दूसरी किश्त का अनावरण – Economic Stimulus package

Sansar LochanEconomic Times

केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सरकार के आत्म निर्भर अभियान के अंतर्गत किये जा रहे उपायों की दूसरी किश्त का अनावरण किया है.

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पृष्ठभूमि

कोरोना वायरस तालेबंदी के कारण क्षतिग्रस्त हुई अर्थव्यवस्था को फिर से सबल बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ दिन पहले 20 लाख करोड़ रु. के एक विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा की थी.

इस पैकेज की पहली किश्त में वित्त मंत्री ने MSME समेत व्यवसाइयों के लिए 3 लाख करोड़ रु. के बिना बंधक वाले ऋणों के साथ-साथ गैर-बैंकिंग वित्तीय कम्पनियों के लिए 30,000 करोड़ रु. की तरलता सुविधा घोषित की थी.

दूसरी किश्त की घोषणाएँ

  1. मई से लेकर जून 2020 तक प्रवासी श्रमिकों को मुफ्त अनाज दिया जाएगा.
  2. भारत में कहीं भी प्रवासीजनों को जन वितरण प्रणाली से राशन मिले इससे सम्बंधित एक राष्ट्र एक राशन कार्ड योजना को शत प्रतिशत लागू करने के लिए तकनीकी प्रणाली का प्रयोग किया जाएगा.
  3. केंद्र सरकार प्रवासी मजदूरों और शहरी ग़रीबों को सस्ते किराए पर आवास की सुविधा देने की योजना बनाएगी.
  4. मुद्रा शिशु ऋण (50 हजार से कम का ऋण) लेने वालों में से जो मुस्तैदी से उसकी किश्त लौटा रहे हैं, उनको एक वर्ष तक ब्याज के अन्दर भारत सरकार 2% की सहायता पहुंचाएगी.
  5. सरकार एक महीने के भीतर-भीतर एक योजना आरम्भ करेगी जिसके अन्दर सड़क पर बिक्री करने वालों को सुलभ ऋण दिया जाएगा. अनुमान है कि इस योजना से 50 लाख विक्रेताओं को लाभ मिलेगा और इसमें 5 हजार करोड़ रु. का ऋण दिया जाएगा.
  6. प्रधान मंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत ऋण से सम्बद्ध सब्सिडी योजना को मार्च 2021 तक बढ़ाकर आवासन क्षेत्र और मध्यम आय समूह (middle-income group – MIG) को 70,000 करोड़ रु. दिए जायेंगे.
  7. क्षतिपूरक वनीकरण प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण (Compensatory Afforestation Management & Planning Authority – CAMPA) के कोष से 6,000 करोड़ रु. का उपयोग वनीकरण और पौधारोपण (शहरी क्षेत्र समेत) में किया जाएगा जिससे रोजगार के अवसर निर्मित हो सकें.
  8. ग्रामीण सहकारी बैंकों और RRB के फसल ऋण की आवश्यकता पूरी करने के लिए NABARD 30,000 करोड़ रु. का अतिरिक्त पुनः वित्तपोषण की सहायता उपलब्ध कराएगा.
  9. किसान ऋण कार्डों के माध्यम से PM-किसान योजना के लाभार्थियों को रियायती दर पर ऋण उपलब्ध कराने के लिए एक विशेष अभियान चला जाएगा. इसमें मछुआरों और पशुपालकों को भी जोड़ा जाएगा. अनुमान है कि इससे किसी क्षेत्र में 2 लाख करोड़ की अतिरिक्त तरलता आएगी.

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