Sansar Daily Current Affairs, 9 April 2018
GS Paper 3: Source: The Hindu
Topic: कनियान कुथु
- कनियान कुथु कनियान समुदाय की एक लोक गायन कला है जिसमें शास्त्रीयता का पुट भी है.
- यह समुदाय महाराष्ट्र में पाया जाता है.
- कनियान कुथु एक जनजाति है जिसकी जनसंख्या 750 से भी कम है.
- वर्तमान में 750 में से लगभग 200 लोग इस कला का प्रदर्शन करते हैं.
- इन कलाकारों द्वारा मगुदम और मंथम नामक वाद्ययंत्रों का प्रयोग किया जाता है.
GS Paper 3: Source: The Hindu
Topic: Silent Valley Park
- केरल के Silent Valley Park का एक बार फिर से दर्शकों के लिए खुलने जा रहा है.
- यह पार्क केरल के पलक्कड़ जिले के पूर्वोत्तर में स्थित है.
- साइलेंट वैली को 1984 में राष्ट्रीय उद्यान के रूप में घोषित किया गया था और इसका औपचारिक रूप से 1985 में उद्घाटन किया गया.
- इसका नाम “सैरंध्रीवनम्”भी है. ऐसी मान्यता है कि पांडवों के अज्ञातवास के समय द्रौपदी सैरंध्री नाम से यहाँ छिपी थी.
GS Paper 3: Source: Times of India
Topic: ASPIRE
- ASPIRE का full-form है – Advanced Supersonic Parachute Inflation Research Experiment.
- नासा ने आकाश में सफलतापूर्वक एक सुपरसोनिक पैराशूट का शुभारंभ किया जिसका नाम ASPIRE रखा गया है.
- नासा के Mars rover mission में ASPIRE पैरशूट काम आएगा.
- नासा के Mars rover mission को 2020 में पूरा किया जाना है.
- अंतरिक्ष यान जब मंगल ग्रह के वायुमंडल में प्रवेश करेगा तो उसकी गति को कम करने में ASPIRE पैराशूट काम आएगा.
GS Paper 3: Source: Times of India
Topic: भारतीय राष्ट्रपति की भूमध्यरेखीय गिनी यात्रा
- भारत के राष्ट्रपति भूमध्यरेखीय गिनी की यात्रा करने जा रहे हैं.
- ऐसा पहली बार हो रहा है कि भारत राज्य का एक प्रमुख भूमध्यरेखीय गिनी का दौरा करने जा रहा है.
- भूमध्यरेखीय गिनी अफ्रीका के पश्चिमी तट पर एक छोटा-सा देश है.
- भूमध्यरेखीय गिनी अफ्रीका का एकमात्र ऐसा संप्रभु देश है जहाँ स्पेनिश भाषा बोली जाती है.
- मालाबो भूमध्यरेखीय गिनी देश की राजधानी है.
GS Paper 3: Source: Times of India
Topic: ई-कचरे के खतरे से निपटने के लिए दुनिया की पहली माइक्रो-फैक्ट्री
- ऑस्ट्रेलिया के एक भारतीय मूल के वैज्ञानिक ने दुनिया की पहली माइक्रो-फैक्ट्री का निर्माण किया है जो इलेक्ट्रॉनिक कचरे जैसे – स्मार्टफोन, लैपटॉप आदि को पुनः उपयोग में लाने में काम आएगी.
- माइक्रो-फैक्ट्री छोटे मशीनों और उपकरणों की एक श्रृंखला है जो अपशिष्ट उत्पादों को पुनः प्रयोग में लाने के लिए या उनसे अन्य कार्यों के निष्पादन के लिए पेटेंट तकनीक का उपयोग करती है.
- ई-कचरे के लिए बनी माइक्रो-फैक्ट्री इलेक्ट्रॉनिक कचरे की अतिशय कमी लाने में सक्षम है.
- यह वाणिज्यिक सामग्री और अपशिष्ट उत्पादों, जैसे – काँच, प्लास्टिक और लकड़ी को भी उपयोगी सामग्री के रूप में बदल सकती है.
- पूरा विश्व इलेक्ट्रॉनिक कचरे के कारण पर्यावरणीय नुकसान झेल रहा है.
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