Sansar Daily Current Affairs, 30 April 2021
GS Paper 2 Source : PIB
UPSC Syllabus : Functions and responsibilities of the Union and the States, issues and challenges pertaining to the federal structure, devolution of powers and finances up to local levels and challenges Government strives to have a workforce which reflects gender balance and women candidates are encouraged to apply. Therein.
Topic : President’s Rule
संदर्भ
हाल ही में, कोविड-19 मामलों की संख्या में भारी वृद्धि को देखते हुए, ‘आम आदमी पार्टी’ (AAP) विधायक शोएब इकबाल ने दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाने की माँग की थी. इनका कहना है, कि न तो वह स्वयं और न ही सरकार, कोविड-19 की दूसरी लहर से प्रभावित लोगों की कोई सहायता कर पाने में सक्षम है. इसलिए, दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लागू किया जाना चाहिए.
वर्तमान स्थिति पर उच्च न्यायालय द्वारा की गई टिप्पणियाँ
- एक कोविड-19 से संक्रमित मरीज की मृत्यु पर वेदना व्यक्त करते हुए, दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा है कि “राज्य, नागरिकों के जीवन के अधिकार की रक्षा करने में विफल हो चुका है”. उक्त मरीज का परिवार पिछले तीन दिनों से ICU बिस्तर के लिए अनुरोध कर रहा था.
- न्यायालय ने कहा, कि राज्य, संविधान के अनुच्छेद 21 के अंतर्गत प्रत्याभूत ‘नागरिकों को जीवन का अधिकार’ की रक्षा करने में असफल हो चुका है.
राष्ट्रपति शासन क्या होता है?
संविधान के अनुच्छेद 356 के अनुसार, यदि राष्ट्रपति को राज्यपाल से सूचना मिले अथवा उसे यह विश्वास हो जाए कि किसी राज्य में संविधान के अनुसार शासन चलाना असंभव हो गया है, तो वह घोषणा द्वारा उस राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर सकता है. ऐसी स्थिति में वह राज्य की कार्यपालिका शक्ति अपने हाथों में ले सकता है. राज्य के विधानमंडल की शक्तियाँ संसद राष्ट्रपति को दे सकती है. राष्ट्रपति कभी भी दूसरी घोषणा द्वारा इस घोषणा को रद्द कर सकता है. राष्ट्रपति शासन के लिए संसद के दोनों सदनों की स्वीकृति आवश्यक है. यह शासन मूल्यतः छह महीने के लिए होता है किन्तु यदि आवश्यकता हो तो इसे आगे अधिकतम तीन वर्षों के लिए बढ़ाया जा सकता है. इस विस्तार के लिए हर छह महीने पर संसद का अनुमोदन अनिवार्य होता है.
GS Paper 2 Source : The Hindu
UPSC Syllabus : India and neighbours.
Topic : Karen rebels
संदर्भ
म्यांमार में फ़रवरी 1 को हुए तख्तापलट के पश्चात्, जातीय अल्पसंख्यक करेन विद्रोहियों द्वारा म्यांमार सेना की चौकियों की कुछ हमले किये गए, जिसके बाद म्यांमार सेना ने थाई सीमा के निकट स्थित एक गाँव और सीमांत बस्ती पर हवाई हमले प्रारम्भ कर दिए हैं.
‘करेन नेशनल यूनियन’ (Karen National Union- KNU), म्यांमार का सबसे प्राचीन विद्रोही समूह है. इसने कहा है कि उसके लड़ाकों ने साल्वीन नदी के पश्चिमी तट पर सेना के कैंप पर कब्ज़ा कर लिया है.
करेन विद्रोहियों (Karen Rebels) ने हाल ही में म्यांमार में एक सैन्य पोस्ट को जब्त कर लिया। यह पोस्ट उत्तर पश्चिमी थाईलैंड की सीमा के करीब स्थित है।
करेन विद्रोही कौन हैं?
- ए म्यांमार में सबसे पुराने विद्रोही समूह हैं. इन्होंने करेन नेशनल यूनियन (Karen National Union – KNU) का गठन किया है. ये 1949 से म्यांमार सरकार के विरुद्ध लड़ रहे हैं. ए एक स्वतंत्र राज्य के लिए लड़ रहे हैं जिसे “कावथूलेई” (Kawthoolei) कहा जाता है. यह दुनिया में सबसे लंबे समय तक चलने वाले नागरिक युद्धों में से एक है.
- करेन समुदाय एक जातीय अल्पसंख्यक है.
- इस संघर्ष के कारण, दो लाख से अधिक लोग पड़ोसी देश थाईलैंड को भाग गए हैं. इन्हें थाईलैंड में शरणार्थी शिविरों तक सीमित कर दिया गया है.
- करेन लोग म्यांमार के सबसे बड़े जातीय अल्पसंख्यकों में से एक हैं. उनकी जनसंख्या पांच से सात मिलियन है/ करेन द्वारा बोली जाने वाली 20 से अधिक अलग-अलग बोलियाँ हैं, Pwo और Sgaw सबसे व्यापक रूप से बोली जाती हैं.
KNU कौन हैं?
- ‘करेन नेशनल यूनियन’ (KNU) एक प्रमुख राजनीतिक संगठन है, जो थाईलैंड की सीमा पर स्थित करेन, अथवा कायिन (Kayin) राज्य में बसने वाले जातीय अल्पसंख्यक करेन समुदायों का प्रतिनिधित्व करता है.
- इसका लक्ष्य, जिन राज्यों में करेन समुदाय के लोग बहुसंख्यक है, उनमे आत्म-निर्णय (self-determination) का अधिकार प्राप्त करना है.
‘करेन संघर्ष’ का इतिहास
तत्कालीन बर्मा की आजादी के बाद की राजनीतिक प्रक्रिया में ‘करेन समुदाय’ हाशिए पर चला गया था. इसके बाद, वर्ष 1949 में ‘करेन नेशनल यूनियन’ (KNU) द्वारा एक विद्रोह शुरू किया गया, जो लगभग 70 वर्षों तक जारी रहा.
- म्यांमार के राज्य और सेना में बहुसंख्यक बामर समुदाय का वर्चस्व, इसकी इसकी प्रमुख शिकायतों में से एक है.
- इस संघर्ष को, विश्व में सबसे लंबे समय तक जारी रहने वाले गृहयुद्धों में से एक के रूप में वर्णित किया जाता है.
इनकी प्रमुख माँग
करेन राष्ट्रवादी, वर्ष 1949 से कावथोली (Kawthoolei) नामक एक स्वतंत्र राज्य के लिए संघर्ष कर रहे हैं.
GS Paper 2 Source : The Hindu
UPSC Syllabus : Important International institutions, agencies and fora, their structure, mandate.
Topic : Asian Development Bank
संदर्भ
हाल ही में ‘एशियाई विकास बैंक’ (Asian Development Bank – ADB) की वार्षिक बैठक (annual meeting) हुई है.
प्रमुख बिन्दु
- ‘एशियाई विकास बैंक’(Asian Development Bank) की वार्षिक बैठक (annual meeting) में भारत की ओर से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भाग लिया है.
- भारत की वित्त मंत्री ने एशियाई विकास बैंक की वार्षिक बैठक में कहा कि कोविड-19 महामारी के वर्तमान दौर में कोरोना वैक्सीन पर राष्ट्रवाद नहीं होना चाहिए. उन्होने वैश्विक समुदाय को आगाह किया कि कोरोना वैक्सीन पर राष्ट्रवाद पूरे विश्व को एक खतरनाक दिशा में ले जाएगा. अतः विकसित देशो को कोरोना वैक्सीन के उत्पादन के लिये जरूरी प्रौद्योगिकी साझा करनी चाहिए और इससे जुड़े महत्त्वपूर्ण उपकरणों एवं कच्चे माल की बेरोक-टोक आवाजाही भी सुनिश्चित करनी चाहिए.
- इसके अतिरिक्त, भारत की वित्त मंत्री ने कोविड-19 महामारी के संदर्भ में डबल्यूटीओ के बौद्धिक संपदा अधिकार से जुड़े व्यापार संबंधित पहलुओं (ट्रिप्स) पर गौर करने की जरूरत पर भी जोर दिया.
- भारत की वित्त मंत्री ने इस बात पर काफी ज़ोर दिया कि कोविड-19 महामारी की चुनौतियों से निपटने के लिये वैश्विक स्तर पर सबको मिलकर काम करने की आवश्यकता है.
- कोविड-19 महामारी से संबन्धित मुद्दों के अतिरिक्त, उन्होने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (MSMEs) का भी जिक्र किया. वित्त मंत्री ने कहा कि एमएसएमई, भारत जैसी अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं. यही कारण है कि भारत सरकार ने कोविड-19 महामारी के दौरान उनकी सहायता के लिये 3 लाख रुपये की कर्ज गारंटी के रूप में वित्तीय सहायता उपलब्ध करायी है.
- ज्ञातव्य है कि कोरोना की वैक्सीन बनाने वाली कई भारतीय कंपनियों को हाल ही में वैक्सीन के उत्पादन में समस्याओं का सामना करना पड़ा था, क्योंकि यूरोप और अमेरिका ने इसके कच्चे माल के निर्यात को प्रतिबंधित कर दिया था.
एशियाई विकास बैंक के बारे में
- यह एक क्षेत्रीय विकास बैंक है जिसकी स्थापना 19 दिसम्बर, 1966 को हुई थी.
- ADB का मुख्यालय मनीला, फिलीपींस में है.
- एशियाई विकास बैंक में 68 सदस्य देश शामिल हैं जिसमें 49 एशिया और प्रशांत क्षेत्र से हैं और और बाकी बाहर से हैं. (According to Wikipedia)
- इस बैंक में सदस्य के रूप में एशियाई क्षेत्र के बाहर के कुछ विकसित देशों के अतिरिक्त UNESCAP अर्थात् संयुक्त राष्ट्र एशिया-प्रशांत आर्थिक एवं सामाजिक आयोग के सदस्य भी लिए जाते हैं.
- ADB को विश्व बैंक की तर्ज पर ही तैयार किया गया था.
- इसमें विश्व बैंक की तरह ही वोटिंग में वेटेज की प्रणाली है अर्थात् जो देश बैंक को जितनी पूँजी देता है, उसके वोट का महत्त्व उतना ही होता है.
- ADB विश्व पूँजी बाजार में निर्गत बॉन्ड के माध्यम से धन जुटाया करता है. यह अपने सदस्य देशों द्वारा किये गये आर्थिक योगदान, उधार से हुई कमाई एवं ऋणों की वापसी से अपनी आर्थिक जरूरतों को पूरा करता है.
- इसमें प्रत्येक सदस्य राज्य से एक प्रतिनिधि होता है.
- बोर्ड ऑफ गवर्नर बैंक के अध्यक्ष का चुनाव करते हैं.
- इस बैंक के अध्यक्ष का कार्यकाल 5 वर्षों का होता है और इसे पुनः निर्वाचित किया जा सकता है.
- परंपरागत रूप से अब तक नियुक्त अध्यक्ष सदैव जापान से ही रहे हैं और यह संभवतः इसलिए भी है क्योंकि जापान बैंक के सर्वाधिक बड़े शेयरधारकों में से एक है.
GS Paper 2 Source : PIB
UPSC Syllabus : Government policies and interventions for development in various sectors and issues arising out of their design and implementation.
Topic : Scheduled drugs’ list
संदर्भ
बॉम्बे उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार से, ‘रेमेडिसविर’ के लिए अनुसूचित दवाओं की सूची (Scheduled drugs’ list) में सम्मिलित करने और इसकी कीमत को विनियमित करने के लिए कहा है.
न्यायालय ने यह निर्देश, खंडपीठ द्वारा, नागपुर जिले में ऑक्सीजन की कमी, रेमेडिसविर, टोसिलिजुमैब इंजेक्शन, और अस्पताल में चिकत्सीय विस्तरों की कमी पर स्वतः संज्ञान लेते हुए दायर की गई जनहित याचिका पर सुनवाई करने के दौरान निर्गत किया.
न्यायालय द्वारा सुझाए गए अन्य उपाय
न्यायालय ने यह भी कहा है, कि यदि ‘औषधि एवं प्रसाधन अधिनियम’ (Drugs and Cosmetics Act- DCA) के प्रावधानों की उदार व्याख्या की जाए तो दवाओं के मूल्य निर्धारण को विनियमित करना संभव है.
- ‘ड्रग और कास्मेटिक अधिनियम’ अर्थात् DCA के अंतर्गत, किसी प्राकृतिक आपदा या महामारी के दौरान आवश्यक दवाओं के मूल्यों को प्रतिबंधित करने अथवा विनियमित करने का प्रावधान किया गया है.
- ‘औषधि नियंत्रण अधिनियम’ (Drugs Control Act) तथा ‘औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम’ (DCA) के अंतर्गत, किसी महामारी के दौरान, केंद्र सरकार को आवश्यक दवाओं का मूल्य तय करने हेतु अधिसूचना निर्गत करने की शक्ति प्रदान की गई है.
जरूरत
यदि केंद्र सरकार, अपने लिए प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करती है, तो इसके दूरगामी प्रभाव होंगे. इसके द्वारा, कोविड-19 से संक्रमित मरीजों के परिवारों से की जाने वाली धन की उगाही समाप्त हो जाएगी और दवाओं की कालाबाजारी पर भी पूर्ण विराम लगेगा.
पृष्ठभूमि
‘ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स रूल्स’, 1945 में, दी गई अनुसूचियों के अंतर्गत दवाओं का वर्गीकरण करने संबंधी प्रावधान हैं और इनमें प्रत्येक अनुसूची की दवाओं के लिए भंडारण, बिक्री, प्रदर्शन और औषध विधि के लिए दिशानिर्देश दिए गए हैं.
औषधि तकनीकी परामर्शी निकाय (Drug Technical Advisory Body – DTAB) Places in news :- फारस की खाड़ी (अरब की खाड़ी): साहेल: यूक्रेन: आर्मेनिया: Click here to read Sansar Daily Current Affairs – Current Affairs Hindi February, 2020 Sansar DCA is available Now, Click to Downloadइस टॉपिक से UPSC में बिना सिर-पैर के टॉपिक क्या निकल सकते हैं?
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