Sansar डेली करंट अफेयर्स, 31 March 2021

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Sansar Daily Current Affairs, 31 March 2021


GS Paper 1 Source : Indian Express

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UPSC Syllabus : India and its neighbourhood- relations.

Topic : Teesta Water-Sharing Pact

संदर्भ

प्रधानमंत्री ने बांग्लादेश को तीस्ता जल साझाकरण समझौता (Teesta water-sharing pact) करने का आश्वासन दिया.

तीस्ता नदी

  • तीस्ता 414 किलोमीटर लंबी नदी है जो हिमालय में 7,096 मीटर ऊपर स्थित पाहुनरी ग्लेशियर से निकलती है.
  • पहले यह भारत के सिक्किम राज्य में पहुँचती है, वहाँ से पश्चिम बंगाल जाती है और फिर वहाँ से होते हुए बांग्लादेश चली जाती है.
  • बांग्लादेश में यह ब्रह्मपुत्र नदी से मिल जाती है, ब्रह्मपुत्र आगे जाकर पद्मा नदी से मिलती है. गंगा नदी को बांग्लादेश में पद्मा कहते हैं.
  • पद्मा आगे जाकर मेघना नदी से मिलती है, और मेघना नदी बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है.

तीस्ता नदी विवाद क्या है?

  • तीस्ता नदी भारत और बांग्लादेश के मध्य तभी से विवाद का एक विषय रही है, जब वर्ष 1951 में पूर्वी पाकिस्तान (वर्तमान बांग्लादेश) से जल के साझाकरण पर चर्चा आरंभ की गई थी.
  • वर्ष 1984 में, एक संयुक्त नदी आयोग ने तीस्ता नदी का भारत को 42.5 प्रतिशत और बांग्लादेश को 37.5 प्रतिशत जल आवंटित करने की अनुशंसा की थी.
  • हालांकि, वर्ष 1984 की अनुशंसाओं के आधार पर वर्ष 2011 में एक समझौते पर हस्ताक्षर करने का प्रयास किया गया, जो पश्चिम बंगाल की आपत्तियों के कारण असफल रहा.
  • बांग्लादेश चाहता है कि नदी का पानी चूँकि भारत से होते हुए उनके देश में आ रहा है, इसलिए भारत हिसाब से पानी ख़र्च करे, ताकि उनके यहाँ पहुँचने तक नदी में पानी बना रहे.
  • भारत, या असल में पश्चिम बंगाल कहता है कि पानी इतना नहीं है कि वो उस हिसाब से बाँट सके जितना कि बांग्लादेश चाहता है. पश्चिम बंगाल का कहना है कि उत्तर बंगाल के छह ज़िले तीस्ता नदी पर निर्भर हैं.
  • बांग्लादेश इसी नदी के 50% जल की मांग करता है. पश्चिम बंगाल के उत्तर पूर्वी क्षेत्र के लिए भी यह नदी महत्त्वपूर्ण है. पश्चिम बंगाल में इस नदी पर बनाए गए हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट द्वारा 67.60 मेगा वाट बिजली का उत्पादन किया जा रहा है. साथ ही नौ लाख बाईस हजार हेक्टेयर भूमि भी सिंचित की जाती है. पश्चिम बंगाल और सिक्किम मिल कर इस नदी के 55% जल की माँग करते हैं.

चीन की कूटनीति

  • तीस्ता जल बँटवारा एक संवेदनशील मुद्दा है और चीन उसी के लिए एक अरब डॉलर का योगदान करना चाह रहा है.
  • पिछले साल बांग्लादेश को विभिन्न परियोजनाओं के लिए 4 अरब डॉलर देने की बात कही थी, और इस साल उसने कहा कि वो उसकी पहली किस्त में एक अरब डॉलर दे भी देगा जो तीस्ता परियोजना पर ख़र्च होगी.
  • चीन का यह क़दम भारत को परेशान करने की एक कोशिश है.

इस टॉपिक से UPSC में बिना सिर-पैर के टॉपिक क्या निकल सकते हैं?

बांग्लादेश के साथ भारत की अन्य परियोजनाएँ

तीस्ता नदी जल बँटवारे के मुद्दे के अलावा भी ऐसे कई क्षेत्र हैं जिनमें भारत और बांग्लादेश के बीच सहयोग के प्रयास चल रहे हैं.

  1. रामपाल मैत्री पावर प्लांट
  2. भारत-बांग्लादेश फ़्रेंडशिप तेल पाइपलाइन
  3. अखौरा-अगरतला, चैलाहाटी-हल्दीबारी व खुलना-मोंगला रेल लाइन
  4. तीस्ता नदी पर प्रस्तावित 26 पनबिजली या हाइड्रोइलेक्ट्रिक परियोजनाएँ.

GS Paper 2 Source : PIB

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UPSC Syllabus : Welfare schemes for vulnerable sections of the population by the Centre and States and the performance of these schemes; mechanisms, laws, institutions and bodies constituted for the protection and betterment of these vulnerable sections.

Topic : Pradhan Mantri Awas Yojana- Gramin (PMAY-G)

संदर्भ

संसदीय समिति की रिपोर्ट के अनुसार प्रधानमंत्री आवास योजना – ग्रामीण के अंतर्गत तय लक्ष्य का सिर्फ 55% प्राप्त किया जा सका है, अर्थात् निर्धारित 2.28 करोड़ आवासों में से केवल 1.27 करोड़ आवास पूरे हो सके हैं, जबकि अन्य 61 लाख निर्माणाधीन हैं.

प्रधान मंत्री आवास योजना – ग्रामीण क्या है?

  • यह योजना पुरानी इंद्रा आवास योजना (IAY) को रूपांतरित करते हुए 2016 से लागू हुई है.
  • इस योजना का लक्ष्य 2022 तक उन व्यक्तियों को बुनियादी सुविधाओं से युक्त पक्का घर देना है जो या तो बिना घर के हैं या उनके घर कच्चे और टूटे-फूटे हैं.
  • घर बनाने की लागत को मैदानी क्षेत्रों में 60:40 और पूर्वोत्तर एवं हिमालयी राज्यों में 90:10 के हिसाब से क्रमशः केंद्र और राज्य सरकारें बाँटती हैं.
  • इस योजना के अन्दर गाँवों में राजमिस्त्री के काम का प्रशिक्षण भी दिया जाता है जिससे कि अच्छे घर बन सकें और साथ ही गाँव में ही कुशल राजमिस्त्री मिल सकें. इसके अतिरिक्त इसका एक उद्देश्य गाँवों में रोजगार का सृजन करना है.

लाभार्थियों का चयन

इस योजना के लिए सामाजिक, आर्थिक एवं जाति-जनगणना (SECC), 2011 में वर्णित घरों की स्थिति को आधार बनाया गया है. इसके लिए ग्राम सभा द्वारा सत्यापन का भी नियम बनाया गया है.


GS Paper 2 Source : Indian Express

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UPSC Syllabus : Government policies and interventions for development in various sectors and issues arising out of their design and implementation.

Topic : National Register of Citizens – NRC

संदर्भ

हाल ही में, केंद्र सरकार ने, असम सरकार से वर्ष 2019 में प्रकाशित आखिरी राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) में शामिल नहीं किये जाने वाले लोगों के लिए ‘अस्वीकरण पर्चियाँ’ (Rejection Slips) तत्काल जारी करने को कहा है.

पृष्ठभूमि

असम राज्य में, कुल 3.30 करोड़ आवेदकों में से 19 लाख आवेदक राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) की आख़िरी सूची से बाहर हो गए थे. इस ‘राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर’ को तैयार करने में पांच वर्ष का समय तथा 1,220 करोड़ रुपए का व्यय हुआ है.

NRC की प्रक्रिया क्यों शुरू की गई?

राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) वह सूची है जिसमें असम में रहने वाले भारतीय नागरिकों के नाम दर्ज हैं. असम देश का एकमात्र राज्य है जहाँ NRC विद्यमान है. असम में विदेशियों के निष्कासन के लिए 1979 से 1985 तक एक बड़ा आन्दोलन चला था. 1985 में सरकार और आन्दोलनकारियों के बीच एक समझौता हुआ जिसके बाद आन्दोलन समाप्त कर दिया गया. समझौते में यह आश्वासन दिया गया था कि NRC का नवीकरण किया जायेगा. इस समझौते (Assam Accord) में 24 मार्च, 1971 को विदेशियों के पहचान के लिए cut-off तिथि निर्धारित की गई थी. इस आधार पर NRC ने अपना नवीनतम प्रारूप प्रकाशित किया है जिसमें बताया गया है कि राज्य के 40 लाख लोग यह प्रमाणित नहीं कर सके कि वे इस cut-off तिथि के पहले से वहाँ रह रहे हैं.

NRC 

  • NRC को पूरे देश में पहली और आखिरी बार 1951 में तैयार किया गया था.
  • लेकिन इसके बाद इसका अद्यतन नहीं किया गया था.
  • NRC में भारतीय नागरिकों का लेखा-जोखा दर्ज होता है.
  • 2005 में केंद्र, राज्य और All Assam Students Union के बीच समझौते के बाद असम के नागरिकों की दस्तावेजीकरण की प्रक्रिया शुरू हुई. ये पढ़ें >> असम समझौता
  • मौजूदा प्रकिया सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हो रही है.
  • सुप्रीम कोर्ट ने करीब दो करोड़ दावों की जांच के बाद 31 December तक NRC को पहला draft जारी करने का निर्देश दिया था.
  • कोर्ट ने जांच में करीब 38 लाख लोगों के दस्तावेज संदिग्ध पाए थे.

GS Paper 2 Source : Indian Express

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UPSC Syllabus : India and its neighborhood- relations.

Topic : The Heart of Asia-Istanbul Process

संदर्भ

30 मार्च को मध्य एशियाई देश ताजिकिस्तान की राजधानी दुशान्बे में 9वें हार्ट ऑफ़ एशिया सम्मेलन का आयोजन किया गया. इसमें भारत का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री एस जयशंकर द्वारा किया गया.

सम्मेलन में विदेश मंत्री ने अफ़ग़ानिस्तान में शांति बहाली के लिए अफ़ग़ान सरकार और तालिबान के बीच संचालित शांति वार्ताओं का समर्थन किया है.

हार्ट ऑफ़ एशिया सम्मेलन के बारे में

  • हार्ट ऑफ़ एशिया-इस्तांबुल प्रोसेस मंत्रिस्तरीय सम्मेलन हैं जो अफ़ग़ानिस्तान में शांति स्थापना से जुड़ी इस्तांबुल प्रक्रिया का भाग है|
  • इसकी शुरुआत 2 नवंबर 2011 को तुर्की में की गई.
  • इस सम्मेलन में एक स्थिर और शांतिपूर्ण अफ़ग़ानिस्तान के लिए क्षेत्रीय सुरक्षा और सहयोग पर बल दिया जाता है.
  • छठे हार्ट ऑफ़ एशिया सम्मेलन का आयोजन वर्ष 2016 में भारत के अमृतसर में किया गया था.

अफ़ग़ानिस्तान को लेकर भारत की चिंताएँ

भारत अपने पड़ोस में किसी अस्थिर, गृह युद्धग्रस्त देश को नहीं चाहेगा. अफ़ग़ानिस्तान में शांति स्थापना, भारत की सुरक्षा के लिए अत्यंत आवश्यक है, भारत अलकायदा जैसे आतंकी समूहों के निशाने पर बना हुआ है. इसके अतिरिक्त भारत ने अफ़ग़ानिस्तान में विभिन्‍न आधारभूत परियोजनाओं में भारी निवेश किया है, अत: भारत इन निवेशों को व्यर्थ नहीं जाने देना चाहता है. भारत को मध्य एशियाई देशों से जोड़ने और व्यापार को बढ़ाने के लिए भी अफ़ग़ानिस्तान में शांति स्थापना आवश्यक है.

अफ़ग़ान शांति प्रक्रिया

भारत, अफ़ग़ानिस्तान में अफ़ग़ान नेतृत्व वाली, अफ़ग़ान समर्थित एवं अफ़ग़ान नियंत्रित शांति प्रक्रिया का पक्षधर रहा है. साथ ही भारत ने इस बात पर भी बल दिया है कि अफ़ग़ानिस्तान के सम्बन्ध में किसी भी प्रकार के निर्णय के साथ यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि अफ़ग़ान भूमि भारत के विरुद्ध आतंकवाद को बढ़ावा देने के कम न आ सके. भारत ने फरवरी 2020 से अमरीका-अफ़ग़ानिस्तान सरकार और तालिबान के मध्य आयोजित की जा रही अंतर-अफगान वार्ता में भाग लेने की इच्छा जताई थी, लेकिन भारत को इससे अलग रखा गया है.


GS Paper 3 Source : Indian Express

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UPSC Syllabus : Science and Technology.

Topic : Fourth batch of three Rafale fighter jets land in India: Indian Air Force

संदर्भ

31 मार्च को राफेल लड़ाकू विमानों का चौथा बैच भारत पहुँच गया है. इस बैच में तीन लड़ाकू विमान शामिल हैं. तीन नये राफेल लड़ाकू विमानों के साथ, 147 की सूची में राफेल की संख्या बढ़कर 14 हो गई है.

प्रमुख तथ्य

  • 23 सितंबर 2016 को भारत-फ्रांस के बीच 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के समझौते पर हस्ताक्षर हुए.
  • ये विमान फ्रांस की कंपनी ‘डसॉल्ट एविएशन’ द्वारा निर्मित हैं.
  • इन विमानों की अधिकतम स्पीड 2200 किमी प्रति घण्टा है और ये 50,000 फीट की ऊँचाई तक उड़ान भर सकते हैं.
  • ये Probe & Drogue पद्धति से हवा में ही ईंधन भरने की क्षमता रखते हैं.
  • राफेल विमानों में इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर (EW) प्रणाली है.
  • यह 6 एयर टू एयर मिसाइल ले जाने और इंफ्रा रेड सर्च एंड ट्रेकिंग में सक्षम हैं.
  • वर्ष 2021 के अंत तक सभी 36 राफेल विमान भारत को सौंपे जाना प्रस्तावित है.
  • इन लड़ाकू विमानों की कुल लागत लगभग 59,000 रु. करोड़ आएगी.
  • 29 जुलाई को आए पहले बैच में शामिल 5 राफेल विमानों में 3 सिंगल सीट, जबकि 2 डबल सीट विमान थे. ये राफेल विमान. एयरफोर्स के अंबाला स्थित स्कवाड्रन 17 (Golden Arrows) में शामिल किए गए थे.

Prelims Vishesh

Greater One-Horned Rhino :-

  • हाल ही में असम राज्य के वन विभाग ने एक-सींग वाले गैंडे (Greater One-Horned Rhino) के अवैध शिकार पर रिपोर्ट जारी की है.
  • असम राज्य के वन विभाग द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक, असम राज्य में एक-सींग वाले गैंडे (Greater One-Horned Rhino) के अवैध शिकार में पिछले तीन वर्षों में अवैध शिकार में 86% की कमी आई है.
  • उल्लेखनीय है कि भारत में सबसे अधिक एक सींग वाले गैंडे असम के काजीरंगा नेशनल पार्क में पाए जाते हैं.

National Aquifer Mapping and Managament Program: NAQUIM :-

aquifer

  • वर्ष 2012 में भूजल प्रबंधन और विनियमन योजना के एक भाग के रूप में NAQUIM का प्रारंभ किया गया था.
  • इसके उद्देश्य हैं: – जलभृतों का मानचित्रण करना और उसकी विशेषताओं को रेखांकित करना, देश में स्थायी भूजल प्रबंधन की योजनाएँ विकसित करना आदि.
  • इसे केंद्रीय भूमि जल बोर्ड, जल शक्ति मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है.
  • जलभूत एक छिद्रपूर्ण शैल या तलछट का एक निकाय होता है, जो भूजल से संतृप्त होता है.
  • जलभृत सामान्यतया दो प्रकार के होते हैं जैसे – मुक्त जलभूत और संरोधित जलभृत.

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