SGQ (Sansar Guess Questions) का यह पहला पोस्ट है. पिछले साल भी हमने SGQ series निकाली थी जिससे UPSC 2018 की तैयारी करने वाले छात्र काफी प्रभावित हो गए थे. पर प्रभावित होने से कोई फायदा नहीं हुआ. उन्होंने SGQ series को गंभीरता से नहीं लिया था. उन्होंने सोचा था कि UPSC परीक्षा में आने प्रश्नों की कोई भी भविष्यवाणी नहीं कर सकता है. पर जब UPSC Pre 2018 में काफी सवाल SGQ से आ गए तब जाकर उन्हें अफ़सोस हुआ और वे हमें बधाईयाँ देने में लग गये. पर हम आपकी बधाइयाँ ले कर करेंगे भी क्या जो आपके काम नहीं आये. [no_toc]
इसलिए इस साल यह गलती नहीं करना है. कोई भी टॉपिक बेकार नहीं होता है. हाँ यह जरुर है कि UPSC में पूछे जाने वाले सवालों का पूर्वानुमान (predict) करना बहुत ही मुश्किल है पर हमारी कोशिश यही रहती है कि आपसे कोई भी करंट अफेयर्स का टॉपिक नहीं छूटे.
जो लोग SGQ सीरीज के बारे में नहीं जानते, यह जरुर पढ़ लें >
Table of Contents
ToggleSGQ सीरीज क्या है?
- SGQ सीरीज का पूरा नाम है – Sansar Guess Questions.
- यह सीरीज आगामी सिविल सेवा प्रारम्भिक परीक्षा में पूछे जाने वाले सवालों को गेस करने की सीरीज है.
- यह सीरीज हर वर्ष फरवरी के अंतिम सप्ताह में शुरू होती है और इसके अंतर्गत परीक्षा तक नियमित रूप से आपसे विषयवार (topic-wise) 10 सवाल पूछे जाते हैं.
- प्रत्येक छात्र को क्विज हल करने का सिर्फ एक मौका दिया जाता है. 10 शीर्षस्थ टॉप स्कोर करने वाले छात्रों के नाम लीडरबोर्ड में दिए जाएँगे.
- इसमें सवाल UPSC Prelims परीक्षा की तरह जटिल बनाकर सेट नहीं किये गये हैं क्योंकि इन सवालों से आपकी तथ्यात्मक जानकारी और स्मरण शक्ति का आकलन किया जा रहा है.
- कभी-कभी SGQ में पूछे गये सवालों के उत्तर आपको सिर्फ हाँ/ना में देने होते हैं जिससे कि आप सम्बंधित टॉपिक के बारे में ठीक-ठीक ज्ञान रखते हैं या नहीं, उसकी जाँच हो सके.
- हम इस सेक्शन में योजना/परियोजना/कार्यक्रम, विज्ञान, पुस्तकें, वर्ष/दिवस, विधि/न्याय, संघ/संगठन, संधि/समझौते, आयोग/समिति, सम्मलेन/समारोह, ऑपरेशन/अभियान, पुरस्कार/सम्मान, चर्चित स्थल, चर्चित व्यक्ति, वैश्विक पहल, विलुप्त प्रजातियाँ, खेलकूद, आदि विविध विषयों से सवाल पूछते हैं.
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[SGQ / 2019 Series] योजना से जुड़े सवाल – Part 4
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Question 1 of 10
1. Question
1 pointsस्वर्ण मुद्रीकरण योजना के बारे में, निम्नलिखित कथनों पर विचार करें –
- केवल क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक इस योजना को कार्यान्वित करने हेतु पात्र हैं.
- इस योजना के अंतर्गत शॉर्ट टर्म बैंक जमाओं के साथ-साथ मध्यम और लॉन्ग टर्म गवर्नमेंट जमाएँ प्रदान की जाती हैं.
- परिपक्वता अवधि पूर्ण होने पर मूलधन और ब्याज का मोचन, जमाकर्ता द्वारा चयनित विकल्प के आधार पर केवल भारतीय रुपये के रूप में किया जाएगा.
उपर्युक्त कथनों में कौन सही है/हैं?
Correct
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक के साथ-साथ सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक योजना को कार्यान्वित करने हेतु पात्र हैं. परिपक्वता अवधि पूर्ण होने पर मूलधन और ब्याज का मोचन, जमाकर्ता द्वारा चयनित विकल्प के आधार पर भारतीय रुपये अथवा स्वर्ण के रूप में किया जाएगा.
Incorrect
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक के साथ-साथ सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक योजना को कार्यान्वित करने हेतु पात्र हैं. परिपक्वता अवधि पूर्ण होने पर मूलधन और ब्याज का मोचन, जमाकर्ता द्वारा चयनित विकल्प के आधार पर भारतीय रुपये अथवा स्वर्ण के रूप में किया जाएगा.
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Question 2 of 10
2. Question
1 pointsकृषि विपणन के लिए एकीकृत योजना (ISAM) के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार करें –
- इसे खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है.
- इसका एक उद्देश्य सम्पूर्ण भारत में कृषिगत वस्तुओं के व्यापार को सुविधाजनक बनाने के लिए एक साझा ऑनलाइन मार्किट प्लेटफार्म के जरिये बाजारों को एकीकृत करना है.
उपर्युक्त कथनों में कौन सही है/हैं?
Correct
कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय का विपणन प्रभाग बारहवीं योजना की वर्तमान केन्द्रीय क्षेत्रक की योजनाओं को क्रियान्वित कर रहा है. इसे कृषि उपज की ग्रिडिंग, मानकीकरण और गुणवत्ता प्रमाणन के लिए अवसंरचना सुविधाएँ प्रदान करने, राष्ट्रव्यापी विपणन सूचना नेटवर्क स्थापित करने, और कृषि वस्तुओं में अखिल-भारतीय व्यापार सुविधाजनक बनाने के लिए साझा ऑनलाइन बाजार मंच के माध्यम से बाजारों को एकीकृत करने के लिए लागू किया गया है.
Incorrect
कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय का विपणन प्रभाग बारहवीं योजना की वर्तमान केन्द्रीय क्षेत्रक की योजनाओं को क्रियान्वित कर रहा है. इसे कृषि उपज की ग्रिडिंग, मानकीकरण और गुणवत्ता प्रमाणन के लिए अवसंरचना सुविधाएँ प्रदान करने, राष्ट्रव्यापी विपणन सूचना नेटवर्क स्थापित करने, और कृषि वस्तुओं में अखिल-भारतीय व्यापार सुविधाजनक बनाने के लिए साझा ऑनलाइन बाजार मंच के माध्यम से बाजारों को एकीकृत करने के लिए लागू किया गया है.
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Question 3 of 10
3. Question
1 pointsमृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के अंतर्गत मृदा परीक्षण हेतु अपनाए गये कौन-सा/से मानदंडों को अपनाया जाता/जाते है/हैं?
- मृदा की जैविक कार्बन सामग्री
- मृदा का pH स्तर एवं विद्युत चालकता
- मृदा में प्राथमिक पोषक तत्त्व एवं सूक्ष्म पोषक तत्त्व
नीचे दिए गये कूट का प्रयोग का सही उत्तर चुनें –
Correct
Incorrect
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Question 4 of 10
4. Question
1 pointsबायोटेक-कृषि इनोवेशन साइंस एप्लीकेशन नेटवर्क (Biotech-KISAN) के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें –
- यह खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की एक पहल है.
- इस पहल की आलोचना इसलिए होती है क्योंकि इसमें महिला किसानों की उपेक्षा की गई है.
- इसे चरणबद्ध तरीके से भारत से 15 कृषि-जलवायु क्षेत्रों में क्रियान्वित किया जा रहा है.
उपर्युक्त कथनों में कौन सही है/हैं?
Correct
यह विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय की एक पहल है. यह किसानों, विशेषकर महिला किसानों को सशक्त बनाती है, स्थानीय स्तर पर उन्हें प्रभावित करती है तथा वैश्विक स्तर पर उन्हें जोड़ती है.
Incorrect
यह विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय की एक पहल है. यह किसानों, विशेषकर महिला किसानों को सशक्त बनाती है, स्थानीय स्तर पर उन्हें प्रभावित करती है तथा वैश्विक स्तर पर उन्हें जोड़ती है.
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Question 5 of 10
5. Question
1 pointsस्फूर्ति (SFURTI) योजना के सन्दर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार करें –
- इसे वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा क्रियान्वित किया जा रहा है.
- इसमें खादी और ग्राम-आधारित उद्योगों के साथ-साथ ही कॉइर (coir) आधारित उद्योग सम्मिलित हैं.
- इसका उद्देश्य पारम्परिक कारीगरों को प्रशिक्षण और एक्स्पोजर विजिट्स के जरिये बेहतर कौशल और क्षमताओं से लैस करना है.
उपर्युक्त कथनों में कौन सही है/हैं?
Correct
यह सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय द्वारा क्रियान्वित किया जा रहा है.
Incorrect
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Question 6 of 10
6. Question
1 pointsश्रम सुविधा पोर्टल के सम्बन्ध में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए –
- यह पोर्टल श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा अनावृत किया गया है.
- इसका उद्देश्य रोजगार सृजन करना है.
- यह सभी कार्यान्वयन एजेंसियों द्वारा उपयोग हेतु एक विशिष्ट श्रम पहचान संख्या (LIN) का आवंटन करता है.
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सही है/हैं?
Correct
यह पोर्टल श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा अनावृत किया गया है पर इसका उद्देश्य रोजगार सृजन करना नहीं है. इस वेब पोर्टल का उद्देश्य श्रम निरीक्षण और उसके प्रवर्तन की जानकारी को समेकित करना है. इससे निरीक्षणों में पारदर्शिता और जवाबदेही में वृद्धि होगी.
Incorrect
यह पोर्टल श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा अनावृत किया गया है पर इसका उद्देश्य रोजगार सृजन करना नहीं है. इस वेब पोर्टल का उद्देश्य श्रम निरीक्षण और उसके प्रवर्तन की जानकारी को समेकित करना है. इससे निरीक्षणों में पारदर्शिता और जवाबदेही में वृद्धि होगी.
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Question 7 of 10
7. Question
1 points“निर्वाचक साक्षरता क्लब” कार्यक्रम के सन्दर्भ में, निम्लिखित में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
- इसका उद्देश्य कम से कम 18 वर्ष और इससे अधिक आयु के निरक्षर वयस्कों में निर्वाचन प्रक्रिया के सम्बन्ध में जागरूकता उत्पन्न करना है.
- यह भारत निर्वाचन आयोग की एक पहल है.
नीचे दिए गये कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए.
Correct
भारत निर्वाचन आयोग ने भावी और नये मतदाताओं की निर्वाचन प्रक्रिया में भागीदारी के लिए सभी स्कूल-कॉलेजों में निर्वाचन साक्षरता क्लब (इलेक्ट्रोरल लिटरेसी क्लब) गठित करने के निर्देश दिया है। इससे विद्यार्थी जहां निर्वाचन साक्षरता की मुख्य धारा में शामिल हो सकेगें वहीं उनकी क्षमता का भी सही उपयोग हो सकेगा।
कक्षा 9 से 12 तक छात्र-छात्रा सदस्य के रूप में रहेगें। आयोग ने निर्वाचन साक्षरता क्लब के प्रथम बैच के गठन की प्रक्रिया राष्ट्रीय मतदाता दिवस 25 जनवरी से प्रारंभ करवाने को कहा है। यह क्लब भावी एवं नये मतदाता को सीखने और अनुभव प्राप्त करने का अवसर देगा। निर्वाचन साक्षरता के लिये क्लब एक जीवंत हब के रूप में कार्य करेगा। इससे युवा और भावी मतदाताओं में निर्वाचन प्रक्रिया में भागीदारी की पहल हो सकेगी।
मतदाता पंजीयन, निर्वाचन प्रक्रिया और संबंधित विषयों पर लक्षित जनसंख्या को शिक्षित किया जा सकेगा। स्कूल और कॉलेज के नये एवं भावी मतदाताओं को ईवीएम और वीवीपेट से परिचित करवाकर उनकी सत्यता एवं विश्वनीयता से अवगत करवाया जायेगा।
विद्यार्थियों में क्षमता विकास के साथ उन्हें निर्वाचन प्रक्रिया के सभी प्रश्नों की जानकारी भी दी जायेगी। इससे 14 वर्ष की आयु से ही विद्यार्थी निर्वाचन प्रक्रिया से भली-भाँति परिचित हो सकेगें। क्लब के गठन से मतदाताओं को यह समझने में सुविधा होगी कि वे वोट की कीमत समझ कर अपने मताधिकार का उपयोग कर सके।
क्लब के सदस्यों का उपयोग समुदाय में निर्वाचन साक्षरता बढ़ाने में किया जायेगा। क्लब में कक्षा 9 से 12 वीं तक के विद्यार्थी भावी मतदाता के रूप में शामिल होगे।
Incorrect
भारत निर्वाचन आयोग ने भावी और नये मतदाताओं की निर्वाचन प्रक्रिया में भागीदारी के लिए सभी स्कूल-कॉलेजों में निर्वाचन साक्षरता क्लब (इलेक्ट्रोरल लिटरेसी क्लब) गठित करने के निर्देश दिया है। इससे विद्यार्थी जहां निर्वाचन साक्षरता की मुख्य धारा में शामिल हो सकेगें वहीं उनकी क्षमता का भी सही उपयोग हो सकेगा।
कक्षा 9 से 12 तक छात्र-छात्रा सदस्य के रूप में रहेगें। आयोग ने निर्वाचन साक्षरता क्लब के प्रथम बैच के गठन की प्रक्रिया राष्ट्रीय मतदाता दिवस 25 जनवरी से प्रारंभ करवाने को कहा है। यह क्लब भावी एवं नये मतदाता को सीखने और अनुभव प्राप्त करने का अवसर देगा। निर्वाचन साक्षरता के लिये क्लब एक जीवंत हब के रूप में कार्य करेगा। इससे युवा और भावी मतदाताओं में निर्वाचन प्रक्रिया में भागीदारी की पहल हो सकेगी।
मतदाता पंजीयन, निर्वाचन प्रक्रिया और संबंधित विषयों पर लक्षित जनसंख्या को शिक्षित किया जा सकेगा। स्कूल और कॉलेज के नये एवं भावी मतदाताओं को ईवीएम और वीवीपेट से परिचित करवाकर उनकी सत्यता एवं विश्वनीयता से अवगत करवाया जायेगा।
विद्यार्थियों में क्षमता विकास के साथ उन्हें निर्वाचन प्रक्रिया के सभी प्रश्नों की जानकारी भी दी जायेगी। इससे 14 वर्ष की आयु से ही विद्यार्थी निर्वाचन प्रक्रिया से भली-भाँति परिचित हो सकेगें। क्लब के गठन से मतदाताओं को यह समझने में सुविधा होगी कि वे वोट की कीमत समझ कर अपने मताधिकार का उपयोग कर सके।
क्लब के सदस्यों का उपयोग समुदाय में निर्वाचन साक्षरता बढ़ाने में किया जायेगा। क्लब में कक्षा 9 से 12 वीं तक के विद्यार्थी भावी मतदाता के रूप में शामिल होगे।
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Question 8 of 10
8. Question
1 pointsत्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम (Accelerated Irrigation Benefit Programme : AIBP) के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए –
- इसका उद्देश्य किसानों को सूक्ष्म सिंचाई तकनीकों को अपनाने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है.
- इसके कार्यान्वयन के लिए नीतिगत दिशा-निर्देश तैयार करने का उत्तरदायित्व केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय को सौंपा गया है.
- केन्द्रीय जल आयोग (CWC) इसके लिए एक नोडल एजेंसी है जो केन्द्रीय सहायता प्राप्त करने वाली सभी परियोजनाओं की निगरानी करती है.
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
Correct
- एआईबीपी का उद्देश्य चालू सिंचाई परियोजनाओं को तेज गति से पूरा करना और सभी खेतों को सुरक्षित सिंचाई के किसी न किसी साधन की उपलब्धता सुनिश्चित कराना है। यह कार्यक्रम जल संसाधन मंत्रालय द्वारा लागू किया जाता है। कमिटी के प्रमुख निष्कर्ष और सुझाव निम्नलिखित हैं :
- एआईबीपी में संशोधन : 1996 से अब तक एआईबीपी को लागू करने से संबंधित दिशानिर्देशों में सात बार संशोधन किया गया है। योजना के विस्तार, कवरेज और फंडिंग के संबंध में ये परिवर्तन किए गए हैं। कमिटी ने गौर किया कि दिशानिर्देशों को बार-बार बदलने से कार्यक्रम को लागू करने का काम प्रभावित हुआ और इससे यह भी स्पष्ट हुआ है कि कार्यक्रम को बनाने में अदूरदर्शिता बरती गई है। कमिटी ने यह सुझाव दिया कि अगर एआईबीपी को लंबी अवधि के परिप्रेक्ष्य में तैयार किया जाएगा तो भविष्य में बार-बार संशोधन करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
- कमांड क्षेत्र विकास और जल प्रबंधन योजना : योजना का उद्देश्य ऐसी प्रणालियों को विकसित करना है जिनके जरिए खेतों तक सिंचाई का पानी पर्याप्त मात्रा में पहुंचाया जा सके। कमिटी ने टिप्पणी की कि कमांड क्षेत्र विकास और जल प्रबंधन योजना के तहत 2012-15 के बीच के लक्ष्य अपेक्षा के अनुसार पूरे नहीं किए जा सके। 2016-17 में फंड जारी करने में हुई देरी के कारण नाबार्ड ने कमांड क्षेत्र के विकास कार्य के लिए एक लोन मंजूर किया था।
- कमिटी ने सुझाव दिया कि मंत्रालय को कार्यक्रम को किए जाने वाले आबंटन में कमी नहीं करनी चाहिए क्योंकि इसके परिणामस्वरूप लोन लेना पड़ता है, और कार्यक्रम को समय पर और उचित तरीके से लागू करना सुनिश्चित करना चाहिए।
- जल स्रोतों की मरम्मत, नवीकरण और पुनरुद्धार : जल संसाधन मंत्रालय के पास देश के जल स्रोतों की पूरी जानकारी नहीं है। जल स्रोतों की जानकारियों, जैसे कुल संख्या,सिकुड़ने की स्थिति (सूखे हैं या लुप्त) और कैचमेंट क्षेत्र के बढ़ने या घटने के कारण भूमि के उपयोग में परिवर्तन, का डॉक्यूमेंटेशन नहीं किया गया है। इसके अतिरिक्त लघु सिंचाई गणना (सतही और भूजल सिंचाई संरचनाएं) में केवल ग्रामीण क्षेत्रों के जल स्रोतों को शामिल किया जाता है।
- कमिटी ने सुझाव दिया कि जल स्रोतों और उनकी स्थिति के निष्पक्ष आकलन के लिए एक राष्ट्रीय डेटाबेस बनाया जाना चाहिए जिसमें सभी राज्यों की जानकारियां शामिल की जाएं। इसके लिए एक निश्चित समयावधि में जल स्रोतों की गणना की जानी चाहिए।
- फंड्स की व्यवस्था : कार्यक्रम के तहत 149 चालू परियोजनाओं में से 99 को प्राथमिकता के आधार पर 2019 तक पूरा किया जाएगा। कमिटी ने टिप्पणी की कि परियोजनाओं की धीमी गति के कारण समय भी अधिक लगता है और लागत भी बढ़ जाती है। इसका कारण मुख्य रूप से यह होता है कि फंड्स का डायवर्जन और दुरुपयोग होता है और युटिलाइजेशन सर्टिफिकेट्स को सौंपने में विलंब होता है।
- कमिटी ने सुझाव दिया कि मंत्रालय को ऐसा तंत्र विकसित करना चाहिए ताकि फंड्स लैप्स न हों जिसके कारण और विलंब होता है और समय और लागत की बचत के उपाय किए जा सकें।
- इरिगेशन पोटेंशियल क्रिएटेड और यूटिलाइज्ड के बीच अंतर : कमिटी ने इरिगेशन पोटेंशियल क्रिएटेड (सिंचाई संभाव्यता का सृजन) और इरिगेशन पोटेंशियल यूटिलाइज्ड (सिंचाई संभाव्यता के उपयोग) के बीच 240 लाख हेक्टेयर का बड़ा अंतर पाया। इसके अतिरिक्त मंत्रालय को सिंचाई संभाव्यता के सृजन के प्रारंभिक लक्ष्यों और प्रत्येक परियोजना के लिए उसके उपयोग से जुड़े आंकड़े भी एक स्थान पर नहीं मिले।
- कमिटी ने सुझाव दिया कि मंत्रालय को न केवल सिंचाई संभाव्यता का अधिक सृजन करने के लिए रणनीतियां बनानी और कदम उठाने चाहिए बल्कि यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि सृजित की गई संभाव्यता का उचित उपयोग किया जा सके। इसके अतिरिक्त मंत्रालय को इस संबंध में भी आंकड़ों के बीच सामंजस्य बनाना चाहिए कि परियोजना की शुरुआत में सिंचाई की क्या संभाव्यता थी, उसमें वास्तविक प्रगति कितनी हुई है और लक्षित, सृजित एवं उपयोग की गई सिंचाई संभाव्यता के बीच कितना अंतर है।
- निगरानी तंत्र : केंद्रीय सहायता प्राप्त सभी परियोजनाओं की निगरानी का काम केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) करता है। कमिटी ने टिप्पणी दी कि एआईबीपी के तहत केंद्रीय सहायता प्राप्त योजनाओं की संख्या बहुत अधिक है और सीडब्ल्यूसी में उपलब्ध कर्मचारियों की संख्या कम है। इसके अतिरिक्त सीडब्ल्यूसी के अधिकारियों के निगरानी दौरों की संख्या भी 2012-13 में 163 से घटकर 2014-15 में 56 हो गई।
- कमिटी ने सुझाव दिया कि मंत्रालय को निगरानी संबंधी दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करना चाहिए। इसके अतिरिक्त क्षेत्रीय कार्यालयों और कर्मचारियो की संख्या बढ़ाने के प्रयास भी किए जाने चाहिए जिससे योजनाओं की निगरानी प्रभावी तरीके से की जा सके।
Incorrect
- एआईबीपी का उद्देश्य चालू सिंचाई परियोजनाओं को तेज गति से पूरा करना और सभी खेतों को सुरक्षित सिंचाई के किसी न किसी साधन की उपलब्धता सुनिश्चित कराना है। यह कार्यक्रम जल संसाधन मंत्रालय द्वारा लागू किया जाता है। कमिटी के प्रमुख निष्कर्ष और सुझाव निम्नलिखित हैं :
- एआईबीपी में संशोधन : 1996 से अब तक एआईबीपी को लागू करने से संबंधित दिशानिर्देशों में सात बार संशोधन किया गया है। योजना के विस्तार, कवरेज और फंडिंग के संबंध में ये परिवर्तन किए गए हैं। कमिटी ने गौर किया कि दिशानिर्देशों को बार-बार बदलने से कार्यक्रम को लागू करने का काम प्रभावित हुआ और इससे यह भी स्पष्ट हुआ है कि कार्यक्रम को बनाने में अदूरदर्शिता बरती गई है। कमिटी ने यह सुझाव दिया कि अगर एआईबीपी को लंबी अवधि के परिप्रेक्ष्य में तैयार किया जाएगा तो भविष्य में बार-बार संशोधन करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
- कमांड क्षेत्र विकास और जल प्रबंधन योजना : योजना का उद्देश्य ऐसी प्रणालियों को विकसित करना है जिनके जरिए खेतों तक सिंचाई का पानी पर्याप्त मात्रा में पहुंचाया जा सके। कमिटी ने टिप्पणी की कि कमांड क्षेत्र विकास और जल प्रबंधन योजना के तहत 2012-15 के बीच के लक्ष्य अपेक्षा के अनुसार पूरे नहीं किए जा सके। 2016-17 में फंड जारी करने में हुई देरी के कारण नाबार्ड ने कमांड क्षेत्र के विकास कार्य के लिए एक लोन मंजूर किया था।
- कमिटी ने सुझाव दिया कि मंत्रालय को कार्यक्रम को किए जाने वाले आबंटन में कमी नहीं करनी चाहिए क्योंकि इसके परिणामस्वरूप लोन लेना पड़ता है, और कार्यक्रम को समय पर और उचित तरीके से लागू करना सुनिश्चित करना चाहिए।
- जल स्रोतों की मरम्मत, नवीकरण और पुनरुद्धार : जल संसाधन मंत्रालय के पास देश के जल स्रोतों की पूरी जानकारी नहीं है। जल स्रोतों की जानकारियों, जैसे कुल संख्या,सिकुड़ने की स्थिति (सूखे हैं या लुप्त) और कैचमेंट क्षेत्र के बढ़ने या घटने के कारण भूमि के उपयोग में परिवर्तन, का डॉक्यूमेंटेशन नहीं किया गया है। इसके अतिरिक्त लघु सिंचाई गणना (सतही और भूजल सिंचाई संरचनाएं) में केवल ग्रामीण क्षेत्रों के जल स्रोतों को शामिल किया जाता है।
- कमिटी ने सुझाव दिया कि जल स्रोतों और उनकी स्थिति के निष्पक्ष आकलन के लिए एक राष्ट्रीय डेटाबेस बनाया जाना चाहिए जिसमें सभी राज्यों की जानकारियां शामिल की जाएं। इसके लिए एक निश्चित समयावधि में जल स्रोतों की गणना की जानी चाहिए।
- फंड्स की व्यवस्था : कार्यक्रम के तहत 149 चालू परियोजनाओं में से 99 को प्राथमिकता के आधार पर 2019 तक पूरा किया जाएगा। कमिटी ने टिप्पणी की कि परियोजनाओं की धीमी गति के कारण समय भी अधिक लगता है और लागत भी बढ़ जाती है। इसका कारण मुख्य रूप से यह होता है कि फंड्स का डायवर्जन और दुरुपयोग होता है और युटिलाइजेशन सर्टिफिकेट्स को सौंपने में विलंब होता है।
- कमिटी ने सुझाव दिया कि मंत्रालय को ऐसा तंत्र विकसित करना चाहिए ताकि फंड्स लैप्स न हों जिसके कारण और विलंब होता है और समय और लागत की बचत के उपाय किए जा सकें।
- इरिगेशन पोटेंशियल क्रिएटेड और यूटिलाइज्ड के बीच अंतर : कमिटी ने इरिगेशन पोटेंशियल क्रिएटेड (सिंचाई संभाव्यता का सृजन) और इरिगेशन पोटेंशियल यूटिलाइज्ड (सिंचाई संभाव्यता के उपयोग) के बीच 240 लाख हेक्टेयर का बड़ा अंतर पाया। इसके अतिरिक्त मंत्रालय को सिंचाई संभाव्यता के सृजन के प्रारंभिक लक्ष्यों और प्रत्येक परियोजना के लिए उसके उपयोग से जुड़े आंकड़े भी एक स्थान पर नहीं मिले।
- कमिटी ने सुझाव दिया कि मंत्रालय को न केवल सिंचाई संभाव्यता का अधिक सृजन करने के लिए रणनीतियां बनानी और कदम उठाने चाहिए बल्कि यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि सृजित की गई संभाव्यता का उचित उपयोग किया जा सके। इसके अतिरिक्त मंत्रालय को इस संबंध में भी आंकड़ों के बीच सामंजस्य बनाना चाहिए कि परियोजना की शुरुआत में सिंचाई की क्या संभाव्यता थी, उसमें वास्तविक प्रगति कितनी हुई है और लक्षित, सृजित एवं उपयोग की गई सिंचाई संभाव्यता के बीच कितना अंतर है।
- निगरानी तंत्र : केंद्रीय सहायता प्राप्त सभी परियोजनाओं की निगरानी का काम केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) करता है। कमिटी ने टिप्पणी दी कि एआईबीपी के तहत केंद्रीय सहायता प्राप्त योजनाओं की संख्या बहुत अधिक है और सीडब्ल्यूसी में उपलब्ध कर्मचारियों की संख्या कम है। इसके अतिरिक्त सीडब्ल्यूसी के अधिकारियों के निगरानी दौरों की संख्या भी 2012-13 में 163 से घटकर 2014-15 में 56 हो गई।
- कमिटी ने सुझाव दिया कि मंत्रालय को निगरानी संबंधी दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करना चाहिए। इसके अतिरिक्त क्षेत्रीय कार्यालयों और कर्मचारियो की संख्या बढ़ाने के प्रयास भी किए जाने चाहिए जिससे योजनाओं की निगरानी प्रभावी तरीके से की जा सके।
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Question 9 of 10
9. Question
1 pointsRBI की बाजार स्थिरीकरण योजना (MSS) के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें –
- अर्थव्यवस्था में निम्न तरलता की स्थिति में MSS का उपयोग किया जाता है
- इसमें RBI द्वारा सरकारी प्रतिभूतियों की बिक्री शामिल है.
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सही है/हैं?
Correct
RBI की बाजार स्थिरीकरण योजना (MSS) एक मौद्रिक नीति सम्बन्धी हस्तक्षेप है. इसका उपयोग RBI द्वारा अर्थव्यवस्था में सरकारी प्रतिभूतियों का विक्रय कर अतिरिक्त तरलता (या मुद्रा आपूर्ति) की निकास हेतु किया जाता है. MSS को अप्रैल 2004 में प्रारम्भ किया गया था.
अर्थव्यवस्था में उच्च तरलता की स्थिति में MSS का उपयोग किया जाता है.
Incorrect
RBI की बाजार स्थिरीकरण योजना (MSS) एक मौद्रिक नीति सम्बन्धी हस्तक्षेप है. इसका उपयोग RBI द्वारा अर्थव्यवस्था में सरकारी प्रतिभूतियों का विक्रय कर अतिरिक्त तरलता (या मुद्रा आपूर्ति) की निकास हेतु किया जाता है. MSS को अप्रैल 2004 में प्रारम्भ किया गया था.
अर्थव्यवस्था में उच्च तरलता की स्थिति में MSS का उपयोग किया जाता है.
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Question 10 of 10
10. Question
1 pointsहाल ही में शुरू किया गया एकीकृत सरकारी ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम (iGOT) के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए –
- एकीकृत सरकारी ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम (iGOT) भारत के राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (NSDC) की एक पहल है.
- इस कार्यक्रम का उद्देश्य ऑनलाइन प्रशिक्षण के साथ प्रमाणन प्रदान कर सरकारी कर्मचारियों के लिए वर्तमान प्रशिक्षण तन्त्र का संवर्द्धन करना है.
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
Correct
एकीकृत सरकारी ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत कार्मिक लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय द्वारा तथा इसका विकास कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग द्वारा किया गया है. यह वर्तमान की प्रशिक्षण व्यवस्था को बेहतर बनाएगा। ऑनलाइन प्रशिक्षण में प्रमाण-पत्र भी प्रदान किया जाएगा। सरकारी कर्मचारियों को उनके कार्यस्थल पर ही प्रशिक्षण दिया जाएगा और प्रशिक्षण के लिए समय निर्धारण में भी लचीला रूख अपनाया जाएगा। इस कार्यक्रम का उद्देश्य अच्छे प्रशासन के लिए कुशल सिविल सेवा उपलब्ध कराना है।
Incorrect
एकीकृत सरकारी ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत कार्मिक लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय द्वारा तथा इसका विकास कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग द्वारा किया गया है. यह वर्तमान की प्रशिक्षण व्यवस्था को बेहतर बनाएगा। ऑनलाइन प्रशिक्षण में प्रमाण-पत्र भी प्रदान किया जाएगा। सरकारी कर्मचारियों को उनके कार्यस्थल पर ही प्रशिक्षण दिया जाएगा और प्रशिक्षण के लिए समय निर्धारण में भी लचीला रूख अपनाया जाएगा। इस कार्यक्रम का उद्देश्य अच्छे प्रशासन के लिए कुशल सिविल सेवा उपलब्ध कराना है।
Leaderboard: [SGQ Part 4] Yojana Questions for Pre 2019
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