Sansar Daily Current Affairs, 30 March 2020
GS Paper 2 Source: PIB
UPSC Syllabus : Important aspects of governance, transparency and accountability, e-governance- applications, models, successes, limitations, and potential; citizens charters, transparency & accountability and institutional and other measures.
Topic : Business Immunity Platform
संदर्भ
कोविड-19 से उत्पन्न स्थिति में कारोबार सुरक्षित रखने में मदद के लिए इन्वेस्ट इंडिया बिजनेस इम्युनिटी प्लेटफार्म की शुरुआत की गई है.
इन्वेस्ट इंडिया बिजनेस इम्युनिटी प्लेटफार्म के बारे में मुख्य तथ्य
- वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत कार्यरत भारत की राष्ट्रीय निवेश संवर्धन और सुविधा एजेंसी ने इन्वेस्ट इंडिया बिज़नेस इम्युनिटी प्लेटफ़ॉर्म लॉन्च किया है.
- इस प्लेटफार्म को इन्वेस्ट इंडिया की वेबसाइट पर डाला गया है. इसका उद्देश्य व्यवसायों और निवेशकों को कोविड-19 (कोरोना वायरस) से निपटने के लिए भारत की ओर से की गई वास्तविक तैयारियों की ताजा जानकारी उपलब्ध कराने में मदद करना है.
- यह प्लेटफ़ॉर्म कोरोना वायरस से निपटने की तैयारियों, इस दिशा में केंद्र और राज्य सरकारो की विभिन्न पहलों पर नवीनतम जानकारी प्रदान करता है और ई-मेल के माध्यम से और व्हाट्सएप पर प्रश्नों का उत्तर उपलब्ध कराता है.
- चौबीसों घंटे काम करने वाला यह प्लेटफार्म कारोबार से संबंधित शिकायतों को निपटाने में भी मदद करता है.
- इसे विभिन्न कारोबारी क्षेत्रों की विशेषज्ञों की एक टीम ने तैयार किया है जो सभी तरह के प्रश्नों का तत्काल समाधान उपलब्ध कराती है.
समय की माँग
ऐसे समय में जब कोविड-19 सामान्य जीवन को बाधित कर रहा है, देश भर के व्यवसायों पर इस संकट के प्रभाव का लगातार आकलन किया जा रहा है. सरकार ने अपनी ओर से, व्यवसायों के लिए समय पर दिशा-निर्देश जारी किए हैं. कारोबारी यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि इन दिशा-निर्देशों का उनके व्यवसायों के लिए क्या मतलब है. व्यवसायों द्वारा संकट की अनिश्चितता को महसूस किए जाने के बीच यह प्लेटफ़ॉर्म हाल ही में किया गया था.
अन्य कार्य
- प्लेटफॉर्म में कोविड-19 की जांच की सुविधा वाले स्थानों , इसके लिए विशेष अनुमति तथा स्थानों से जुड़ी विशिष्ट जानकारी पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न शामिल हैं.
- यह पोर्टल प्रमुख भारतीय कंपनियों द्वारा कोरोना वायरस से निपटने के लिए अपने यहां की गई तैयारियों जैसे की कर्मचारियों को लाने ले जाने वाले वाहनों को नियमित रूप से संक्रमण मुक्त करना, अपने उत्पादों की बिक्री के लिए वैकल्पिक बाजारों में ऑर्डर देना, बायोमैट्रिक उपस्थिति प्रणाली को स्थगित करना, चिकित्सा कार्य बल गठित करना, प्रशिक्षुओं से घर जाने का अनुरोध करना, कारोबार जारी रखने की योजना तैयार करना, आगंतुकों के प्रवेश पर रोक, हवाई यात्रा को स्थगित करना, वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग और टेली-कॉन्फ्रेंसिंग का उपयोग तथा ऑनलाइन समाधान और अन्य अनूठी पहल विकसित करना शामिल है.
- यह बिजनेस इम्युनिटी प्लेटफ़ॉर्म लोगों को उन सभी सूचनाओं तक पहुंच प्राप्त करने में मदद करेगा, जो उन्हें अपने घरों में आराम से रहते हुए चाहिए. इस प्लेटफार्म के जरिए, इन्वेस्ट इंडिया का लक्ष्य सुविधाओं को आपके द्वार तक लाना है.
- यह आपूर्ति की आवश्यकताओं के अनुरूप आपूर्तिकताओं को खोजने तथा नवोन्मेषकों, स्टार्टअपों और एमएसएमई को समाधान तलाशने की अपनी क्षमता प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करता है.
- पिछले 48 घंटों के दौरान हमारे इस प्लेटफार्म से 40 देशों के 30,000 से अधिक आगंतुक जुड़े हैं और इसे 50 हजार से अधिक हिट मिल चुके हैं. इसे औसतन पांच मिनट देखा जा रहा है.
GS Paper 2 Source: PIB
UPSC Syllabus : Important aspects of governance, transparency and accountability, e-governance- applications, models, successes, limitations, and potential; citizens charters, transparency & accountability and institutional and other measures.
Topic : National Teleconsultation Centre (CoNTeC)
संदर्भ
हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (Ministry of Health & Family Welfare) द्वारा ‘राष्ट्रीय दूरभाष-परामर्श केंद्र- ‘कॉनटेक’ (National Teleconsultation Centre- CoNTeC) का शुभारंभ किया गया.
मुख्य तथ्य
- ‘कॉनटेक’ परियोजना‘COVID-19 नेशनल टेलीकंसल्टेशन सेंटर’ (COVID-19 National Teleconsultation Centre) का संक्षिप्त नाम है.
- यह’ एक टेलीमेडिसिन केंद्र है जिसकी स्थापना अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (All India Institute of Medical Sciences- AIIMS), नई दिल्ली के द्वारा की गई है.
- इसे AIMS में इसलिये स्थापित किया गया है जिससे छोटे राज्य भी एम्स के चिकित्सकों के व्यापक अनुभवों से लाभ उठा सकें.
- यहाँ देश भर से विशेषज्ञों के बहु-आयामी सवालों का उत्तर देने के लिये विभिन्न नैदानिक क्षेत्रों के विशेषज्ञ चिकित्सक 24 घंटे उपलब्ध होंगे.
- यह एक बहु-मॉडल दूरसंचार केंद्र है जिसके जरिये देश के अतिरिकित विश्व के किसी भी हिस्से से दोनों ओर से ऑडियो-वीडियो वार्तालाप के साथ-साथ लिखित संपर्क भी किया जा सकता है.
- संचार साधनों के रूप में, सरल मोबाइल टेलीफोन के साथ-साथ दोनों और से वीडियो वार्तालापों के लिये व्हाट्सएप, स्काइप और गूगल डुओ का प्रयोग किया जाएगा.
- ‘कॉनटेक’, लखनऊ के संजय गाँधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज़ स्थित राष्ट्रीय संसाधन केंद्र के साथ राष्ट्रीय मेडिकल कॉलेज नेटवर्क (National Medical College Network-NMCN) के जरिये जुड़े 50 मेडिकल कॉलेजों के बीच वीडियो सम्मेलन (Video Conference) का संचालन करने के लिये पूरी तरह से NMCN के साथ एकीकृत है.
लक्ष्य
- इस केंद्र का लक्ष्य देश भर के चिकित्सकों को आपस में जोड़ना है ताकि वे एक साथ प्रोटोकॉल पर चर्चा कर सकें और तद्नुसार सर्वोत्तम उपचार प्रदान कर सके.
उद्देश्य
- डिजिटल प्लेटफॉर्म एवं प्रौद्योगिकी की मदद से बड़े पैमाने पर जनता को न केवल COVID-19, बल्कि अन्य बीमारियों के उपचार में भी सहूलियत देना.
- भारत एक विशाल देश है और गरीबों तक पहुँचने के लिये प्रौद्योगिकी एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है.
- अभी की परिस्थिति में गरीबों को भी देश के सर्वोच्च डॉक्टरों की सुविधा मिल सकेगी.
- प्रतिष्ठित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में इस केंद्र को चालू करने का मुख्य उद्देश्य देश के गरीब से गरीब व्यक्ति को सर्वोत्तम उपचार सुलभ कराना है.
आगे कि राह
आने वाले समय में सभी चिकित्सा महाविद्यालयों और AIIMS को एक साथ जोड़ने की आवश्यकता है ताकि वे स्वास्थ्य क्षेत्र में देश के लिये नीति कार्यान्वयन में और अधिक मदद कर सकें.
GS Paper 3 Source: Indian Express
UPSC Syllabus : Biotech related issues.
Topic : Convalescent plasma therapy
संदर्भ
चीन के वुहान से निकले कोरोना वायरस ( coronavirus ) से भारत समेत दुनिया भर के देशों में तबाही मचा रखी है. हालांकि चीन, ईरान, इटली, स्पेन और अमरीका के मुकाबले भारत में कोरोना प्रभाव कम ही देखने को मिला है, वाबजूद इसके कोरोना ( Coronavirus in india ) के मरीजों की संख्या यहां बढ़कर 1500 हो गई है, जबकि 30 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.वहीं, कुछ वैज्ञानिक अब कोरोना ( COVID-19 ) का इलाज प्लाज्मा थेरपी ( Plasma therapy ) से करने पर विचार कर रहे हैं. हालांकि अभी इस पर शोध ही चल रहा है.
प्लाज्मा थेरपी का इतिहास
- दरअसल, नैशनल सेंटर फॉर बायोटैक्नॉलजी इंफॉर्मेशन के अनुसार, दिसंबर 2019 में अमरीका के Food and Drug Administration (FDA) द्वारा स्वीकृत इबोला वैक्सीन तैयार हुई है.इससे पहले मरीज को इस वायरस से बचाने के लिए प्लाज्मा थेरपी का इस्तेमाल किया गया था.अब जबकि दुनिया कोरोना के संकट से जूझ रही है तो ऐसे में प्लाज्मा थेरपी के माध्यम से इस महामारी का इलाज निकल सकता है.
- कई बीमारियों में इसी पद्धति से इलाज किया जाता रहा है. 120 साल पहले जर्मन वैज्ञानिक एमिल वान बेहरिंग ने टेटनस और डिप्थीरिया का इलाज प्जाज्मा पद्धति से किया और प्लाज़्मा के सक्रिय पदार्थ का नाम ‘ऐंटीबाडी’ दिया. तब से आज तक प्लाज्मा थैरेपी का प्रयोग रेबीज, इबोला और नए कोरोना वायरस कोविड-19) से मिलते-जुलते एमईआरएस और एसएआरएस के इलाज में भी हुआ है. उनके अनुसार, प्लाज्मा थैरेपी में जो मरीज अपनी प्रतिरोधी क्षमता से खुद ठीक हो गए हैं, उनके रक्त प्लाज्मा को गंभीर रूप से संक्रमित मरीजों को देने से उनके स्वास्थ्य में सुधार होता है.
इस थेरेपी को कैसे सम्पन्न किया जाता है?
- कोरोना वायरस के जो मरीज ठीक होकर अपने-अपने घरों को लौट चुके हैं, इस थेरेपी के जरिये अब उनकी बॉडी में बनने वाले एंटिबॉडीज की मदद ली जाएगी.
- किसी भी शख्स की बॉडी में ऐंटिबॉडीज उस समय बनना शुरू होता है, जब उसके शरीर पर वायरस का हमला होता है. इस दौरान यह ऐंटिबॉडीज उस वायरस से लड़कर उसको हराने का काम करती है.
- उनकी एंटिबॉडीज से अब कोरोना के मरीजों का इलाज किया जा सकेगा. अगर इस दिशा में वैज्ञानिकों के हाथ कोई सफलता लगती है तो यह कोरोना के मरीजों के लिए चमत्कारी इलाज साबित होगा.
- ऐसे मरीजों की बॉडी से ऐंटिबॉडीज निकालकर इसको अन्य संक्रमित लोगों में इंजेक्ट किया जा सकता है जिससे उस मरीज की रोग प्रतिरोध क्षमता विकसित होगी और वह कोरोना से पार पा सकेगा. इस थेरपी को मेडिकल साइंस में प्लाज्मा डिराइव्ड थेरपी कहा जाता है.
Prelims Vishesh
National Testing Agency :-
- 2017-18 के बजट में की गई घोषणा के अनुसार, देश में एक राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी बनाई जायेगी जिसका काम उच्चतर शिक्षा संस्थानों के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित करना होगा.
- यह एजेंसी एक स्वायत्त एजेंसी होगी जो मानव संसाधन विकास विभाग के द्वारा नियुक्त किसी लब्धप्रतिष्ठ शिक्षाविद की अध्यक्षता में गठित होगी.
- CEO सरकार द्वारा नियुक्त किया गया महानिदेशक होगा.
- एक बोर्ड ऑफ गवर्नर होगा जिसमें उपयोगकर्ता संस्थानों के सदस्य शामिल होंगे.
- महानिदेशक को 9 ऊर्ध्वाधर शिक्षाविदों / विशेषज्ञों से मदद मिलेगी.
- NTA को पहले वर्ष में अपना संचालन शुरू करने के लिए भारत सरकार की ओर से 25 करोड़ रुपये का एकमुश्त अनुदान दिया जाएगा. इसके बाद यह आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होगा.
What is a Cantonment Board? :-
- छावनी बोर्ड छावनी अधिनियम, 2006 के अंतर्गत एक निगमित निकाय होता है जिसे किसी छावनी क्षेत्र के लिए नगरपालिका का दर्जा प्राप्त होता है.
- नगर निगम की भाँति ही यह बोर्ड अनुदान एवं आबंटन प्राप्त करता है तथा सार्वजनिक स्वास्थ्य, स्वच्छता, सुरक्षा, जलापूर्ति, साफ़-सफाई, शिक्षा आदि से सम्बंधित केंद्र सरकार की योजनाओं को लागू करता है.
What is Force Majeure? :-
- फ़ोर्स मेजर उस असाधारण घटना अथवा परिस्थिति को कहते हैं जो मानवीय नियंत्रण के परे होती है और जिसे भगवान् का कृत्य कहते हैं.
- कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए भारतीय रेलवे ने उसे फ़ोर्स मेजर माना है और यह निश्चय किया है कि 22-3-2020 से लेकर 14-4-2020 की अवधि में वह कई प्रकार का शुल्क नहीं लेगी, जैसे – क्षति शुल्क, घाट-भाड़ा (wharfage) आदि.
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