Sansar Daily Current Affairs, 30 May 2019
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : UN Women
संदर्भ
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव ने पिछले दिनों भारतीय मूल की अनीता भाटिया को लैंगिक समानता एवं महिला सशक्तीकरण संयुक्त राष्ट्र की एक महत्त्वपूर्ण इकाई का उपकार्यकारी निदेशक नियुक्त किया है. इस इकाई का नाम है – United Nations Entity for Gender Equality and the Empowerment of Women (UN-Women) for Resource Management, Sustainability and Partnerships. इसे संक्षेप में UN वीमेन भी कहते हैं.
यू.एन. वीमेन
- विश्व में महिलाओं के समानता के मुद्दे को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से विश्व निकाय के भीतर एकल एजेंसी के रूप में यू.एन. वीमेन के गठन के लिए 2010 को स्वीकृति प्रदान की गई थी.
- इसका मुख्यालय अमेरिका के न्यूयार्क शहर में बनाया गया है.
- यू.एन. वीमेन की वर्तमान प्रमुख दक्षिण अफ्रीका की पूर्व उप-राष्ट्रपति Phumzile Mlambo-Ngcuka हैं.
- संस्था का प्रमुख कार्य महिलाओं के प्रति सभी तरह के भेदभाव को दूर करना तथा उनके सशक्तीकरण की दिशा में प्रयास करना है.
- वास्तव में UN Women संयुक्त राष्ट्र के चार अलग-अलग भागों को विलय कर स्थापित किया गया थाजो सभी लैंगिक समानता और स्त्री-सशक्तीकरण से जुड़े हुए थे. ये भाग निम्नलिखित थे –
- महिला प्रगति प्रभाग / Division for the Advancement of Women (DAW).
- अंतर्राष्ट्रीय महिला प्रगति औसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान / International Research and Training Institute for the Advancement of Women (INSTRAW).
- लैंगिक विषयों एवं महिला प्रगति के विशेष परामर्शी का कार्यालय / Office of the Special Adviser on Gender Issues and Advancement of Women (OSAGI)
- संयुक्त राष्ट्र महिला विकास कोष / United Nations Development Fund for Women (UNIFEM).
यू.एन. वीमेन के मुख्य कार्य
- महिला आयोग जैसे अंतरसरकारी निकायों को नीतियाँ, वैश्विक मानक एवं मानदंड बनाने में सहायता करना.
- सदस्य देशों को इन मानकों को लागू करने में सहयोग करना तथा जो देश अनुरोध करते हैं उनको उचित तकनीकी एवं वित्तीय समर्थन प्रदान करना तथा सिविल सोसाइटी के साथ कारगर भागीदारी बनाना.
- लैंगिक समानता के प्रति संयुक्त राष्ट्र की वचनबद्धता के निर्वाह के लिए इस क्षेत्र में होने वाली प्रगति की निगरानी करना.
GS Paper 2 Source: PIB
Topic : Population Research Centres
संदर्भ
हाल ही में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने जनसंख्या शोध केंद्रों (Population Research Centres – PRC) के लिए दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया. कार्यशाला का प्राथमिक उद्देश्य स्वास्थ्य मंत्रालय की अनेक अग्रणी योजनाओं के विषय में जानकारी देना है और संयुक्त निगरानी की व्यवस्था का प्रावधान करना है.
जनसंख्या शोध केंद्र क्या हैं?
- स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने जनसंख्या अनुसंधान केन्द्रों का एक नेटवर्क स्थापित किया है जिनका एक कार्य राष्ट्रीय एवं राज्य-स्तर पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण कार्यक्रमों एवं नीतियों से सम्बंधित सूचनाओं के आधार पर अनुसंधान करना है.
- ये मुख्य रूप से जिन विषयों में अनुसंधान परियोजनाएँ चलाते हैं, वे हैं – परिवार नियोजन, जनसांख्यिक अनुसंधान, जीव वैज्ञानिक अध्ययन, जनसंख्या नियंत्रण से सम्बंधित तरीकों की गुणवत्ता आदि.
- इन शोध अध्ययनों से प्राप्त जानकारियों के आधार पर नई योजनाएँ और रणनीतियाँ बनाई जाती हैं और चालू योजनाओं में अपेक्षित सुधार किया जाता है.
- ये केंद्र स्वायत्त होते हैं. इनके लिए केंद्र सरकार वर्षानुवर्ष शत प्रतिशत केन्द्रीय सहायता अनुदान के रूप में देती है.
- इन केन्द्रों के कार्यकलाप की निगरानी स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय करता है और वह इसके लिए समय-समय पर प्रगति प्रतिवेदन मांगता है तथा बैठक, सेमीनार आदि आयोजित करता है.
- इसके अतिरिक्त देश और राष्ट्र के स्तर पर मंत्रालय द्वारा समय-समय पर गठित समितियों और संस्थानों को यह दिशा-निर्देश भी देता है.
- प्रशासनिक दृष्टि से जनसंख्या शोध केंद्र (PRC) उन विश्वविद्यालयों अथवा संस्थानों के नियंत्रण में रहते हैं जहाँ वे अवस्थित होते हैं.
- इसके अतिरिक्त PRC मंत्रालय द्वारा दिए गए दायित्वों जैसे एनआरएचएम कार्यक्रमों का संयुक्त मूल्यांकन, का भी निर्वहन करता है.
GS Paper 2 Source: PIB
Topic : Pension scheme for small retail traders and shopkeepers
संदर्भ
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने व्यापारिक समुदाय को लाभान्वित करने वाले एक महत्त्वपूर्ण निर्णय के तहत एक नई योजना को मंजूरी दी, जिसके तहत व्यापारी समुदाय को पेंशन कवरेज देने की पेशकश की गई है. यह सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा की सुदृढ़ संरचना मुहैया कराने संबंधी प्रधानमंत्री के विजन का एक हिस्सा है.
यह योजना कैसे काम करती है?
- इस योजना के तहत सभी दुकानदारों, खुदरा व्यापारियों और स्व-रोजगार करने वाले लोगों को 60 वर्ष की आयु हो जाने के बाद 3000 रुपये की न्यूनतम मासिक पेंशन देना सुनिश्चित किया गया है.
- सभी छोटे दुकानदारों एवं स्व-रोजगार वाले लोगों के साथ-साथ ऐसे खुदरा (रिटेल) व्यापारी भी इस योजना के लिए अपना नामांकन करा सकते हैं या इससे जुड़ सकते हैं, जिनका जीएसटी कारोबार 5 करोड़ रुपये से कम है और जिनकी आयु 18 से 40 वर्ष तक है. इस योजना से 3 करोड़ से भी अधिक छोटे दुकानदार एवं व्यापारी लाभान्वित होंगे.
- यह योजना स्व-घोषणा पर आधारित है, क्योंकि ‘आधार’ एवं बैंक खाते को छोड़कर किसी और दस्तावेज की जरूरत नहीं पड़ती है. इच्छुक व्यक्ति देश भर में फैले 3,25,000 से भी अधिक साझा सेवा केन्द्रों (कॉमन सर्विस सेंटर) के जरिये स्वयं का नामांकन करा सकते हैं या इससे जुड़ सकते हैं.
- भारत सरकार इस योजना के सदस्य के खाते में समान योगदान देगी. उदाहरण के लिए, यदि 29 साल की उम्र का कोई व्यक्ति प्रति माह 100 रुपये का योगदान करता है तो केन्द्र सरकार भी प्रत्येक महीने सम्बन्धित सदस्य के खाते में सब्सिडी के रूप में ठीक उतनी ही राशि का योगदान करेगी.
योजना का माहात्म्य
- यह योजना व्यापारियों की वृद्धावस्था के दौरान उन्हें एक सम्मानित जीवन और वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करेगी.
- इस निर्णय को व्यापारियों और छोटे एवं मझोले कारोबारियों के कल्याण के लिए उठाए गए कई अन्य कदमों के आलोक में भी देखा जा सकता है. व्यापारिक समुदाय से सुझाव या फीडबैक आमंत्रित करने के बाद वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को काफी सरल बनाया गया. इसी तरह ‘मुद्रा’ लोन मिलने से युवा भारत के उद्यमिता से जुड़ा उत्साह काफी बढ़ गया है. 1 करोड़ रुपये तक के ऋण अब आसानी से उपलब्ध हैं.
- इन कदमों के साथ-साथ कई और तरह के ठोस प्रयासों से व्यापारिक समुदाय को काफी मदद मिलेगी.
GS Paper 2 Source: PIB
Topic : e-cigarettes
संदर्भ
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद् (ICMR) ने ई-सिगरेट सहित सभी इलेक्ट्रॉनिक निकोटीन प्रदाता प्रणालियों (Electronic Nicotine Delivery Systems – ENDS) पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का सुझाव दिया है.
सुझाव का आधार
- ई-सिगरेट आदि प्रयोग करने वालों में लत पैदा करते हैं. इनमें न केवल निकोटीन होता है अपितु सुगंध देने वाले पदार्थ और वाष्प उत्पन्न करने वाले हानिकारक पदार्थ भी होते हैं. सुगंध और भाप के कारण युवा और किशोर इनके प्रति आकर्षित होते हैं.
- ENDS अथवा ई-सिगरेट के प्रयोग से तम्बाकू की नई लत का रास्ता खुल जाता है और इस प्रकार जनस्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव पड़ता है.
- अध्ययनों में यह स्पष्ट किया गया है कि लम्बे समय तक इनके प्रयोग से मनुष्य के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है. ऐसे कुछ दुष्प्रभाव ये हैं – DNA में क्षति, साँस की बीमारी, हृदय रोग, स्नायविक विकार, कैंसर, कोषीय एवं आणविक विषाक्तता. यहाँ तक की यह गर्भावस्था के समय भ्रूण के विकास को भी प्रभावित कर देता है.
- शोध से पता चला है कि जो युवा ई-सिगरेट आदि का प्रयोग करते हैं वे आगे चलकर सिगरेट पीना शुरू कर देते हैं.
- ENDS का आदि हो जाने के बाद यह बहुत हद तक संभव है कि व्यक्ति अन्य नियमित उत्पादों के साथ प्रयोग करने लगे और धूमपान की ओर बढ़ जाए.
ई-सिगरेट क्या है?
- इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट अथवा ई-सिगरेट बैटरी से चलने वाली एक वाष्पोत्सर्जक (vaporizer) है जिसे देखने से लगता है कि उपभोक्ता तम्बाकू का सेवन कर रहा है. यह वाष्प ई-सिगरेट के अन्दर स्थित तरल निकोटिन (juice) के गर्म होने से निकलता है.
- निकोटिन जूस भाँति-भाँति के स्वाद के होते हैं और इनमें निकोटिन की मात्रा भी कम-ज्यादा होती है. इस जूस में प्रमुख्य रूप से दो अवयव होते हैं – i) वेजिटेबल ग्लीसरिन (जो टूथपेस्ट और कई भोज्य पदार्थों में प्रयुक्त होता है) और ii) प्रोप्लीन ग्लाईकोल (propylene glycol) (जो fog machines में प्रयुक्त होता है).
- ई-सिगरेट के पक्षधर यह पक्ष देते हैं कि इसे पीना सामान्य सिगरेट की तुलना में अधिक स्वास्थ्यकर है क्योंकि इसमें उपभोक्ता के शरीर में मात्र जलवाष्प और निकोटिन ही जाता है.
ई-सिगरेट और उसके दुष्प्रभाव पर WHO का रिपोर्ट
- इस रिपोर्ट के अनुसार e-cigarette में प्रयोग होने वाला निकोटिन गर्भावस्था में भ्रूण के विकास पर बुरा प्रभाव डालता है. इससे दिल के रोग की भी संभावना होती है. इसको पीने से इसकी लत पड़ जाती है.
- WHO रिपोर्ट के अनुसार निकोटिन कैंसरकारी नहीं है, परन्तु इसके कारण किसी ट्यूमर में वृद्धि हो सकती है और नसों को क्षति पहुँच सकती है.
- भ्रूणावस्था और किशोरवस्था में निकोटिन लेने से मस्तिष्क का विकास अवरुद्ध हो जाता है और उपभोक्ता को अत्यधिक चिंता करने की आदत पड़ जाती है.
आगे की राह
सरकार को चाहिए कि वह ई-सिगरेट के ऑनलाइन अथवा अन्य प्रकार से विक्रय और विज्ञापन पर उचित प्रतिबंध लगाये तथा इस विषय में स्वास्थ्य से सम्बंधित चेतावनी तत्काल प्रकाशित करे. सरकार इन सिगरेटों से होने वाले खतरों के बारे में स्वतंत्र रूप से वैज्ञानिक शोध करवाए.
GS Paper 3 Source: The Hindu
Topic : IMD Competitiveness Rankings
संदर्भ
अंतर्राष्ट्रीय प्रबंधन विकास संस्थान के द्वारा 2019 की व्यावसायिक स्कूल वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता रैंकिंग (IMD वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता रैंकिंग) निर्गत कर दी गई है.
IMD वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता रैंकिंग क्या है?
- यह रैंकिंग 1989 में आरम्भ की गई थी. इसमें 235 संकेतकों के आधार पर 63 अर्थव्यवस्थाओं को रैंकिंग दी जाती है.
- इन संकेतकों के माध्यम से किसी देश की एक ऐसे परिवेश को बढ़ावा देने की क्षमता का आकलन होता है जिसमें उद्यम वांछनीय सतत विकास का लक्ष्य प्राप्त कर सकें, आजीवका का सृजन कर सकें और नागरिकों के कल्याण में वृद्धि कर सकें.
- IMD रैंकिंग के लिए विभिन्न प्रकार के आँकड़ों और हार्ड डाटा को आधार बनाता है, जैसे – बेरोजगारी, GDP और स्वास्थ्य एवं शिक्षा पर सरकारी व्यय तथा साथ ही सामाजिक एकात्मता, वैश्विकता एवं भ्रष्टाचार जैसे विषयों पर अंतर्राष्ट्रीय व्यवसाय कार्यकारी ओपीनियन सर्वे से प्राप्त सॉफ्ट डाटा.
अर्थव्यवस्थाओं का चार सीढ़ियों में आकलन
- आर्थिक प्रदर्शन
- आधारभूत संरचना
- सरकारी कौशल्य
- व्यावसायिक कौशल्य
भारत का प्रदर्शन
- इस बार की रैंकिंग में भारत एक स्थान बढ़कर 43वें स्थान पर पहुँच गया है. विदित हो कि 2016, 2017 और 2018 में भारत का स्थान क्रमशः 41वाँ, 45वाँ और 44वाँ था.
- भारत की रैंकिंग में सुधार जिन कारणों से हुआ, वे हैं – सुदृढ़ आर्थिक वृद्धि, विशाल श्रम और बल एवं बाजार का बड़ा होना.
वैश्विक निष्कर्ष
- इस रैंकिंग में सिंगापुर को प्रथम स्थान मिला. 9 वर्षों में पहली बार सिंगापुर शीर्ष पर रहा. 2018 में इसे तीसरी रैंक मिली थी.
- पिछले वर्ष की भाँति होंग-कोंग को दूसरा स्थान प्राप्त हुआ.
- इस बार अमेरिका खिसक कर तीसरे स्थान पर आ गया.
- 2019 की रैंकिंग से स्पष्ट होता है कि एशिया-प्रशांत के क्षेत्र ने अच्छा प्रदर्शन किया है क्योंकि यहाँ की 14 अर्थव्यस्थाओं में 11 अर्थव्यस्थाएँ या तो सुधरी हैं या अपना स्थान बनाए रखा है.
Prelims Vishesh
Mexico’s Highest Civilian award :-
- मेक्सिको ने किसी विदेशी को दिया जाने वाला अपना सर्वोच्च नागरिक सम्मान – Orden Mexicana del Aguila Azteca” (Order of the Aztec Eagle)– भारत की पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल को प्रदान किया है.
- विदित हो कि एक बार पहले यही पुरस्कार भारतीय राष्ट्रपति एस. राधाकृष्णन को दिया जा चुका है.
World’s southernmost city :–
- चिली के Puerto Willams नामक शहर को विश्व के दक्षिणतम नगर के रूप में मान्यता दी गई है.
- ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि पहले इस शहर को गाँव का दर्जा मिला हुआ था, पर अब यह एक शहर हो गया है.
- इसके पहले अर्जेंटीना ने Ushuaia शहर को सबसे दक्षिण-स्थित शहर माना जाता था.
Hygiene rating made compulsory in Punjab :–
पंजाब सरकार ने सभी ऑनलाइन भोजन पहुँचाने वाली कंपनियों के लिए यह सुनिश्चित करना अनिवार्य कर दिया है कि वे आपूर्ति किये जा रहे भोजन को FSSAI दिशा-निर्देशों के अनुसार हाइजीन सम्बंधित रेटिंग दें.
New species of wasp from Goa :–
- गोवा में वैज्ञानिकों को Kudakrumia rangnekari नाम की नई प्रजाति का बर्रा मिला है. यह बर्रा पश्चिम घाट के जंगलों में स्थित कोटिगाओ वन्यजीव आश्रयणी से प्राप्त किया गया है.
- इस बर्रे का यह नाम गोवा में रहने वाले शोधकर्ता पराग रंगनेकर पर रखा गया है.
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