सर्वोच्च न्यायालय ने हाल ही में बैंकिंग लेनदेन में क्रिप्टोकरेंसी और बिटक्वाइन आदि पर पूर्णतः रोक लगाने वाले भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के सर्कुलर को निरस्त कर दिया है. इस प्रकार अब सर्वोच्च न्यायालय ने क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेड की स्वीकृति प्रदान कर दी है.
पृष्ठभूमि
RBI ने 6 अप्रैल, 2018 को एक सर्कुलर से निर्देश जारी किया था कि इसके द्वारा विनियमित सभी इकाईयाँ आभासी मुद्रा (virtual currency) में सौदा नहीं करेंगी या किसी व्यक्ति या इकाई को इससे संबंधित सेवाएँ प्रदान नहीं करेंगी.
RBI के इस निर्णय को सर्वोच्च न्यायालय में इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (IAMAI) ने चुनौती दी और एक याचिका दाखिल की. याचिका में IAMAI ने अपना पक्ष रखा कि रिज़र्व बैंक के इस कदम से क्रिप्टोकरेंसी में होने वाली वैध कारोबारी गतिविधियों पर प्रभावी रूप से पाबंदी लग गई है. कालांतर में प्रत्युत्तर देते हुए RBI ने न्यायालय में हलफनामा दाखिल किया. रिज़र्व बैंक ने कहा था कि उसने क्रिप्टोकरेंसी पर रोक इसलिए लगाई क्योंकि इससे मनी लाउंड्रिंग और टेरर फंडिंग की संभावना बहुत बढ़ जाती है.
क्या है क्रिप्टोकरेंसी ?
- क्रिप्टोकरेंसी एक ऐसी करेंसी है जिसे आप देख नहीं सकते इसलिए इसे आभासी मुद्रा भी कहते हैं.
- सरल शब्दों में आप इसे डिजिटल रुपया या डिजिटल करेंसी भी कह सकते हैं.
- क्रिप्टोकरेंसी को कोई बैंक जारी नहीं करती है.
- इसको जारी करने वाले ही इसका नियंत्रण और संचालन करते हैं. इसका प्रयोग डिजिटल दुनिया में ही होता है.
- इस मुद्रा में कोडिंग तकनीक का प्रयोग होता है/इस तकनीक के माध्यम से करेंसी के लेन-देन का सम्पूर्ण लेखा-जोखा होता है.
- इसको हैक करना बहुत कठिन होता है. यही वजह है कि क्रिप्टोकरेंसी में धोखाधड़ी की संभावना न के बराबर होती है.
- इंटरनेट पर इस आभासी मुद्रा का प्रारम्भ जनवरी 2009 में बिटकॉइन के नाम से हुआ था.
विश्व-भर में विभिन्न नाम से क्रिप्टोकरेंसी
वर्तमान समय में पूरे विश्व में कई प्रकार के वर्चुअल करेंसी हैं. विश्व-भर में बिटकॉइन, रिप्लड, एथेरम और कार्डनो जैसे तकरीबन 2,116 क्रिप्टो करेंसियाँ प्रचलित हैं, जिनका बाजार पूंजीकरण 119.46 अरब डॉलर के बराबर है.
- दुबई (UAE) – Emcash
- वेनेजुएला – Petro
- एस्टोनिया – Estcoin
- रूस – Crypytoruble
- स्वीडेन – E-Krona
- जापान – J-Coin
Bitcoin के बारे में डिटेल पढ़ें > Bitcoin in Hindi