Sansar डेली करंट अफेयर्स, 30 August 2021

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Sansar Daily Current Affairs, 30 August 2021


GS Paper 1 Source : PIB

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UPSC Syllabus : The Freedom Struggle – its various stages and important contributors /contributions from different parts of the country.

Topic : Jallianwala Massacre

संदर्भ 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार (28 अगस्त), 2021 को अमृतसर में पुनर्निर्मित जालियाँवाला बाग परिसर का आभासी रूप से उद्घाटन किया. वर्ष 2019 में हत्याकांड के 100 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में बाग़ के पुनर्निर्माण के लिए केंद्र द्वारा लगभग 20 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए थे.

जालियाँबाग नरसंहार

  • 10 अप्रैल, 1919 को अमृतसर में सत्याग्रहियों पर गोली चलाने तथा अपने नेताओं डॉ. सत्यपाल व डॉ. किचलू की गिरफ्तारी के खिलाफ टाउन हॉल और पोस्ट ऑफिस पर हमले किये गये और इस दौरान हिंसा भी हुई. नगर का प्रशासन जनरल डायर के हाथों में सौंप दिया गया. डायर ने जनसभाएँ आयोजित करने पर प्रतिबंध लगा दिया.
  • 13 अप्रैल, 1919 को बैशाखी के दिन अमृतसर के जालियाँवाला बाग़ में एक सार्वजनिक सभा का आयोजन किया गया. सभा में भाग लेने वाले अधिकांश लोग आस-पास के गावों से आये हुए ग्रामीण थे जो बैशाखी मेले में भाग लेने आये थे तथा सरकार द्वारा शहर में आरोपित प्रतिबंध से बेखबर थे.
  • जनरल डायर ने सभाके आयोजन को सरकारी आदेश की अवहेलना समझा तथा सभा-स्थल को सशस्त्र सैनिकों के साथ घेर लिया. डायर ने बिना किसी पूर्व चेतावनी के सभा पर गोलियाँ चलाने का आदेश दे दिया. सरकारी आँकड़ों के अनुसार 379 लोग मारे गये थे पर वास्तव में यह संख्या बहुत अधिक थी.
  • हंटर आयोग के समय डायर ने दुःख व्यक्त किया कि उसका गोला-बारूद ख़त्म हो गया था एवं संकरी गलियों में बख्तरबंद गाड़ी नहीं ले जा सका.

परिणाम

  • इस घटना में 379 लोग मारे गये, जिसमें युवा, महिलाएँ, बूढ़े, बच्चे सभी शामिल थे. जालियाँवाला बाग़ हत्याकांड से पूरा देश स्तब्ध रह गया. वहशी क्रूरता ने देश को मौन कर दिया. पूरे देश में बर्बर हत्याकांड की भर्त्सना की गई.
  • गाँधीजी ने बोअर युद्ध (द.अफ्रीका) के दौरान की गई सहायता के लिए मिले “कैसर-ए-हिन्द” स्वर्ण पदक को वापस लौटा दिया. बाद में पंजाब में हुई क्रूरता से सम्बंधित हंटर आयोग की रिपोर्ट को “पन्ने दर पन्ने निर्लज्ज सरकारी लीपापोती” कहा. इस रिपोर्ट के शासन के पक्ष को सही ठहराया गया था.
  • रविन्द्रनाथ टैगोर ने विरोध स्वरूप अपनी “नाइटहुड” की उपाधि त्याग दी तथा शंकरन नायर ने वायसराय की कार्यकारिणी से त्यागपत्र दे दिया.
  • अब उद्देश्य नैतिक प्रभाव उत्पन्न करना था, इसके लिए आगे मार्शल लॉ लागू करने जबरन गिरफ्तारियाँ, यातनाएं, सार्वजनिक रूप से कोड़े मारना, नाक रगड़ने को विवश करना, पूरे दिन चिलचिलाती धूप में खड़ा करना, सभी साहबों को सलाम करने हेतु बाध्य करना जैसी विचित्र सजाएँ दी गयीं.
  • गाँधीजी ने अनेक स्थानों पर हुई हिंसक घटनाओं के कारण 18 अप्रैल 1919 को सत्याग्रह स्थगित कर दिया, क्योंकि उनके अनुसार सत्याग्रह में हिंसा का कोई स्थान नहीं था.
  • सरकार ने अत्याचारी अपराधियों को दण्डित करने के स्थान पर उनका पक्ष लिया. जनरल डायर को सम्मानित किया गया. ब्रिटेन में रुडयार्ड किपलिंग ने डायर को भारत बचाने वाला बताया, मॉर्निंग पोस्ट पत्रिका ने डायर के पक्ष में जनमत बनाकर उसे “ब्रिटेन का शेर” कहा एवं उपहार देने हेतु चंदा एकत्रित किया.

यह भी पढ़ें – Rowlatt Act in Hindi


GS Paper 3 Source : The Hindu

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UPSC Syllabus : Inclusive growth and issues arising from it.

Topic : PMJDY

संदर्भ 

28 अगस्त को प्रधानमंत्री जन-धन योजना (PMJDY) – वित्तीय समावेशन का राष्ट्रीय मिशन, ने कार्यान्वयन के सात वर्ष पूरे कर लिए हैं.

PMJDY योजना क्या है?

  • 28 अगस्त 2014 को शुरू इस योजना का प्रमुख लक्ष्य वित्तीय समावेशन (फाइनेंशियल इनक्लूजन) रहा है.
  • PMJDY के जरिये सरकार की कोशिश नए बैंक खाते खोलने के साथ ही सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में पहुंचाने की रही है.
  • प्रधानमंत्री जनधन योजना (PMJDY) जीरो बैलेंस अकाउंट के साथ कुछ अन्य सुविधायें प्रदान करती है.
  • इस योजना में जमा राशि पर ब्याज के साथ ही का दुर्घटना बीमा कवर दिया जाता है.
  • इस योजना के अंतर्गत 30,000 रुपये का जीवन बीमा पॉलिसीधारक की मौत होने पर उसके नॉमिनी को दिया जाता है.
  • विशेष लाभ के रूप मे छह माह तक खातों के संतोषजनक परिचालन के बाद ओवरड्राफ्ट की सुविधा का प्रावधान भी है.
  • PMJDY के अंतर्गत खुले खाते पर धारक 6 महीने के बाद 10,000 रुपये तक की राशि लोन के तौर पर भी ले सकते हैं.
  • जनधन योजना में खाता खुल जाने से डायरेक्ट बेनिफिट स्कीम का फायदा आज हर परिवार को मिल रहा है.

नवीनतम आँकड़े

  • नवीनतम आंकड़ों के अनुसार जन-धन खातों की कुल संख्या बढ़कर 43 करोड़ हो गई है, जिनमें अब तक 1.46 लाख करोड़ रुपये भेजे गये हैं.
  • लगभग 5.1 करोड़ पीएमजेडीवाई खाताधारक विभिन्‍न योजनाओं के तहत सरकार से प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) प्राप्त करते हैं.
  • कुल खाताधारकों में से 23.87 करोड़ (55.47%) खाताधारक महिलाएं हैं. 67% जन-धन खाते ग्रामीण और अर्द्ध-शहरी इलाकों में हैं.
  • कुल 43.04 करोड़ खातों में से 36.86 करोड़ (85.6%) चालू हैं जबकि प्रति खाता औसत जमा 3,398 रुपये है.
  • PMJDY खाताधारकों को अब तक 31.23 करोड़ रुपे कार्ड भी जारी किए जा चुके हैं. भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की एक रिपोर्ट के अनुसार कोविड 19 महामारी के दौरान नए जन- धन खातों को खोलने में 60% की बढ़ोतरी हुई है.

GS Paper 3 Source : The Hindu

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UPSC Syllabus : Indian Economy and issues relating to planning, mobilization of resources, growth, development and employment.

Topic : Sovereign Gold Bond Scheme

संदर्भ 

सरकार 20 अप्रैल से शुरू हो रहे छह किस्तों में संप्रभु स्वर्ण बांड (सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड – SGBs) जारी करेगी.

संप्रभु स्वर्ण बांड योजना क्या है?

  • संप्रभु स्वर्ण बांड योजना सबसे पहले 2015 में लाई गई थी.
  • इस योजना का उद्देश्य सोने के आयात पर भारत की अत्यधिक निर्भरता को घटाना था.
  • इस योजना का एक अन्य उद्देश्य भारतीयों की इस आदत को बदलना भी था कि सोना सदा भौतिक रूप में रखा जाए.
  • इस योजना के माध्यम से उनमें यह आदत डाली जायेगी कि वे सरकार से समर्थित कागजात के रूप में सोने को रखा करें.

मुख्य तथ्य

  • योग्यता : ये बांड भारत में रहने वाले व्यक्ति, प्रतिष्ठान, अविभाजित हिन्दू परिवार, न्यास, विश्वविद्यालय तथा धर्मादा संस्थान ही खरीद सकते हैं.
  • बांड की न्यूनतम इकाई और अवधि : ये बांड 1-1 ग्राम के सोने के बराबर होंगे. इस बांड की पूर्ण अवधि 8 वर्ष की होगी, किन्तु कोई चाहे तो इस योजना से पाँच साल के बाद ब्याज भुगतान की किसी भी तिथि पर बाहर निकल सकता है.
  • न्यूनतम एवं अधिकतम सीमा : इस योजना में कम से कम एक ग्राम सोना जमा करना आवश्यक है. जहाँ तक अधिकतम सीमा की बात है तो कोई व्यक्ति अथवा अविभाजित हिन्दू परिवार एक वित्तीय वर्ष में 4 किलो तक सोना जमा कर सकता है. यही मात्रा न्यासों और समतुल्य प्रतिष्ठानों के लिए 20 किलोग्राम है.
  • संयुक्त धारक (Joint Holder) : यदि सोना एक से अधिक धारकों ने जमा किया है तो 4 किलोग्राम की अधिकतम सीमा उनमें से पहले आवेदक पर ही लागू होगी.
  • बंधक : इन बांडों का प्रयोग ऋण लेने हेतु बंधक के लिए हो सकता है.
  • ब्याज दर : इस योजना के अंतर्गत निवेशकों को प्रतिवर्ष 5% की निश्चित दर पर क्षतिपूर्ति मिलेगी. क्षतिपूर्ति की राशि हर छह महीने पर भुगतान की जायेगी.

UPSC 2016 में पूछा गया सवाल :-

सरकार की “संप्रभु स्वर्ण बांड योजना (Sovereign Gold Bond Scheme)” एवं “स्वर्ण मुद्रीकरण योजना (Gold Monetization Scheme)” का/के उद्देश्य हैं?

  1. भारतीय गृहस्थों के पास निष्क्रिय पड़े स्वर्ण को अर्थव्यवस्था में लाना
  2. स्वर्ण  एवं आभूषण के क्षेत्र में FDI को प्रोत्साहित करना
  3. स्वर्ण-आयात पर भारत की निर्भरता में कमी लाना

नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए

  1. a) केवल 1 और 2
  2. b) केवल 3
  3. c) केवलऔर3
  4. d) 1, 2 और 3

Ans C

Explanation: Two motives/दो उद्देश्य:— i) To mobilize gold for productive purpose/घर में रखे सोने का उत्पादक कार्यों में उपयोग करना ( ii) To reduce the country’s reliance on imports of gold/सोने के आयात पर देश की निर्भरता को घटाना.

Reference: Economic Survey 2015-16 , Page 18


GS Paper 3 Source : The Hindu

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UPSC Syllabus : Related to Space.

Topic : Merger of three jumbo black holes

संदर्भ 

हाल ही में, भारत में खगोल भौतिकीविदों की एक टीम ने तीन महा-विशाल कृष्ण-विवरों / ब्लैक होल (Black Holes) के परस्पर विलय होने की दुर्लभ घटना का पता लगाया है.

महत्त्वपूर्ण तथ्य

  • परस्पर विलय होने वाले तीनों ब्लैक होल ‘टूकेन तारामंडल’ (Toucan constellation) में स्थित आकाशगंगाओं के भाग थे.
  • यह खोज, भारत की पहली अंतरिक्ष वेधशाला ‘एस्ट्रोसैट’ (ASTROSAT) पर लगे ‘पराबैंगनी इमेजिंग टेलीस्कोप’ (UltraViolet Imaging Telescope- UVIT), चिली में स्थापित ‘वेरी लार्ज टेलीस्कोप’ (VLT) पर लगे MUSE नामक ‘यूरोपीय इंटीग्रल फील्ड ऑप्टिकल टेलीस्कोप’ और दक्षिण अफ्रीका में स्थापित ‘इंफ्रारेड इमेज फ्रॉम ऑप्टिकल टेलीस्कोप’ (IRSF) से प्राप्त डेटा का उपयोग करके की गयी थी.

इस खोज से प्राप्त महत्त्वपूर्ण सीख: तीसरे ब्लैक होल की उपस्थिति, ‘अंतिम पारसेक समस्या’ (Parsec Problem) का समाधान करती है.

अंतिम पारसेक समस्या’ क्या है?

जब दो आकाशगंगाएँ परस्पर टकराती हैं, तो उनके ब्लैक होल की गतिज ऊर्जा आस-पास की गैस में स्थानांतरित हो जाती है, और वे भी एक दूसरे के निकट आ जाते हैं.

समय के साथ ब्लैक होल के मध्य की दूरी, करीब ‘एक पारसेक’ (3.26 प्रकाशवर्ष) रह जाने तक, घटती जाती है. इसके बाद दोनों ब्लैक होल, एक दूसरे के और अधिक करीब आने और परस्पर विलय होने के लिए और गतिज ऊर्जा खोने में असमर्थ हो जाते हैं. इसे ही ‘अंतिम पारसेक समस्या’ (Final Parsec Problem) के रूप में जाना जाता है.

तीसरे ब्लैक होल की उपस्थिति इस समस्या का किस प्रकार समाधान करती है?

तीसरे ब्लैक होल की उपस्थिति इस समस्या को हल कर सकती है. जब कोई अन्य ब्लैक होल या कोई तारा, निकट आते दो ब्लैक होल के निकट से होकर गुजरता है, तो वह दोनों ब्लैक होल के संयुक्त ‘कोणीय संवेग’ (Angular Momentum) का कुछ अंश अपनी ओर खींच लेता है, जिसके कारण दोनों ब्लैक होल एक दूसरे के निकट आ सकते हैं, और इस प्रकार, दोनों ब्लैक होल, तीसरे ब्लैक होल की उपस्थिति में परस्पर एक-दूसरे में विलीन हो जाते हैं.

इस खोज का महत्त्व

अतीत में कई ‘सक्रिय आकाशगंगा केंद्रों’ / ‘सक्रिय गैलेक्टिक नाभिक’ (Active Galactic Nuclei – AGN), अर्थात आकाशगंगा के केंद्र में स्थित महा-विशाल ब्लैक होल, युग्मों का पता लगाया गया जा चुका है, लेकिन ट्रिपल एजीएन (triple AGN) अत्यंत दुर्लभ घटना हैं. एक्स-रे प्रेक्षणों का उपयोग किए जाने से पहले मात्र कुछ ‘सक्रिय आकाशगंगा केंद्रों’ का ही पता चल सका था.

क्या हैं ब्लैक होल?

कृष्ण विवर अत्यधिक घनत्व तथा द्रव्यमान वाले ऐसें पिंड होते हैं, जो  आकार में बहुत छोटे होते हैं. इसके प्रबल गुरुत्वाकर्षण के चंगुल से  प्रकाश की किरणों का भी निकलना असम्भव होता है. चूँकि इससे प्रकाश की किरणें भी बाहर नहीं निकल पाती हैं, अत: यह हमारे लिए अदृश्य बना रहता है.

कैसे बनते हैं ब्लैक होल?

कृष्ण विवरों का निर्माण किस प्रकार से होता है, यह जानने से पहले, तारों के  विकासक्रम को समझना आवश्यक होगा. एक तारे का विकासक्रम आकाशगंगा (Galaxy) में उपस्थित धूल एवं गैसों के एक अत्यंत विशाल मेघ (Dust & Gas Cloud)  से आरंभ होता हैं. इसे ‘नीहारिका’ (Nebula) कहते हैं. नीहारिकाओं के अंदर हाइड्रोजन की मात्रा सर्वाधिक होती है और 23 से 28 प्रतिशत हीलियम तथा अल्प मात्रा में कुछ भारी तत्व होते हैं.

जब गैस और धूलों से भरे हुए मेघ के घनत्व में वृद्धि होती है. उस समय मेघ अपने ही गुरुत्व के कारण संकुचित होने लगता है. मेघ में संकुचन के साथ-साथ उसके केन्द्रभाग के ताप एवं  दाब में भी वृद्धि हो जाती है. अंततः ताप और दाब इतना अधिक हो जाता है कि हाइड्रोजन के नाभिक आपस में टकराने लगते हैं और हीलियम के नाभिक का निर्माण करने लगतें हैं. तब तापनाभिकीय संलयन (Thermo-Nuclear Fusion) शुरू हो जाता है. तारों के अंदर यह अभिक्रिया एक नियंत्रित हाइड्रोजन बम विस्फोट जैसी होती है. इस प्रक्रम में प्रकाश तथा ऊष्मा  के रूप में ऊर्जा उत्पन्न होती है. इस प्रकार वह मेघ ऊष्मा व प्रकाश से चमकता हुआ तारा बन जाता है. 

आकाशगंगा में ऐसे बहुत से तारे होते हैं जिनका द्रव्यमान सौर द्रव्यमान से तीन-चार गुना से भी अधिक होता है. ऐसे तारों पर गुरुत्वीय खिचांव अत्यधिक होने के कारण तारा संकुचित होने लगता है, और दिक्-काल (Space-Time) विकृत होने लगती है, परिणामत: जब तारा किसी निश्चित क्रांतिक सीमा (Critical limit) तक संकुचित हो जाता है, और अपनी ओर के दिक्-काल को इतना अधिक झुका लेता है कि अदृश्य हो जाता है. यही वे अदृश्य पिंड होते हैं जिसे अब हम ‘कृष्ण विवर’ या ‘ब्लैक होल’ कहतें है. अमेरिकी भौतिकविद् जॉन व्हीलर (John Wheeler) ने वर्ष 1967 में पहली बार इन पिंडो के लिए ‘ब्लैक होल’ (Black Hole) शब्द का उपयोग किया.


Prelims Vishesh

National Sports Day :-

  • 29 अगस्त हॉकी के दिग्गज ध्यानचंद की जयंती है और इसे भारत में राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है.
  • वे तीन बार ओलंपिक के स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम के सदस्य रहे.
  • इसी वर्ष खेल रत्न का नाम बदलकर ध्यानचंद खेल रत्न रख दिया गया है. 

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