Sansar डेली करंट अफेयर्स, 30 December 2020

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Sansar Daily Current Affairs, 30 December 2020


GS Paper 2 Source : The Hindu

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UPSC Syllabus : Issues related to health.

Topic : PM-JAY SEHAT

संदर्भ

प्रधानमंत्री द्वारा केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में आयुष्मान भारत पीएम-जेएवाई सेहत (PM-JAY SEHAT) की शुरुआत की जाएगी, योजना में जम्मू एवं कश्मीर के सभी निवासियों को शामिल किया जाएगा.

पीएम-जेएवाई सेहत

सेहत (SEHAT) योजना का पूरा नाम (Social Endeavour for Health and Telemedicine- SEHAT) ‘स्वास्थ्य और टेलीमेडिसिन के लिए सामूहिक प्रयास’ है. यह केंद्र शासित प्रदेश के लिए एक स्वास्थ्य बीमा योजना है.

  1. यह योजना जम्मू-कश्मीर केंद्रशासित प्रदेश में रहने वाले सभी लोगों को मुफ्त बीमा कवर प्रदान करती है.
  2. इसके अंतर्गत जम्मू-कश्मीर के सभी निवासियों को फ्लोटर बेसिस पर 5 लाख रुपये प्रति परिवार वित्तीय कवर उपलब्ध कराया जाएगा.
  3. PM-JAY के परिचालन विस्तार से करीब 15 लाख अतिरिक्त परिवारों को लाभ होगा. इस योजना का लाभ पूरे देश में कहीं भी उठाया जा सकता है.

PM-JAY की प्रमुख विशेषताएँ

  1. आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY), सरकार द्वारा पूरी तरह से वित्तपोषित विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा / आश्वासन योजना है.
  2. यह योजना भारत में सार्वजनिक व निजी सूचीबद्ध अस्पतालों में माध्यमिक और तृतीयक स्वास्थ्य उपचार के लिए प्रति परिवार प्रति वर्ष 5 लाख रुपये तक की धन राशि लाभार्थियों को मुहया कराती है.
  3. कवरेज: 74 करोड़ से भी अधिक गरीब व वंचित परिवार (या लगभग 50 करोड़ लाभार्थी) इस योजना के तहत लाभ प्राप्त कर सकतें हैं.
  4. इस योजना में सेवा-स्थल पर लाभार्थी के लिए कैशलेस स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं को उपलब्ध कराया जाता है.

PM-JAY की पात्रता

  1. इस योजना के अंतर्गत परिवार के आकार, आयु या लिंग पर कोई सीमा नहीं है.
  2. इस योजना के तहत पूर्व से विद्यमान विभिन्न चिकित्सीय परिस्थितियों और गम्भीर बीमारियों को पहले दिन से ही शामिल किया जाता है.
  3. इस योजना के अंतर्गत अस्पताल में भर्ती होने से 3 दिन पहले और 15 दिन बाद तक का नैदानिक उपचार, स्वास्थ्य इलाज व दवाइयाँ मुफ्त उपलब्ध होतीं हैं.
  4. यह एक पोर्टेबल योजना हैं यानी की लाभार्थी इसका लाभ पूरे देश में किसी भी सार्वजनिक या निजी सूचीबद्ध अस्पताल में उठा सकतें हैं.
  5. इस योजना में लगभग 1,393 प्रक्रियाएं और पैकिज शामिल हैं जैसे की दवाइयाँ, आपूर्ति, नैदानिक सेवाएँ, चिकित्सकों की फीस, कमरे का शुल्क, ओ-टी और आई-सी-यू शुल्क इत्यादि जो मुफ़्त उपलब्ध हैं.
  6. स्वास्थ्य सेवाओं के लिए निजी अस्पतालों की प्रतिपूर्ति सार्वजनिक अस्पतालों के बराबर की जाती है.

GS Paper 2 Source : The Hindu

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UPSC Syllabus : Government policies and interventions for development in various sectors and issues arising out of their design and implementation.

Topic : National Medicinal Plants Board-NMPB

संदर्भ

हाल ही में राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड (National Medicinal Plants Board-NMPB) ने औषधीय पौधों (Medicinal Plants) के लिए सहायता संघ (Consortia) का प्रारम्भ किया है.

औषधीय पौधों के लिए सहायता संघ के बारे में

  • आयुष मंत्रालय (Ministry of AYUSH) के राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड (एनएमपीबी) ने औषधीय पौधों की आपूर्ति श्रृंखला(Supply Chain ) तथा मूल्य श्रृंखला (Value Chain)के लिए हितधारकों के बीच संपर्क बनाने की आवश्यकता जताई है. इसके लिए एनएमपीबी ने एक सहायता संघ (Consortia) की शुरुआत की है.
  • एनएमपीबी सहायता संघ या कंसोर्टिया (NMPB Consortia) द्वारा औषधीय पौधों से जुड़ें कई पहलुओं को संबोधित किया जायेगा जिसमे गुणवत्ता वाली रोपण सामग्री, अनुसंधान और विकास, खेती, औषधीय पौधों के व्यापार / बाजार इत्यादि शामिल है.
  • इसके माध्यम से किसानों और निर्माताओं के बीच उत्कृष्ट संबंध स्थापित करने के लिए ‘बीज से गोदाम'(Seed to Shelf) दृष्टिकोण की शुरुआत की जा रही है,जिसके अंतर्गत गुणवत्ता वाली रोपण सामग्री (Quality Planting Materials -QPM), बेहतर कृषि पद्धतियां (Good Agriculture Practices -GAP’s), फ़सल कटाई के बाद की उन्नत कार्यप्रणालियां (Good Post Harvest Practices -GPHP’s) से संबंधित पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा.
  • एनएमपीबी सहायता संघ (NMPB Consortia) के पहले चरण में औषधीय पौधों की प्रस्तावित प्रजातियां इस प्रकार से हैं –अश्वगंधा (विथानिया सोम्निफेरा), पिप्पली (पाइपर लौंगम), आंवला (फिलांथस एंब्लिका), गुग्गुलु (कमिफोरा वाइटी) और शतावरी (एसपैरागस रेसमोसस).

National Medicinal Plants Board (NMPB) :-

  • NMPB की स्थापना वर्ष 2000 में औषधीय पादपों के क्षेत्र को प्रोत्साहन देने के लिए की गई थी तथा वर्तमान में यह बोर्ड आयुष मंत्रालय में स्थित है.
  • NMPB का मुख्य उद्देश्य हितघारकों अर्थात किसानों, व्यापारियों और विनिर्माताओं (उनमें से प्रत्येक को लाभान्वित करते चुए) के बीच दृढ समन्वय विकसित करके औषधीय पादपों के क्षेत्र का विकास करना है.
  • इसका लक्ष्य किसानों और जनजातियों की आय और आजीविका को बढ़ाना है.
  • यह कटाई के उपरांत प्रबंधन के माध्यम से उद्योग / विनिर्माताओं के साथ प्रतिगामी संयोजन (backward integration) की सुविधा प्रदान करेगा.

GS Paper 2 Source : The Hindu

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UPSC Syllabus : Issues related to subsidies, Govt policies and their performances.

Topic : Swaminathan Commission

संदर्भ

केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के विरुद्ध दिल्ली की सीमा पर चल रहे किसान आंदोलन को एक माह से अधिक हो गए हैं और अभी तक इस मामले में कोई निर्णय नहीं हो पाया है.

ज्ञातव्य है कि किसानो की प्रमुख मांगों में बहुचर्चित स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें को लागू किया जाना भी शामिल है.

स्वामीनाथन आयोग

18 नवंबर, 2004 को भारत सरकार ने एम.एस. स्वामीनाथन की अध्यक्षता में राष्ट्रीय कृषक आयोग (NCF) का गठन किया था, जिसे स्वामीनाथन आयोग के नाम से भी जाना जाता है. आयोग का मुख्य उद्देश्य कृषि प्रणाली को स्थिरता प्रदान करने हेतु एक व्यवस्था का निर्माण करना और कृषि क्षेत्र को अधिक लाभदायक और लागत प्रतिस्पर्द्धी बनाना था.

आयोग की अनुशंसाएँ

  • स्वामीनाथन आयोग अथवा राष्ट्रीय कृषक आयोग द्वारा प्रस्तुत सिफारिशों के अंतर्गत इस बात पर विशेष ज़ोर दिया गया था कि छोटे किसान को प्राप्त होने वाले लाभ तथा उसकी उत्पादन क्षमता के आधार पर न्यूनतम समर्थन मूल्य की गणना की जानी चाहिये.
  • आयोग ने अपनी सिफारिशों में किसानों को फसल लागत मूल्य से 50 प्रतिशत अधिक न्यूनतम समर्थन मूल्य देने की बात कही थी.
  • किसानों हेतु लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने के लिये उन्हें अनुबंध कृषि की ओर प्रोत्साहित करने की भी सिफारिश की गई थी.

GS Paper 3 Source : The Hindu

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UPSC Syllabus : Indian Economy and issues relating to planning, mobilization of resources, growth, development and employment.

Topic : Invest India, UNDP launch ‘SDG Investor Map’

संदर्भ

हाल ही में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) और इन्वेस्ट इंडिया (Invest India) ने भारत के लिए सतत विकास लक्ष्य (SDG) निवेशक मानचित्र (Investor Map) का विमोचन किया है.

महत्त्वपूर्ण तथ्य

  • यह मानचित्र सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के हितघारकों के लिए निवेश अवसर वाले क्षेत्रों (Investment Opportunity Areas: IOAs) और व्हाइट स्पेसेस (संभावना के क्षेत्र) की दिशा में प्रत्यक्ष पूंजी में सहायता, जो देश की राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित सतत विकास आवश्यकताओं में योगदान कर सकते हैं.
  • पहचाने गए 18 IOAs और 8 व्हाइट स्पेसेस में शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, कृषि और संबद्ध सेवाएँ, वित्तीय सेवाएँ, नवीकरणीय ऊर्जा आदि जैसे क्षेत्र शामिल हैं.
  • मानचित्र का महत्व इस तथ्य से उत्पन्न छुआ है कि SDGs के लिए वित्त अंतराल विकासशील देशों में 400 बिलियन अमरीकी डालर से अधिक हो गया है, जो कोविड से पहले प्रतिवर्ष 2-2.5 ट्रिलियन अमरीकी डालर की कमी को संयोजित करता है. संयुक्त राष्ट्र व्यापार एवं विकास सम्मेलन (अंकटाड/UNCTAD) की विश्व निवेश रिपोर्ट के अनुसार].
  • भारत की SDGs की सफलता का निर्घारण करने में विश्व स्तर पर एक महत्वपूर्ण भूमिका है तथा इसे SDGs प्राप्त करने के लिए 2.64 ट्रिलियन डॉलर के निवेश की आवश्यकता है.

भारत में SDGs के वित्तपोषण में शामिल बाधाएँ हैं:

  • कर प्रणालियों की अक्षमता,
  • निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा देने वाले प्रोत्साहनों का अभाव, 
  • SDGs का समर्थन करने वाले व्यवसाय मॉडल का अभाव आदि.

SDGs के लिए वित्तपोषण में निम्नलिखित के माध्यम से सुधार किया जा सकता है:

  • सार्वजनिक क्षेत्र की भूमिका: कर प्रणाली में अक्षमताओं का निवारण करना, SDGs को लागू करने के लिए करों का आवंटन करना,
  • SDGs के लिए नए स्रोत जैसे संप्रभु बॉन्ड को बढ़ावा देना आदि.
  • निजी क्षेत्र की भूमिका: निजी क्षेत्र के निवेश को बढ़ावा देना, नवोन्मेषी सुविधाओं और व्यापार मॉडल के माध्यम से निजी निवेश को प्रोत्साहन प्रदान करना आदि.

Prelims Vishesh

BBX11’ gene :-

  • यह प्रोटोक्लोरोफिलाइड (Protochlorophyllide) के स्तर को विनियमित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए पादपों में हरियाली (Greening) के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला जीन (Gene) है. प्रोटोक्लोरोफिलाइड, हरे वर्णक क्लोरोफिल के जैवसंश्लेषण में एक मध्यवर्ती अवयव होता है.
  • हाल ही में भारतीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (IISER) के शोधकर्ताओं द्वारा इसकी खोज की गई है.

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