त्र, चिकित्सा में उपयोग किये जाने वाले वस्त्र, भू-वसन (geotextiles, तटबन्धों की मजबूती के लिये प्रयुक्त), कृषिवसन (agrotextiles, फसलों की सुरक्षा के लिये प्रयुक्त), सुरक्षा वस्त्र (ऊष्मा एवं विकिरण से सुरक्षा, अग्नि-सुरक्षा) आदि तकनीकी वस्त्र के कुछ उदाहरण हैं.

विगत DCA में कुछ त्रुटियाँ :- (सही)    (गलत)

10 January, 2019

  • यह परियोजना वस्तुतः 2005 की परियोजना है जो जापान की अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (International Cooperation Agency) की सहायता से चल रही है. इसको मार्च 2022 तक पूरा हो जाना चाहिए था, पर कई कारणों से ऐसा हो न सका.
  • यह परियोजना वस्तुतः 2005 की परियोजना है जो जापान की अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (International Cooperation Agency) की सहायता से चल रही है. इसको मार्च 2012 तक पूरा हो जाना चाहिए था, पर कई कारणों से ऐसा हो न सका.

23 January, 2019

  • GDP के प्रतिशत के रूप में केंद्र का समग्र ऋण 2017-18 में घटकर 5% हो गया है जब कि मार्च 31, 2014 में यह प्रतिशत 47.5 था.
  • GDP के प्रतिशत के रूप में केंद्र का समग्र ऋण 2017-18 में घटकर 46.5% हो गया है जब कि मार्च 31, 2014 में यह प्रतिशत 47.5 था.

25 January, 2019

  • लंबित वादों की संख्या भी 2014 से 2016 तक लगभग समान रही (क्रमशः 3%, 87.3% और 89.3%).
  • लंबित वादों की संख्या भी 2014 से 2016 तक लगभग समान रही (क्रमशः 85.3%, 87.3% और 89.3%).

25 January, 2019 Prelims Vishesh

  • कलामसैट उपग्रह दो महीने चलेगा. यह एक अतिसूक्ष्म उपग्रह है जो मात्र 10 से.मी. आकार का और 2 किलो भारी है.
  • कलामसैट उपग्रह दो महीने चलेगा. यह एक अतिसूक्ष्म उपग्रह है जो मात्र 10 से.मी. आकार का और 1.2 किलो भारी है.

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