Sansar Daily Current Affairs, 30 July 2020
GS Paper 2 Source : Indian Express
UPSC Syllabus : Statutory, regulatory and various quasi-judicial bodies.
Topic : Waqf Board
संदर्भ
बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि शीर्षक मुकदमे में सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के पश्चात् उत्तर प्रदेश सुन्नी केन्द्रीय वक्फ परिषद् (Waqf Board) ने घोषणा की है कि अयोध्या में मस्जिद बनाने के लिये एक ट्रस्ट का गठन किया जाएगा जिसमें अधिकतम 15 सदस्य शामिल होंगे.
मुख्य तथ्य
इस न्यास को ‘इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन’ (Indo Islamic Cultural Foundation) कहा जायेगा.
केन्द्रीय वक्फ परिषद् क्या है?
- केन्द्रीय वक्फ परिषद् एक वैधानिक निकाय है जो 1964 में भारत सरकार द्वारा वक्फ एक्ट, 1954 (अब वक्फ एक्ट, 1995 का एक उपभाग) के तहत स्थापित किया गया था.
- यह राज्य वक्फ बोर्डों के काम से संबंधित मामलों पर केंद्र को सलाह देने और देश में वक्फ के उचित प्रशासन के लिए स्थापित किया गया है.
- विदित हो कि मुस्लिम कानून के तहत परोपकारी मुस्लिम चल-अचल संपत्तियों को धार्मिक और परोपकारी कार्यों के लिए स्थाई रूप से दान दे देते हैं.
रचना और नियुक्तियाँ
परिषद की अध्यक्षता एक अध्यक्ष करते हैं, जो वक्फ के प्रभारी केन्द्रीय मंत्री होते हैं और इसमें अधिकतम 20 अन्य सदस्य होते हैं, जिन्हें भारत सरकार द्वारा वक्फ अधिनियम के अंतर्गत दिए गये प्रावधानों के तहत नियुक्त किया जाता है.
वक्फ संपत्तियाँ
उल्लेखनीय है कि देशभर में लगभग 5.77 लाख पंजीकृत वक्फ संपत्तियां हैं. उल्लेखनीय है कि कई वक्फ संपत्तियां पिछले कई दशकों से विवादों में फंसी हैं. ‘प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम’ (पीएमजेवीके) के तहत अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने आजादी के बाद पहली बार देशभर की वक्फ संपत्तियों पर स्कूल, कॉलेज, आईआईटी, कौशल विकास केन्द्र, बहुउद्देशीय सामुदायिक केन्द्र ‘सदभाव मंडप’, ‘हुनर हब’, अस्पताल, व्यापार केन्द्र इत्यादि निर्मित किए हैं. पिछले साढ़े चार वर्षों के दौरान अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में मोदी सरकार ने पीएमजेवीके के तहत 28 डिग्री कॉलेज, 2197 स्कूल इमारतें, 40,201 अतिरिक्त कक्षाओं, 1213 छात्रावासों, 191 आईआईटी, 50 पॉलीटेक्नीक, 39,586 आंगवाड़ी केन्द्रों, 405 सद्भावना मंडपों, 89 आवासीय स्कूलों, 527 बाजार शेडों का निर्माण किया है.
विदित हो कि 90% वक्फ संपत्तियों का डिजिटलीकरण किया जा चुका है. शेष वक्फ संपत्तियों का भी जल्द डिजिटलीकरण कर लिया जाएगा. पिछले साढ़े चार वर्षों के दौरान सरकार ने अल्पसंख्यक समुदायों के लगभग 3 करोड़ 83 लाख छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान की है, जिनमें लगभग 60% छात्रायें हैं. अल्पसंख्यकों सहित सभी कमजोर वर्गों को शैक्षिक रूप से अधिकार संपन्न बनाने के संबंद्ध में केन्द्र सरकार ने अनेक प्रयास किए हैं. बीच में पढ़ाई छोड़ देने वाली मुस्लिम छात्राओं का औसत 70% से अधिक हुआ करता था जो अब घटकर लगभग 35 प्रतिशत हो गया है. केन्द्र सरकार ने विभिन्न रोजगारपरक कौशल विकास योजनाओं के माध्यम से 6 लाख से अधिक अल्पसंख्यक युवाओं को रोजगार और रोजगार अवसर प्रदान किए हैं. इसी तरह ‘हुनर हाट’ के जरिए पिछले दो वर्षों के दौरान दो लाख से अधिक दस्तकारों को रोजगार और रोजगार अवसर प्रदान किये गये हैं.
GS Paper 2 Source : The Hindu
UPSC Syllabus : Important International institutions, agencies and fora, their structure, mandate.
Topic : International Covenant on Civil and Political Rights (ICCPR)
संदर्भ
हाल ही में, मानवाधिकार समिति के स्वतंत्र विशेषज्ञों द्वारा ‘शांतिपूर्ण सम्मलेन का अधिकार’ (Right of Peaceful Assembly) की एक नई व्याख्या प्रकाशित की गयी है, जिसमे यह ‘कहाँ और किस प्रकार लागू होती है’ इस विषय में व्यापक कानूनी परामर्श दिया गया है तथा साथ ही सरकार के दायित्वों पर प्रकाश डाला गया है.
पृष्ठभूमि
मानवाधिकार समिति को सदस्य देशों द्वारा ‘नागरिक और राजनीतिक अधिकारों पर अंतर्राष्ट्रीय नियम’ (International Covenant on Civil and Political Rights– ICCPR) के कार्यान्वयन की निगरानी का दायित्व सौंपा गया था. ICCPR के अनुच्छेद 21 के अंतर्गत शांतिपूर्ण सम्मलेन के अधिकार की गारंटी प्रदान की गयी है.
चर्चा में क्यों?
विश्व के अलग-अलग भागों में राजनीतिक अधिकारों तथा नस्लीय न्याय संबंधी माँगों को लेकर हो रहे बड़ी संख्या में आन्दोलनों से अधिकारी जूझ रहे हैं. कुछ स्थानों पर प्रदर्शनकारियों की आवाज़ को दबाने के लिए बल-प्रयोग किया जा रहा है.
- इस कारण, शांतिपूर्ण सम्मलेन का अधिकार चर्चा में आ गया है.
- इसके समर्थकों के अनुसार, ऑनलाइन अथवा व्यक्तिगत रूप से शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन करना, एक मूलभूत मानवाधिकार है.
मानवाधिकार समिति द्वारा की गई टिप्पणियाँ
किसी भी सार्वजानिक अथवा निजी जगह पर, खुले स्थल पर अथवा किसी भवन के भीतर, या ऑनलाइन, किसी खुशी को मनाने अथवा विरोध प्रदर्शन के लिए, शांतिपूर्वक सम्मलेन करना, एक ‘मूलभूत मानव अधिकार’ है.
- बच्चे, विदेशी नागरिक, महिलायें, प्रवासी श्रमिक, शरण चाहने वाले और शरणार्थियों समेत हर कोई शांतिपूर्वक सम्मलेन के अधिकार का उपयोग कर सकता है.
- सरकारें ‘सार्वजनिक व्यवस्था या सार्वजनिक सुरक्षा, अथवा संभावित हिंसा के अनिर्दिष्ट जोखिम’ का सामान्यीकृत हवाला देकर शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन को नहीं रोक सकती हैं.
- इसके अतिरिक्त, सरकारें, किसी भी वेबसाईट अथवा इंटरनेट नेटवर्क को, शांतिपूर्वक सम्मलेन के आयोजन अथवा उसमे कोई भूमिका होने कारण, बंद नहीं कर सकती हैं.
- प्रतिवेदन में, किसी भी शांतिपूर्वक सम्मलेन अथवा हिंसक तथा गैरकानूनी प्रदर्शन की निगरानी व रिकॉर्ड करने के लिए पत्रकारों तथा मानवाधिकार कर्मियों के अधिकार पर भी बल दिया गया है.
प्रभाव
मानवाधिकार समिति द्वारा की गयी ‘शांतिपूर्ण सम्मलेन के अधिकार’ की यह व्याख्या विश्व के राष्ट्रीय और क्षेत्रीय न्यायालयों में न्यायाधीशों के लिए महत्त्वपूर्ण मार्गदर्शन का कार्य करगी. यह व्याख्या क़ानून की भाषा में ‘सॉफ्ट लॉ’ का भाग बन गयी है.
नागरिक और राजनीतिक अधिकारों पर अंतर्राष्ट्रीय नियम (ICCPR)
- ICCPR नागरिक और राजनीतिक अधिकारों की सुरक्षा प्रदान करने वाली एक प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संधि है.
- संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्ताव 2200A (XXI) द्वारा इसे 16 दिसंबर, 1966 को हस्ताक्षर, अनुसमर्थन और परिग्रहण के लिये प्रस्तुत किया गया. 23 मार्च, 1976 को यह संधि प्रभाव में आई.
- भारत सहित कुल 173 देशों ने इस संधि के नियमों की अभिपुष्टि की है.
- नागरिक और राजनीतिक अधिकारों पर अंतर्राष्ट्रीय नियम (ICCPR), ‘मानव अधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा’ (Universal Declaration of Human Rights) और ‘आर्थिक सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकारों पर अंतर्राष्ट्रीय नियम (International Covenant on Economic Social and Cultural Rights) को संयुक्त रूप में ‘अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार विधेयक’ (International Bill of Human Rights) के रूप में माना जाता है.
- ICCPR के अंतर्गत कुछ महत्त्वपूर्ण अधिकार
- अनुच्छेद-7 यातना, क्रूरता या अपमानजनक उपचार से स्वतंत्रता का अधिकार प्रदान करता है.
- अनुच्छेद-9 व्यक्ति की सुरक्षा का अधिकार प्रदान करता है.
- अनुच्छेद-18 के तहत सभी को धर्म अपनाने का अधिकार है.
- अनुच्छेद-24 प्रत्येक बच्चे को विशेष सुरक्षा का अधिकार प्रदान करता है.
- अनुच्छेद-26 सभी व्यक्तियों के लिये ‘कानून के समान संरक्षण का अधिकार’ Equal Protection of the Law- EPL) प्रदान करता है.
- ICCPR, संधि के अंतर्गत अपनाए गए अधिकारों की रक्षा के लिये सरकारों को प्रशासनिक, न्यायिक और विधायी उपाय करने के लिये बाध्य करती है.
GS Paper 3 Source : PIB
UPSC Syllabus : Awareness in the fields of IT, Space, Computers, robotics, nano-technology, bio-technology and issues relating to intellectual property rights.
Topic : International Thermonuclear Experimental Reactor
संदर्भ
फ्रांस में इंटरनैशनल थर्मोन्यूक्लियर फ्यूजन एक्सपेरिमेंटल रिएक्टर (ITER) Tokamak बनाया जा रहा है जिसका लक्ष्य यह पता लगाना है कि भविष्य में वैश्विक ऊर्जा स्रोत के तौर पर न्यूक्लियर फ्यूजन का प्रयोग किया जा सकता है या नहीं. अब इस रिएक्टर की असेंबली हाल ही में को फ्रांस में प्रारम्भ हो गई है. इस अवसर पर भारत समेत ITER के कई सदस्य देशों के प्रतिनिधि मौजूद रहे.
ITER क्या है?
- यह एकअंतर्राष्ट्रीय परमाणु संलयन अनुसंधान और इंजीनियरिंग मेगाप्रोजेक्ट है, तथा यह विश्व का सबसे बड़ा ‘चुंबकीय परिरोध प्लाज्मा भौतिकी प्रयोग’ (Magnetic Confinement Plasma Physics Experiment) होगा.
- यह एक प्रयोगात्मक ‘टोकोमकपरमाणु संलयन रिएक्टर’ (Tokamak Nuclear Fusion Reactor) है जिसे दक्षिणी फ्रांस में बनाया जा रहा है.
- ITER का उद्देश्य शांतिपूर्ण उपयोग के लिए संलयन ऊर्जा की वैज्ञानिक और तकनीकी व्यवहार्यता का प्रदर्शन करना है.
ITER का महत्त्व
- ITER शुद्ध ऊर्जा उत्पादन करने वाला पहला संलयन उपकरण होगा.
- ITER लंबे समय तक संलयन को स्थिर रखने वाला पहला संलयन उपकरण होगा.
- ITER संलयन-आधारित विद्युत् के वाणिज्यिक उत्पादन के लिए आवश्यक एकीकृत प्रौद्योगिकियों, सामग्रियों और भौतिकी सिद्धांतों का परीक्षण करने वाला पहला संलयन उपकरण होगा.
ITER परियोजना सात सदस्य संस्थाओं द्वारा वित्त पोषित तथा संचालित की जा रही है:
यूरोपीय संघ, चीन, भारत, जापान, रूस, दक्षिण कोरिया और संयुक्त राज्य अमेरिका.
ITER के कार्य
- 500 मेगावाट संलयन ऊर्जा का उत्पादन
- संलयन ऊर्जा संयंत्र (fusion power plant) के लिए प्रौद्योगिकियों के एकीकृत परिचालन का प्रदर्शन
- ड्यूटेरियम-ट्रिटियम प्लाज्मा को प्राप्त करना, जिसमें आंतरिक ताप के जरिये सतत अभिक्रिया होती है.
- ट्रिटियम ब्रीडिंग का परीक्षण
- संलयन उपकरण की सुरक्षा विशेषताओं का प्रदर्शन.
संलयन क्या होता है?
नाभिकीय संलयन दो हल्के नाभिक से एक एकल भारी नाभिक बनने की प्रक्रिया है. इस प्रक्रिया को नाभिकीय अभिक्रिया कहा जाता है. संलयन द्वारा बनाया गया नाभिक पहले वाले नाभिक की तुलना में भारी होता है. इससे बड़ी मात्रा में ऊर्जा निर्मुक्त होती है.
- संलयन अभिक्रिया, हाइड्रोजन के दो समस्थानिकों, ड्यूटेरियम (Deuterium– D) तथा ट्राइटियम (Tritium– T) के मध्य होने वाली अभिक्रिया है.
- ड्यूटेरियम (Deuterium–D) एवं ट्राइटियम (Tritium–T) की संलयन अभिक्रिया में ‘सबसे कम’ तापमान पर सर्वाधिक ऊर्जा उत्पन्न होती है.
प्रयोगशाला में संलयन अभिक्रिया किस प्रकार की जाती है?
- प्रयोगशाला में सर्वाधिक कुशलता से संपन्न की जाने वाली संलयन अभिक्रिया, हाइड्रोजन के दो समस्थानिकों, ड्यूटेरियम (deuterium– D) तथा ट्रिटियम (tritium– T) के मध्य होने वाली अभिक्रिया है.
- D T संलयन अभिक्रिया ‘सबसे कम’ तापमान पर सर्वाधिक ऊर्जा उत्पन्न करती है.
प्रयोगशाला में संलयन अभिक्रिया के लिए आवश्यक तीन शर्तें :-
- बहुत उच्च तापमान (150,000,000 डिग्री सेल्सियस से अधिक)
- उचित प्लाज्मा अणु घनत्व (अणुओं के परस्पर टकराव की संभावना में वृद्धि के लिए)
- उपयुक्त परिरोध समय (प्लाज्मा को रोकने के लिए)
टोकामक क्या है?
- टोकामक (Tokamak) संलयन ऊर्जा को नियंत्रित करने के लिये तैयार की गई एक प्रायोगिक मशीन है.
- इसके अंदर, परमाणुओं के संलयन से उत्पादित ऊर्जा को एक विशाल बर्तन में ऊष्मा के रूप में अवशोषित किया जाता है.
- टोकामक को पहली बार 1960 के दशक के अंत में सोवियत संघ के एक अनुसंधान के दौरान विकसित किया गया था, इसके बाद में इसे चुंबकीय संलयन उपकरण की सबसे उत्कृष्ट तकनीक के रूप में पूरे विश्व द्वारा मान्यता प्रदान की गई है.
- ITER विश्व का सबसे बड़ा टोकामक होगा जो वर्तमान में कार्यरत सबसे बड़ी मशीन के आकार से दोगुना बड़ा होगा तथा इसके प्लाज्मा चैंबर का आयतन दस गुना अधिक होगा.
GS Paper 2 Source : The Hindu
UPSC Syllabus : Related to Biodiversity.
Topic : Alpine Plant
संदर्भ
वैज्ञानिकों ने पहली बार मनाली (हिमाचल प्रदेश) के रोहतांग क्षेत्र में कुछ दुर्लभ एवं लुप्तप्राय प्रजातियों सहित अल्पाइन पौधों की लगभग 70 प्रजातियों की खोज की है.
मुख्य तथ्य
- रोहतांग राजमार्ग सहित रोहतांग के आसपास का क्षेत्र जंगली औषधीय फूलों से आच्छादित है.
- औषधीय जड़ी-बूटियों में पिकरोर्रिज़ा कुर्रोआ (Picrorhiza Kurroa), एकोनिटम हेटेरोफाइलम (Aconitum Heterophyllum), रहयूम इमोडी (Rheum Emodi), बेर्गेनिया स्ट्राचेई (Bergenia Stracheyi), अचिलिया मिल्लीफोलियम (Achillea Millefolium), रोडोडेंड्रोन एंथोपोगोन (Rhododendron Anthopogon) और एनीमोन ओब्टुसिलोबा (Anemone Obtusiloba) आदि शामिल हैं.
- दशकों से इस क्षेत्र में वनस्पतियों की प्रचुर वृद्धि देखी जा रही है. वैज्ञानिकों का मानना है कि वनस्पतियों की वृद्धि के प्रमुख कारण पर्यटकों के दबाव में कमी, सीमित वाहनों की आवाजाही एवं अन्य मानवजनित गतिविधियों में कमी है.
- गौरतलब है कि पहले राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (NGT) के हस्तक्षेप तथा वर्तमान में COVID-19 महामारी के कारण रोहतांग क्षेत्र में पर्यटकों एवं वाहनों की आवाजाही में कमी आई है.
- ब्लू पॉपी जिसे ‘हिमालयी फूलों की रानी’ के रूप में जाना जाता है, रोहतांग के आसपास बहुतायत में पाया गया है.
अल्पाइन पौधे
- अल्पाइन पौधे वे पौधे हैं जो अल्पाइन जलवायु में विकसित होते हैं और अधिक ऊँचाई पर एवं ट्री लाइन (Tree Line) से ऊपर उगते हैं.
- अल्पाइन पौधे, अल्पाइन पर्यावरण की कठोर परिस्थितियों के प्रति अनुकूलित होते हैं जिसमें कम तापमान, सूखापन, पराबैंगनी विकिरण, वायु, सूखा, खराब पोषण वाली मिट्टी एवं एक प्रतिकूल मौसम सम्मिलित हैं. विदित हो कि कुछ अल्पाइन पढों औषधीय गुण पाया जाता है.
राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (NGT) क्या है?
- राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (NGT) की स्थापना राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण अधिनियम, 2010 के अंतर्गत की गई थी.
- NGT का उद्देश्य पर्यावरण सुरक्षा एवं वनों एवं अन्य प्राकृतिक संसाधनों से सम्बंधित मामलों का कारगर एवं त्वरित निपटारा करना है.
- न्यायाधिकरण पर्यावरण से सम्बंधित सभी कानूनी अधिकारों को लागू करने से सम्बंधित मामलों को देखता है और साथ ही यह किसी व्यक्ति या संपदा को होने वाली क्षति के लिए मुआवजा एवं राहत भी दिलवाता है.
- अधिनियम के अनुसार, इस न्यायाधिकरण में अधिकतम 20 विशेषज्ञ सदस्य एवं 20 न्यायिक सदस्य हो सकते हैं.
- परन्तु वर्तमान में 10 विशेषज्ञ सदस्य एवं 10 न्यायिक सदस्य ही कार्यरत हैं.
- इसका अध्यक्ष एक न्यायिक सदस्य होता है जो न्यायाधिकरण के प्रसाशन का प्रमुख होता है.
- अधिनियम के अनुसार, अध्यक्ष को उच्च न्यायालय का कार्यरत अथवा सेवानिवृत्त न्यायाधीश अथवा उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश होना चाहिए.
- सदस्यों का चयन सर्वोच्च न्यायालय के एक कार्यरत न्यायाधीश की अध्यक्षता में गठित चयन समिति द्वारा किया जाता है.
- न्यायाधिकरण के न्यायिक सदस्यों का चुनाव उच्च न्यायालय के कार्यरत अथवा सेवानिवृत्त न्यायाधीशों में से किया जाता है.
- विशेषज्ञ सदस्यों का चुनाव भारत सरकार के अपर-सचिव श्रेणी के कार्यरत अथवा सेवानिवृत्त अधिकारियों में से किया जाता है जिनके पास पर्यावरण विषयक मामलों में कार्य करने का न्यूनतम पाँच वर्षों का अनुभव हो. विशेषज्ञ सदस्य के रूप में वे लोग भी चुने जा सकते हैं जिनके पास सम्बंधित विषयों में PhD की डिग्री हो.
- यह न्यायाधिकरण अपनी कार्यवाहियों हेतु Code of Civil Procedure, 1908 को अपनाने के लिए बाध्य नहीं है परन्तु इसे नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत का अनुसरण करना होता है.
- न्यायाधिकरण को पर्यावरण संबंधी किसी भी आवेदन को 6 महीने के अन्दर-अन्दर निष्पादित करना जरूरी है.
Prelims Vishesh
Indians largest diaspora to get Australian citizenship in 2019-20 :-
- 2019-20 में 38 हजार से अधिक भारतीय ऑस्ट्रेलियाई नागरिक बन गये हैं.
- पिछले वर्ष की तुलना में यह 60% की वृद्धि है.
- इस प्रकार ऑस्ट्रेलिया में नागरिकता पाने वाले विदेशियों में भारतीय सबसे बड़े समूह हैं.
- भारत के बाद ब्रिटेन के निवासियों (25,011), चीनियों (14,764) और पाकिस्तानियों (8,821) का स्थान आता है.
Places in News- Port Louis :-
- पिछले दिनों प्रधानमंत्री मोदी और मॉरिशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ ने संयुक्त रूप से मॉरिशस की राजधानी पोर्ट लुई में सर्वोच्च न्यायालय के एक नए भवन का उद्घाटन किया.
- विदित हो कि यह भवन भारत के सहयोग से निर्मित हुआ है.
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