Sansar Daily Current Affairs, 28 November 2018
GS Paper 2 Source: PIB
Topic : ‘HAUSLA-2018’ was inaugurated in the Capital
संदर्भ
भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने हाल ही में बाल देखभाल संस्थानों के बच्चों के लिए राष्ट्रीय उत्सव – हौसला 2018 (National Festival for Children of Child Care Institutions (CCIs) – Hausla 2018) का अनावरण किया है.
यह उत्सव सभी प्रकार के बाल देखभाल से जुड़े संस्थानों से सम्बन्धित है जिसमें 18 राज्यों के बच्चे विभिन्न प्रतियोगिताओं में सम्मिलित होते हैं, जैसे – चित्रकला, एथलेटिक्स, फुटबॉल, शतरंज और भाषण लेख.
हौसला के आयोजन का उद्देश्य
- भारत-भर में फैले हुए बाल देखभाल से सम्बन्धित संस्थानों के बच्चों को एक राष्ट्रीय मंच प्रदान करना जहाँ वे अपनी प्रतिभा को सिद्ध कर सकें.
- प्रतिभागी बच्चों को अपनी छिपी हुई प्रतिभा ओ समझने का अवसर देना.
- बच्चों में जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा देना.
हौसला 2018 की थीम है – बाल सुरक्षा / “Child Safety”
GS Paper 2 Source: PIB
Topic : “Paisa – Portal for Affordable Credit & Interest Subvention Access”, Launched under Day-NULM
संदर्भ
भारत सरकार ने दीनदयाल अन्त्योदय योजना – राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (DAY-NULM) के अंतर्गत लाभार्थियों को दिए जाने वाले बैंक ऋण से सम्बन्धित ब्याज के प्रसंस्करण के लिए एक केंद्रीकृत इलेक्ट्रॉनिक मंच – PAiSA – का अनावरण किया है.
इस ऐप का रूपांकन और निर्माण इलाहाबाद बैंक ने किया है जो इसके लिए नाभिक बैंक (nodal bank) है.
PAiSA के लाभ
- सरकारी सेवाओं को लाभार्थियों तक पहुँचाने में अधिक से अधिक पारदर्शिता और कुशलता आएगी जिसके लिए सरकार निरंतर प्रयासरत रहती है.
- इससे लाभार्थियों को मासिक स्तर पर प्रत्यक्ष लाभ स्थानान्तरण (DBT) की राशि ससमय प्राप्त हो सकेगी और उन्हें आर्थिक सहारा मिलेगा.
यह आशा है कि इस वर्ष के अंत-अंत तक सभी 35 राज्य/केंद्रशाषित क्षेत्र, सभी अधिसूचित वाणिज्यिक बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (RRB) और सहकारी बैंक इस मंच से जुड़ जायेंगे.
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : Article 370
संदर्भ
सर्वोच्च न्यायालय ने संविधान की धारा 370 के बारे में दायर किये गये एक नए प्रार्थनापत्र को सुनने से इनकार कर दिया है. इनकार का आधार यह दिया गया है कि धारा 370 के विषय में पहले से ही कई प्रार्थनापत्र उस न्यायालय में लम्बित हैं. इसलिए नए प्रार्थनापत्र की आवश्यकता नहीं है.
इस प्रार्थनापत्र में क्या माँगा गया था?
- प्रार्थनापत्र में धारा 370 को ख़त्म करने की माँग की गई थी.
- धारा 370 को इस आधार पर खारिज करने की प्रार्थना की गई थी कि यह जम्मू-कश्मीर की संविधान सभा के जनवरी 26, 1957 में विघटन के साथ ही निरस्त हो गई थी.
- जम्मू-कश्मीर के संविधान को भी निरस्त किया जाए क्योंकि यह “एक राष्ट्र, एक संविधान, एक राष्ट्रगान एवं राष्ट्रीय ध्वज” के सिद्धांत के विरुद्ध है.
- इसमें जम्मू-कश्मीर के संविधान के कुछ प्रावधानों को निरंकुश घोषित करने की माँग की गई है, जैसे – स्थायी आवास और घाटी के झंडे से सम्बन्धित प्रावधान.
- देश के लिए एक संविधान और उसी के समानांतर किसी राज्य में एक अलग संविधान होना व्यर्थ की द्वैधता है क्योंकि भारतीय संविधान के अधिकांश प्रावधान उस राज्य में लागू हो ही चुके हैं.
- जम्मू-कश्मीर का संविधान भारत के संविधान के लागू होने के बहुत बाद अंगीकृत किया गया था, इसलिए यह अवैध है.
- जब जम्मू-कश्मीर का भारत में विलय हुआ था तो सम्बंधित आलेख में यह नहीं कहा गया था कि जम्मू-कश्मीर के लिए कोई अलग संविधान या कोई अलग संविधान सभा होगी.
धारा 370 का इतिहास
1947 ई. जब भारत का विभाजन हुआ तो अंग्रेजों ने रजवाड़ों को स्वतंत्र कर दिया था. उस समय जम्मू-कश्मीर का राजा हरि सिंह स्वतंत्र रहना चाहता था और भारत में विलय होने का विरोध करने लगा. उस समय सभी अन्य राज्य जो रजवाड़े के अन्दर आते थे उन्होंने भी भारत देश में विलय का छुटपुट विरोध किया पर सरदार पटेल के भय से सब भारत में मिल गए. मगर कश्मीर का मामला नेहरु ने अपने हाथ में ले लिया और पटेल को इससे अलग रखा. उस वक़्त नेहरु और अब्दुल्ला के बीच बातचीत हुई और जम्मू-कश्मीर की समस्या शुरू हो गयी.
- जम्मू-कश्मीर में पहली अंतरिम सरकार बनाने वाले नेशनल कॉफ्रेंस के नेता शेख़ अब्दुल्ला ने भारतीय संविधान सभा से बाहर रहने की पेशकश की थी.
- इसके बाद भारतीय संविधान में धारा 370 का प्रावधान किया गया जिसके तहत जम्मू-कश्मीर को विशेष अधिकार प्राप्त हैं.
- 1951 में राज्य को संविधान सभा को अलग से बुलाने की अनुमति दी गई.
- नवंबर, 1956 में राज्य के संविधान का कार्य पूरा हुआ. 26 जनवरी, 1957 को राज्य में विशेष संविधान लागू कर दिया गया.
धारा 370 क्या है?
- भारतीय संविधान की धारा 370 एक प्रावधान है जो जम्मू-कश्मीर को एक विशेष स्वायत्ता प्रदान करता है. संविधान के भाग XXI के अनुसार यह प्रावधान अस्थायी है.
- धारा 370 के अनुसार राज्य में केन्द्रीय कानून लागू करने के पहले संसद को राज्य सरकार से सहमति लेना आवश्यक है. यद्यपि यह प्रावधान रक्षा, विदेशी मामलों, वित्त और संचार के मामलों में लागू नहीं होता है.
- भारत के नागरिक जम्मू-कश्मीर में भूमि अथवा सम्पत्ति नहीं खरीद सकते हैं.
- यदि केंद्र धारा 360 (Article 360) के अंतर्गत भारत में वित्तीय आपातकाल लागू करता है तो यह आपातकाल जम्मू-कश्मीर पर प्रभावी नहीं होगा. हालाँकि यदि युद्ध हो अथवा बाहारी आक्रमण हो तो जम्मू-कश्मीर में भी आपातकाल लागू किया जा सकता है.
- भारत सरकार जम्मू-कश्मीर की सीमाओं को न तो बढ़ा सकती है अथवा घटा सकती है.
- भारतीय संसद का जम्मू-कश्मीर के मामले में क्षेत्राधिकार केन्द्रीय सूची और समवर्ती सूची के मामलों तक सीमित है. जम्मू-कश्मीर राज्य के लिए कोई राज्य सूची नहीं है.
- भारतीय संविधान में यह प्रावधान है कि जो कार्य केन्द्रीय, समवर्ती अथवा राज्य सूची में नहीं शामिल है वह स्वतः केंद्र का कार्य मान लिया जाता है, परन्तु जम्मू-कश्मीर के मामले में ऐसा नहीं है. यह अवश्य है कि कुछ ऐसे मामले हैं जिसमें संसद का क्षेत्राधिकार इस राज्य पर होता है जैसे देशद्रोह अथवा देश-विभाजन अथवा संप्रभुता पर आँच अथवा भारत की एकता से सम्बन्धित मामले.
- भारत में एहतियात के तौर पर बंदीकरण का क़ानून बनाने का काम संसद का होता है, परन्तु जम्मू-कश्मीर में ऐसा कानून वहाँ की विधान सभा ही बना सकती है.
- राज्य के नीति-निर्देशक तत्त्व (Part IV) तथा मौलिक कर्तव्य (Part IVA) जम्मू-कश्मीर पर लागू नहीं होते हैं.
GS Paper 3 Source: PIB
Topic : Government of India and Asian Development Bank (ADB) sign $200 Million Loan to improve State Highways in Bihar.
संदर्भ
एशियाई विकास बैंक (Asian Development Bank – ADB) और भारत सरकार ने 200 मिलियन रु. के ऋण के एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. इस राशि से बिहार में 230 किलोमीटर राज्यमार्ग को चौड़ा और उन्नत किया जाएगा. इस प्रकार ये राजमार्ग न केवल सभी ऋतुओं में आवागमनीय होंगे अपितु इनमें सड़क सुरक्षा के सभी इंतजाम होंगे.
परियोजना के अंतर्गत सड़क सुधार के लाभ
- इससे गाड़ी चलाने की लागत और यात्रा के समय में बचत होगी.
- गाड़ियों से होने वाले उत्सर्जन में कमी आयेगी.
- इससे सड़क-सुरक्षा में सुधार आएगा.
एशियाई विकास बैंक के बारे में
- ADB का मुख्यालय मनीला, फिलीपींस में है.
- एशियाई विकास बैंक में 67 सदस्य देश शामिल हैं जिसमें 48 एशिया और प्रशांत क्षेत्र से हैं और और बाकी बाहर से हैं.
- ADB को विश्व बैंक की तर्ज पर ही तैयार किया गया था.
- इसमें विश्व बैंक की तरह ही वोटिंग में weightage की प्रणाली है अर्थात् जो देश बैंक को जितनी पूँजी देता है, उसके वोट का महत्त्व उतना ही होता है.
- ADB विश्व पूँजी बाजार में निर्गत बॉन्ड के माध्यम से धन जुटाया करता है. यह अपने सदस्य देशों द्वारा किये गये आर्थिक योगदान, उधार से हुई कमाई एवं ऋणों की वापसी से अपनी आर्थिक जरूरतों को पूरा करता है.
- इसमें प्रत्येक सदस्य राज्य से एक प्रतिनिधि होता है.
- बोर्ड ऑफ गवर्नर बैंक के अध्यक्ष का चुनाव करते हैं.
- इस बैंक के अध्यक्ष का कार्यकाल 5 वर्षों का होता है और इसे पुनः निर्वाचित किया जा सकता है.
- परंपरागत रूप से अब तक नियुक्त अध्यक्ष सदैव जापान से ही रहे हैं और यह संभवतः इसलिए भी है क्योंकि जापान बैंक के सर्वाधिक बड़े शेयरधारकों में से है.
GS Paper 3 Source: PIB
Topic : Protocol amending India-China DTAA
संदर्भ
हाल ही में भारत और चीन की सरकारों ने एक संधि पर हस्ताक्षर करके दोहरे कराधान से बचाव के समझौते (Double Taxation Avoidance Agreement – DTAA) को संशोधित कर दिया है.
विदित हो कि 1961 के आयकर अधिनियम के अनुभाग 90 में यह प्रावधान है कि भारत किसी भी विदेशी देश अथवा विशिष्ट क्षेत्र से दोहरे आयकर से बचने के लिए तथा आयकर की चोरी को रोकने के लिए सूचनाओं का आदान-प्रदान करने के लिए संधि कर सकता है.
इस संशोधन का उद्देश्य है –
- दोहरे कराधान से बचना.
- आयकर की चोरी की रोकथाम करना.
- संशोधन के द्वारा सूचनाओं के आदान-प्रदान से सम्बन्धित प्रावधानों को सुधार कर उन्हें नवीनतम अंतर्राष्ट्रीय स्तर का बनाया गया है.
- बेस इरोजन एंड प्रॉफिट शिफ्टिंग (BEPS) से सम्बन्धित कार्य-प्रतिवेदन के अंतर्गत न्यूनतम मानकों को लागू करने के लिए आवश्यक सुधार किये गये हैं. ज्ञातव्य है कि BEPS परियोजना में भारत भी एक समान अधिकार से युक्त प्रतिभागी है.
दोहरे कराधान से बचाव का समझौता (DTAA) क्या है?
- यह समझौता कराधान से सम्बंधित एक द्विपक्षीय संधि है जिसमें दो देश एक ऐसा समझौता करते हैं जिसका उद्देश्य एक ही आय पर दोनों देशों में कराधान से बचा जा सके.
- DTAA तब लागू होता है जब एक करदाता रहता एक देश में है और कमाई दूसरे देश में करते हैं.
- DTAA या तो आय के सभी स्रोतों पर लागू होता है अथवा कोई ख़ास-ख़ास आय पर, जैसे – जहाज से, हवाई जहाज से माल ढुलाई, उत्तराधिकार इत्यादि.
- भारत दोहरे कराधान से बचने के लिए 80 से अधिक देशों से संधि कर चुका है.
GS Paper 3 Source: The Hindu
Topic : NASA’s InSight spacecraft lands on red planet after six-month journey
संदर्भ
हाल ही में नासा का InSight नामक अन्तरिक्षयान अपनी 6 महीने और 482 मिलियन किलोमीटर की यात्रा पूरी कर मंगल ग्रह पर उतर गया. विदित हो कि यह अन्तरिक्षयान विशेष रूप से इस प्रकार बनाया गया है कि यह उस ग्रह के सतह के नीचे खोदकर आवश्यक छानबीन कर सके.
1976 में आरम्भ वाइकिंग खोज शृंखला से लेकर अभी तक नासा ने मंगल ग्रह पर अन्तरिक्षयान उतारने के कई प्रयास किये हैं. यह प्रयास नौंवा है. अब तक के सभी प्रयास एक को छोड़कर सफल रहे हैं. स्मरण हो कि नासा का अंतिम अंतरिक्षयान Curiosity rover 2012 में मंगल ग्रह पर उतरा था.
नासा का InSight Mars Lander मिशन
नासा इस अभियान में एक रोबोटिक geologist भेजा है जो मंगल की खुदाई करके मंगल के तामपान को जानने की कोशिश करेगा. इस मिशन का मुख्य काम मंगल ग्रह की गहरी संरचना के विषय में जानकारी इकठ्ठा करना है. मंगल के सतह, वायुमंडल, आयनमंडल के बारे में वैज्ञानिक पहले से ही जान चुके हैं पर मंगल की सतह के नीचे क्या है, यह अभी भी जानना बाकी रह गया है.
क्या है तकनीक?
- इस मार्स लैंडर में एक सिस्मोमीटर लगा है जो भूकम्प की तीव्रता की जाँच करेगा.
- इसमें एक हीट फ्लो लगा है जो मंगल के सतह से 5 मीटर/16 ft. तक अन्दर जाकर तापमान जानने की कोशिश करेगा.
- इस अन्तरिक्ष यान में एक रेडियो विज्ञान यंत्र भी लगा हुआ है जो मंगल ग्रह की संरचना और बदलावों की जाँच करेगा.
- इस लैंडर में एक थर्मल शील्ड भी लगा है जिसका कार्य पर्यावरण से सिस्मोमीटर को बचाना है.
क्या-क्या खोज करेगा?
- यह Insight Mars Lander मंगल ग्रह की चट्टानों और इस ग्रह का निर्माण कैसे हुआ, यह पता लगाएगा.
- मंगल के rotation track और core के बारे में जानकारी जुटाएगा.
मिशन के लिए मंगल ग्रह ही क्यों?
सौर मंडल के अन्य ग्रहों की तुलना में मंगल न तो बहुत बड़ा है और न ही बहुत छोटा ही है. इसका अर्थ यह हुआ कि मंगल में उसके निर्माण का रिकॉर्ड सुरक्षित है जिससे यह पता लग सकता है कि हमारे ग्रह कैसे बने हैं. सच पूछा जाए तो मंगल ग्रह एक ऐसी उपयुक्त प्रयोगशाला है जिसमें चट्टानी उपग्रहों के निर्माण और विकास का अध्ययन किया जा सकता है. वैज्ञानिकों को पता है कि इस ग्रह में भूवैज्ञानिक गतिविधियाँ उतनी प्रबल नहीं है परन्तु InSight जैसे अन्तरिक्षयान इस सम्बन्ध में अधिक सटीक ज्ञान दे सकेंगे.
InSight Mars Lander Quick Facts
- इसकी लागत 82.88 करोड़ डॉलर है.
- इसकी भार 360 kg. है.
- NASA पहली बार InSight को अमेरिका के पश्चिमी तट से प्रक्षेपित कर रहा है. इससे पहले NASA के ज्यादातर मिशन अमेरिका के पूर्वी तट में स्थित फ्लोरिडा के Kennedy Space Center से छोड़े जाते हैं.
NASA के पहले के Mars Mission
मरीनर 3 and 4
मरीनर 3 प्रक्षेपण की तिथि: Nov. 5, 1964
मरीनर 4 प्रक्षेपण की तिथि: Nov. 28, 1964
मरीनर 6 and 7
मरीनर 6 प्रक्षेपण की तिथि: Feb. 24, 1969
मरीनर 7 प्रक्षेपण की तिथि: Mar. 27, 1969
मरीनर 8 and 9
मरीनर 8 प्रक्षेपण की तिथि: May 8, 1971
मरीनर 9 प्रक्षेपण की तिथि: May 30, 1971
Viking (विकिंग)
Viking (विकिंग) 1 प्रक्षेपण की तिथि: Aug. 20, 1975
Viking (विकिंग) 2 प्रक्षेपण की तिथि: Sept. 9, 1975
मार्स आब्जर्वर
प्रक्षेपण की तिथि: Sept. 25, 1992
मार्स पाथ-फाइंडर
प्रक्षेपण की तिथि: Dec. 4, 1996
मार्स क्लाइमेट ऑर्बिटर
प्रक्षेपण की तिथि: Dec. 11, 1998
मार्स पोलर लैंडर/डीप स्पेस 2
प्रक्षेपण की तिथि: Jan. 3, 1999
मार्स ग्लोबल सर्वेयर
प्रक्षेपण की तिथि: Nov. 7, 1996
Phoenix
प्रक्षेपण की तिथि: Aug. 4, 2007
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