सामान्य अध्ययन पेपर – 1
रक्षा बलों में महिलाओं की वर्तमान स्थिति क्या है? सुरक्षा बलों में महिलाओं के प्रवेश का सकारात्मक और नकारात्मक पक्ष प्रस्तुत करें. (250 words)
यह सवाल क्यों?
यह सवाल UPSC GS Paper 1 के सिलेबस से अप्रत्यक्ष रूप से लिया गया है –
“सामाजिक सशक्तिकरण….”.
सवाल का मूलतत्त्व
UPSC प्रायः ऐसे सवाल नहीं पूछता है. पर यह सवाल मैंने इसलिए बनाया है कि आपको किसी भी टॉपिक को हर पक्ष में देखने की आदत डालनी चाहिए. ज्यादातर परीक्षकों द्वारा महिलाओं से जुड़े हुए मामलों में नकारात्मक पक्ष को दरकिनार कर दिया जाता है. पर आपको एक सिविल सेवक के रूप में किसी भी टॉपिक के नकारात्मक एवं सकारात्मक दोनों पक्षों को देखने की आदत डालनी चाहिए.
प्रश्न में महिलाओं की वर्तमान स्थिति को बताने के लिए आपको संक्षेप में लिखना होगा कि भारतीय महिलाओं के लिए सेना में जाने का द्वार कहाँ-कहाँ खुला हुआ है या खुला हुआ भी है या नहीं. सकारात्मक पक्ष तो कोई भी बता सकता है, नकारात्मक पक्ष प्रस्तुत करने में थोड़ा दिमाग दौड़ाना पड़ेगा.
उत्तर :-
भारतीय सेना, भारतीय नौसेना और भारतीय वायु सेना ने विभिन्न विभागों में महिलाओं को अनुमति दी है, परन्तु वर्तमान में भी युद्ध सम्बन्धी भूमिका में उनका प्रवेश प्रतिबंधित है. 2015 में भारतीय वायुसेना और भारतीय नौसेना तथा 2017 में भारतीय थल सेना ने विभिन्न पश्चिम देशों से प्रेरणा लेते हुए महिलाओं को युद्ध सम्बन्धी भूमिका निभाने की अनुमति प्रदान कर दी. इसके अतिरिक्त रक्षा बलों में लैंगिक समानता लाने हेतु प्रयास किया जा रहा है.
सकारात्मक पक्ष
- योग्यता लिंग विशिष्ट नहीं है – उचित प्रशिक्षण के बाद महिला सैनिकों को भी पुरुषों के समान सक्षम पाया गया है. वैसे भी, 21वीं सदी के युद्ध प्रायः तलवारों और बंदूकों से नहीं लड़े जाते हैं.
- महिलाओं को रोजगार का एक नया अवसर मिलेगा.
- सेना में कुछ ऐसी सेवाएँ हैं जिनमें पुरुषों की तुलना में उनका बेहतर योगदान हो सकता है, जैसे – चिकित्सा, नर्सिंग इत्यादि.
नकारात्मक पक्ष
- युद्ध के लिए महिलाओं की शारीरिक अक्षमता उन्हें सेना में शामिल किये जाने के विरुद्ध सर्वाधिक सामान्य उदारहण है.
- सहयोगियों द्वारा दुर्व्यवहार तथा शत्रु द्वारा बंदी बना लिए जाने की स्थितियाँ इस मुद्दे के सम्बन्ध में एक नैतिक चुनौती उत्पन्न कर सकती हैं.
- पारम्परिक मानसिकता और विश्वास, खासकर रक्षा सम्बन्धी प्रतिष्ठानों में, जहाँ पुरुषों को महिलाओं के पद और उनके आदेश को स्वीकार करने में आज भी समस्याएँ हैं.
सामान्य अध्ययन पेपर – 1
भारत में महिला सुरक्षा को लेकर विभिन्न मुद्दे कौन-कौन से हैं? महिला सुरक्षा के संदर्भ में सरकार द्वारा उठाये गए क़दमों का उल्लेख करें. (250 words)
यह सवाल क्यों?
यह सवाल UPSC GS Paper 1 के सिलेबस से अप्रत्यक्ष रूप से लिया गया है –
“सामाजिक सशक्तिकरण, शहरीकरण, उनकी समस्याएँ और उनके रक्षोपाय…”.
सवाल का मूलतत्त्व
मुद्दे को एक लाइन में ही पहले बता दें, जो भी दिमाग में आये. हमारे देश में महिलाओं को लेकर बहुत सारे मुद्दे हैं, यदि आप रोज़ अखबार पढ़ते हैं तो ज्यादातर समाचार दहेज़ के लिए महिलाओं को जला देना, बलात्कार, यौन उत्पीड़न से सम्बंधित होते हैं. कुछ आँकड़ों के साथ आप तथ्यों को रखेंगे तो आपके उत्तर की विश्वसनीयता और भी बढ़ जायेगी. इसलिए मैं जब भी आपको कुछ आँकड़ा देता हूँ तो उसे किसी कॉपी में लिख डाले और अपडेट मिलने पर उन्हें अपडेट भी करते रहें.
सरकार द्वारा उठाये गए क़दमों को लिखने में थोड़ी-सी कठनाई हो सकती है क्योंकि जब तक आपको पहलों/कार्यक्रमों/योजनाओं का कुछ पता ही नहीं होगा तो लिखना मुश्किल है. इसलिए नीचे दिए गए तथ्यों को नोट डाउन कर लें. ये तथ्य कहीं भी और कभी भी काम आ सकते हैं.
उत्तर :-
भारत में महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न, बलात्कार, वैवाहिक बलात्कार, दहेज़, एसिड अटैक जैसे विभिन्न मुद्दे विद्यमान हैं. 2010 में आरम्भ संयुक्त राष्ट्र के “सेफ सिटीज एंड सेफ पब्लिक स्पेस” कार्यक्रम के अनुसार भारत के कई शहर महिलाओं के लिए असुरक्षित बताये गए.
वर्ष 2016 में जारी NCRB के नवीनतम आँकड़ों के अनुसार,
- भारत में समग्र रूप से महिलाओं के विरुद्ध अपराधों में लगभग 3% और बलात्कार की घटनाओं में 12% की वृद्धि हुई है.
- भारतीय महिलाओं के विरुद्ध अपराधों के रूप में वर्गीकृत मामलों में से अधिकांश दर्ज हुए मामले “पति या उसके रिश्तेदारों द्वारा क्रूरता” (32.6%) से सम्बंधित थे. यह निजी स्थलों या घर में महिलाओं की सुरक्षा की एक धूमिल छवि को प्रदर्शित करता है.
सरकार द्वारा उठाये गए कुछ कदम
कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के लिए : इसके लिए निम्नलिखित प्रावधान किये गये हैं –
- उच्चतम न्यायालय द्वारा जारी विशाखा दिशा-निर्देश जो नियोक्ताओं के लिए कुछ उपाय करना आवश्यक बताते हैं.
- कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (निवारण, निषेध एवं निदान) अधिनियम, 2013
- महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा ऑनलाइन शिकायतें के लिए “SHE BOX” नामक प्लेटफार्म.
बलात्कार के मामलों के लिए : 16-18 वर्ष की आयु के बीच के किशोरों द्वारा गंभीर अपराध करने पर उनके साथ व्यस्क के समान व्यवहार करने के न्यायमूर्ति वर्मा समिति के प्रस्ताव को स्वीकार किया गया है. हाल ही में, सरकार ने पोक्सो अधिनियम, 2012 में संशोधन किया है जिसके अनुसार 12 वर्ष से कम आयु की बालिका के साथ बलात्कार करने वाले व्यक्ति को मृत्यु दंड दिया जाएगा.
घरेलू हिंसा के लिए : घरलू हिंसा अधिनियम, 2005 और IPC की धारा 498A पति या रिश्तेदारों द्वारा की जाने वाली क्रूरता से सम्बन्धित है.
अन्य पहलें :
- स्वाधार : कठिन परिस्थितियों में जीवन यापन करने वाली महिलओं के लिए एक योजना, GPS ट्रैकिंग, “पैनिक बटन” इत्यादि.
- सरकार मंत्रालयों और विभागों द्वारा किये जा रहे विनिर्दिष्ट कार्यों को सुनिश्चित करने के लिए महिला सुरक्षा पर एक समर्पित राष्ट्रीय मिशन स्थापित करने की योजना बना रही है.
Reminder : Last Date of Sansar Assignment SMA Submission is 1/10/2018. You can download last assignment from this link >
“संसार मंथन” कॉलम का ध्येय है आपको सिविल सेवा मुख्य परीक्षा में सवालों के उत्तर किस प्रकार लिखे जाएँ, उससे अवगत कराना. इस कॉलम के सारे आर्टिकल को इस पेज में संकलित किया जा रहा है >>Sansar Manthan