Sansar Daily Current Affairs, 7 June 2018
GS Paper 2 Source: PIB
Topic : Atal Bhu Jal Yojana (ABHY)
- विश्व बैंक ने अटल भूजल योजना का अनुमोदन कर दिया है.
- इस योजना को 2018 से 2022 तक विश्व बैंक की मदद से क्रियान्वित किया जायेगा.
- यह जल संसाधन मंत्रालय, नदी विकास एवं गंगा कायाकल्प मंत्रालय की केंद्रीय योजना है जिसपर 6000 करोड़ रु. खर्च होंगे.
- इस योजना का उद्देश्य भूमिगत जल का संरक्षण करना और उसमें वृद्धि के उपाय करना है.
- विदित हो कि भारत में कई ऐसे राज्य हैं जहाँ भूमिजल का व्यापक दोहन हुआ है जिसके फलस्वरूप उसका स्तर बहुत नीचे चला गया है.
- इस योजना के लिए विशेषकर उन 15 राज्यों को चुना गया है जहाँ भूमिगत जल का ह्रास अधिक हुआ है. इन राज्यों के नाम हैं – गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और उत्तर प्रदेश.
- इस योजना के तहत भूमिजल के उपयोग को सही ढंग से करने के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा की जाएगी.
क्यों महत्त्वपूर्ण है?
- Prelims के लिए : ABHY के विषय में Facts and Figures.
- Mains के लिए : भूजल संकट- कारण, चुनौतियाँ, चिंताएँ और समाधान, सरकार द्वारा विभिन्न प्रयास.
GS Paper 3 Source: The Hindu
Topic : Public Credit Registry
- किसी व्यक्ति या इकाई के वित्तीय दायित्व के विषय में नवीनतम (real-time) सूचना देने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक ने एक पंजी (registry) तैयार करने का निर्णय लिया है जिसमें सम्बंधित व्यक्ति अथवा इकाई के दायित्वों का वर्णन उपलब्ध होगा.
- RBI का यह निर्णय YM देवस्थली (YM Deosthalee Committee) की अध्यक्षता में गठित कार्यदल के द्वारा इस विषय में दिए गए प्रतिवेदन के आलोक में दिया गया है.
- इस पंजी (registry) के निर्माण और संधारण (maintenance) के लिए RBI सभी बैंकों और ऋणदाता संस्थानों के लिए यह अनिवार्य कर देगा कि ऋण के जितने भी मामले हैं, चाहे छोटे हों या चाहे बड़े हों अथवा ऋण लेने वाले ग्राहक के किसी भी श्रेणी के हों, उन मामलों RBI को रिपोर्ट करे.
- इस पंजी में भारतीय व्यक्तियों के अतिरिक्त भारत में निगमि कम्पनियों (incorporated companies) द्वारा लिए गए हर ऋण का ब्यौरा दर्ज होगा.
- इस पंजी का उद्देश्य संस्थानों द्वारा दिए गये ऋण के विषय में वर्तमान बिखरी हुई और अव्यवस्थित जानकारियों को इकठ्ठा करना है जिससे कि एक ही दृष्टि में भारत में लिए गये ऋणों की जानकारी हो सके.
- इस पंजी के दायरे में भारत की सरकारी बैंकों के अतिरिक्त अन्य सभी ऋणदाता संस्थान आयेंगे, जैसे कि – वाणिज्यिक बैंक, सहकारी बैंक, गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियाँ (NBFCs), MFIs (microfinance institutions/सूक्ष्म वित्त संस्थान)
- PCR (Public Credit Registry) से ऋण देने वाले संस्थानों से यह फायदा होगा कि वे दिए गए ऋणों की वसूली की स्थिति का सम्यक निरीक्षण कर सकेंगे और आवश्यकतानुसार उसे restructure कर सकेंगे.
क्यों महत्त्वपूर्ण है?
- Prelims के लिए : PCR क्या है? YM Deosthalee Committee के recommendations
- Mains के लिए : PCR – जरूरत, चुनौतियाँ और इसका महत्त्व.
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : Global Peace Index 2018
- वैश्विक शान्ति सूचकांक (GPI) 2018 का 12वाँ संस्करण निर्गत किया गया है.
- विदित हो कि यह सूचकांक ऑस्ट्रेलिया में स्थित Institute for Economics and Peace (IEP) के द्वारा तैयार किया जाता है.
- इस बार भारत को 163 देशों में 137वाँ स्थान मिला है जो कि पिछली बार से 4 स्थान ऊँचा है.
- भारत में विधि-व्यवस्था में सुधार होने के कारण हिंसक अपराधों में कमी आई है जिसके चलते पिछले साल की तुलना में भारत के प्रदर्शन में सुधार हुआ है.
- सूचकांक से सम्बंधित प्रतिवेदन में यह बतलाया गया है कि भारत में मृत्यु की संख्या में सबसे अधिक गिरावट आई है.
- सूचकांक के अनुसार शांति के मामले में आइसलैंड पिछले 10 सालों की तरह इस बार भी प्रथम स्थान पर है.
- आइसलैंड के अलावा न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रिया, पुर्तगाल और डेनमार्क शीर्ष पाँच सबसे शान्तिपूर्ण देश हैं.
- पिछले पाँच वर्षों से वैश्विक शान्ति सूचकांक में सीरिया का नाम सबसे में अंत में आता रहा है.
क्यों महत्त्वपूर्ण है?
- Prelims के लिए : GPI कौन जारी करता है, भारत का रैंक/सुधार, Top 5 देश, सबसे अंत में आने वाला देश आदि.
GS Paper 3 Source: Economic Times
Topic : Small Finance Banks
- भारतीय रिजर्व बैंक ने शहरी सहकारी बैंकों (UCB) को लघु वित्त बैंकों (SFB) के रूप में काम करने की अनुमति दी है.
- इस निर्णय के फलस्वरूप शहरी सहकारी बैंक बैकिंग की मुख्य धारा जुड़ सकेंगी.
- शहरी सहकारी बैंक वर्तमान में RBI और संबंधित राज्य सरकार दोनों द्वारा नियंत्रित होते हैं.
- पर ऐसा होने से UCB पूर्णतः RBI के नियंत्रण में चला जायेगा.
- लघु वित्त बैंक सभी बैंकों की तरह पैसा जमा करने और ऋण देने का कार्य करता है पर उसको मुख्य रूप से अपनी सेवाएँ छोटे व्यवसाइयों, छोटे एवं सीमांत किसानों, सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों और असंगठित क्षेत्र की इकाइयों को देनी होती हैं.
- इन्हीं लोगों को यह अपना 75% ऋण देता है.
- इन बैंकों द्वारा दिए गए आधे ऋण 25 लाख रु. तक के ही होंगे.
- ये बैंक (Small Finance Banks) क्या नहीं कर सकते हैं ? >>>>
- बड़े निगमों और समूहों को उधार नहीं दे सकते.
- अपनी स्थापना के पहले पाँच वर्षों में आरबीआई के अनुमोदन के बिना ये अपनी शाखाएँ नहीं खोल सकते हैं.
- यह बैंक गैर-बैंकिंग वित्तीय सेवाओं के लिए अलग से सहायक कार्यालय की स्थापना नहीं कर सकता है.
- यह किसी भी बैंक के व्यवसायिक सहायक नहीं बनेंगे.
क्यों महत्त्वपूर्ण है?
- Prelims के लिए : लघु वित्त बैंक- प्रबंधन, कार्य और सुविधाएँ.
- Mains के लिए : वित्तीय समावेश- जरूरत, चुनौतियाँ और सरकार द्वारा किये गए प्रयास.
Click here to read Date-Wise Current Affairs >> Sansar DCA