Sansar Daily Current Affairs, 28 July 2018
GS Paper 3 Source: The Hindu
Topic : India: AI Superpower or Client Nation
- गूगल के CEO के अनुसार कृत्रिम बुद्धि (artificial intelligence – AI) मानव सभ्यता में एक मुख्य भूमिका निभाने जा रहा है.
- उनका कहना है कि यह सभ्यता के लिए उतना ही क्रांतिकारी है जितना कभी आग या बिजली हुआ करती थी.
- परन्तु स्टीफन हॉकिंग को डर था कि AI मानवता का अंत कर सकता है.
- विदित हो कि औद्योगिक क्रांति आने के बाद आदमी अथवा पशु की ताकत की जगह मशीनों ने ले ली थी. ठीक इसी प्रकार AI हमारी आर्थिक, सामाजिक और राजनैतिक व्यवस्था को बदल डालेगी.
AI की दौड़ में भारत कहाँ पर है?
- डाटा को सँभालने वाले कुशल पेशेवरों के मामले में भारत पीछे चल रहा है.
- चीन और अमेरिका में AI के विकास में Baidu और Google जैसी विशाल तकनीकी कंपनियाँ नेतृत्व कर रही हैं. परन्तु भारत में इस काम में कोई बड़ी कंपनी नहीं लगी हुई है अपितु स्टार्ट-अप ही कुछ काम कर रहे हैं.
- भारत में स्वदेशी व्यावसायिक डाटा की विशाल प्रणालियाँ नहीं हैं. शीघ्र ही वालमार्ट और अमेजन के पास भारत के उपभोक्ताओं के व्यवहार तथा अन्य आर्थिक गतिविधियों का अधिकाँश डाटा उपलब्ध हो जाएगा जिसके आधार पर वे विभिन्न प्रकार की AI का विकास कर पायेंगे.
- AI के महत्त्व को देखते हुए भारत सरकार ने डिजिटल इंडिया कार्यक्रम चलाया है जिसके अंतर्गत AI के क्षेत्र में कार्य के लिए बजट की राशि दुगुनी कर इस वर्ष 3,073 करोड़ रु. कर दी गई है.
- यह प्रयास स्वागत योग्य है पर चीन की तुलना में यह बहुत कम है.
- ज्ञातव्य है कि चीन बीजिंग में एक AI तकनीकी पार्क बनाने जा रहा है जो 2.1 करोड़ रु. का होगा. यह खर्च अमेरिका के इस विषय में खर्च से अधिक बड़ा है.
AI का विकास करने में भारत की सहायता कौन करेगा?
- विदेशी डिजिटल कंपनियाँ जैसे – अमेज़न, गूगल, अलीबाबा, बैदु, माइक्रोसॉफ्ट इत्यादि.
- विभिन्न स्टार्ट-अप तथा AI applications.
निष्कर्ष
सच्चाई यह कि भारत AI के मामले में एक उपभोक्ता देश है. इसे अपने बल पर AI की महाशक्ति बनने के लिए अथक प्रयास करने होंगे.
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : Dilution of the Right to Information Act
- भारत ने अक्टूबर 2005 में सूचना अधिकार अधिनियम, RTI लागू किया था और इस प्रकार वह ऐसा करने वाला विश्व का 56वाँ देश बन गया था.
- समय-समय पर सरकार ने ऐसे कदम उठाये हैं जिन्हें अधिनियम को कमजोर करने वाला कहा जा सकता है.
- एक बार 2006 में फाइल की टिप्पणियों को इस अधिनियम के दायरे से मुक्त करने का प्रयास हुआ था.
- 2009 में भी यह प्रयास हुआ था कि मनगढ़ंत RTI प्रश्नों को बंद किया जाए.
- यह दोनों प्रयास असफल रहे थे. इसी क्रम में 2018 का RTI संशोधन विधेयक लाया गया.
- ज्ञातव्य है कि RTI अधिनियम सूचना आयोगों को चुनाव आयोगों के बराबर का दर्जा दिया गया था.
- इस दर्जा को समाप्त किया जा रहा है.
- विधेयक में प्रस्ताव है कि केंद्र सरकार CIC (Central Information Commissioner) तथा IC (Information Commissioner) का वेतन आदि तय किया करेगी.
- अधिनियम में इन अधिकारियों का कार्यकाल 5 साल निर्धारित था परन्तु विधेयक में यह प्रस्ताव दिया जा रहा है इनके कार्यकाल का निर्धारण केन्द्रीय सरकार के इच्छानुसार होगा.
- मूल अधिनियम में राज्य सरकार को राज्य सूचना आयुक्तों को चुनने का अधिकार था. प्रस्तावित संशोधन में यह प्रावधान है कि राज्य सूचना आयुक्तों का कार्यकाल, दर्जा और वेतन केंद्र तय करेगा.
- इन परिवर्तनों के लिए सरकार ने यह तर्क दिया है कि चुनाव आयोग एक संवैधानिक निकाय है जबकि केन्द्रीय एवं राज्य सूचना आयोग वैधानिक निकाय हैं जिनकी स्थापना RTI अधिनियम, 2005 के तहत हुई है.
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : India and China – to play a larger role in Africa
- आजकल भारत और चीन अफ्रीका में विशेष रूचि दिखला रहे हैं.
- हाल ही में भारतीय प्रधानमन्त्री रवांडा और युगांडा गये थे. इसके पहले वे 2016 में मोजाम्बिक, द.अफ्रीका, तंजानिया और केन्या गये थे.
- पीछले 4 सालों में भारत के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमन्त्री अफ्रीका के 23 दौरे लगा चुके हैं.
- दूसरी ओर चीन के अधिकारी सेनेगल और रवांडा जा चुके हैं और एक बार मॉरिशस में रुक चुके हैं.
- इसके अतिरिक्त 2018 के जून में चीन की राजधानी में चीन-अफ्रीका रक्षा एवं सुरक्षा मंच (China-Africa Defence and Security Forum) की पहली बैठक हुई थी जिसमें बहुत सारे अफ़्रीकी देशों के मंत्री और सैन्य प्रधान आये थे.
भारत और चीन के दृष्टिकोण में अंतर
- भारत अफ्रीका के साथ दीर्घकालिक संबंधों पर बल देता है, जैसे अफ्रीका की उत्पादन क्षमता को बढ़ाना, उसके कौशल और ज्ञान में विविधता लाना तथा छोटे और मंझोले कारोबार में पैसा लगाना.
- दूसरी ओर चीन का दृष्टिकोण अधिक पारम्परिक है अर्थात् वह इन विषयों पर बल देता है – संसाधनों का दोहन, आधारभूत संरचना बनाना तथा समृद्धि लाना.
- वर्तमान में चीन अफ्रीका का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है (2011 में $166 billion).
- भारत और अफ्रीका में $62.66 billion का व्यापार (2017-2018)
भारत और अफ्रीका में आपसी संपर्क क्षमता को बढ़ाने से सम्बंधित कार्यक्रम
- मौसम परियोजना (Project Mausam)
- सागर योजना (Security and Growth for All in the Region) और सागरमाला कार्यक्रम
- अखिल अफ्रीकी ई-नेटवर्क परियोजना (Pan African e-Network project ) जो टेली-शिक्षा और टेली-औषधि से सम्बंधित है.
- भारतीय शहरों और अफ्रीकी शहरों के बीच सीधी विमान सेवाएँ.
- एशिया और अफ्रीका के विकास के लिए अफ्रीका में जापान के सहयोग से औद्योगिक गलियारों तथा संस्थागत नेटवर्कों का निर्माण.
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