UPSC Prelims परीक्षा 2019 के लिए Important Topics को highlight करते हुए आपको Quick Links update कर रहा हूँ. पिछले साल की ही तरह इस साल भी Sansar Guess Series (SGQ) में काफी देरी हो गई और सारा कुछ incomplete रह गया. मगर कोई बात नहीं मैं टॉपिक के साथ-साथ लिंक भी दे रहा हूँ. आप लिंक को ओपन कर के जल्दी-जल्दी टॉपिक कवर लें.
यह रहा Part 9 >>>>
- रिकवरी प्रोग्राम फॉर क्रिटिकली एनडेंजर्ड स्पीशीज – इसके तहत देश भर में 17 प्रजातियों को शामिल किया गया है. हाल ही में चार प्रजातियों अर्थात् नोदर्न रिवर टेरापिन (बाटागुर बास्का), क्लाउडेड तेंदुआ, अरेबियन सी हम्पबैक व्हेल और रेड पांडा को इस कार्यक्रम में शामिल किया गया है. यह केंद्र द्वारा संपोषित वित्तपोषित वन्यजीव प्राकृतिक वास के एकीकृत विकास (IDWH) कार्यक्रम के तीन घटकों में से एक है.
- मेकेदातु परियोजना
- इंडिया एनर्जी एफिशिएंसी स्केल-अप प्रोग्राम – हाल ही में इस प्रोग्राम के लिए भारत सरकार और विश्व बैंक द्वारा 220 मिलियन डॉलर के ऋण समझौते और 80 मिलियन डॉलर के एक गारंटी समझौते पर किये गये. इस कार्यक्रम का कार्यान्वयन EESL द्वारा किया जाएगा और यह आवासीय एवं सार्वजनिक क्षेत्रों में ऊर्जा बचत के उपायों के परियोजना को बढ़ाने, EESL की संस्थागत क्षमता को सुदृढ़ बनाने एवं वाणिज्यिक वित्तपोषण तक इसकी पहुँच बढ़ाने में सहायता करेगा. इस कार्यक्रम के प्रमुख घटकों में से एक है – LED लाइट और ऊर्जा दक्ष सीलिंग फैन के लिए स्थायी बाजार सृजित करना और स्ट्रीट लाइट व्यवस्था को सुव्यवस्थित करना.
- भारत स्टेज VI उत्सर्जन मानक
- प्रोजेक्ट टाइगर – भारत में 1973 में ही बाघों के संरक्षण के लिए Project Tiger आरम्भ किया गया था. इस परियोजना के तहत अभी तक देश में 50 अभ्यारण्य बनाए जा चुके हैं जिनका भौगोलिक क्षेत्रफल देश का 2% है. For more info >> Click
- जेनेवा एक्शन एजेंडा टू कॉम्बैट एयर पोल्यूशन – इस एजेंडा का उद्देश्य 2030 तक वायु प्रदूषण से होने वाली मृत्युओं की संख्या को 2/3 तक कम करना है. वायु प्रदूषण और स्वास्थ्य पर प्रथम विश्व स्वास्थ्य संगठन वैश्विक सम्मेलन का आयोजन 30 अक्टूबर से 1 नवम्बर, 2018 तक जेनेवा स्थित WHO के मुख्यालय में किया गया था.
- फ्लाई ऐश
- वैश्विक पर्यावरण सुविधा (GEF)
- प्रधानमंत्री उज्ज्वल योजना (PMUY)
- गवाह संरक्षण योजना, 2018
- GSAT 11
- GSAT31
- किम्बरले प्रक्रिया प्रमाणन योजना (KPCS)
- बोगीबील पुल (Prelims Vishesh)
- राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना (NRCP) – यह 1995 में शुरू की गई थी. पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा क्रियान्वित की जा रही है. सरकार की कई योजनाओं के माध्यम से नदियों को साफ़ करने पर करोड़ों रुपये खर्च किये गये हैं. ये योजनाएँ हैं – राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना (NRCP), अटल कायाकल्प एवं शहरी रूपांतरण मिशन (AMRUT), स्मार्ट सिटी मिशन कार्य्रकम, नमामि गंगे तथा नदी विकास एवं गंगा कायकल्प योजना. NRCP के अंतर्गत अग्रलिखित राज्य शामिल हैं – आंध्र प्रदेश, गोवा, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, नागालैंड, ओडिशा, पंजाब, सिक्किम, तमिलनाडु तथा तेलंगाना.
- ग्रेडेड रेस्पोंस एक्शन प्लान – शहरी वायु प्रदूषण को कम करने के लिए ग्रेडेड रेस्पोंस एक्शन प्लान लाया गया है. इसे सरकार ने दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) हेतु अधिसूचित किया है. एक्शन प्लान के क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने का कार्य EPCA का होगा. अधिक जानकारी के लिए Click here
- बहुविषयक साइबर-फिजिकल प्रणालियों के राष्ट्रीय मिशन (NM-ICPS)
- यू.एन. ग्लोबल काउंटर टेररिज्म कोओर्डीनेशन कॉम्पैक्ट
- हरित ऊर्जा गलियारा
- कोकोयोक घोषणा – ‘सतत विकास’ शब्दावली का प्रयोग सर्वप्रथम ‘कोकोयोक घोषणा’ में 1970 के प्रारम्भ में पर्यावरण एवं विकास के सम्बन्ध में किया गया था ।
- सुभाष चन्द्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार – सरकार ने सुभाष चन्द्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार की घोषणा 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जयंती के अवसर पर की. सभी भारतीय नागरिक और संगठन जिन्होंने आपदा प्रबंधन के क्षेत्रों में विशिष्ट योगदान दिया है, वे सुभाष चन्द्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार के योग्य हैं. वर्ष 2019 के लिए गाजियाबाद स्थित राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की आठवीं बटालियन को आपदा प्रबंधन में उत्कृष्ट कार्य के लिए सुभाष चन्द्र बोस आपदा पुरस्कार हेतु चयनित किया गया. पुरस्कार के अंतर्गत 51 लाख रुपये की नगद धनराशि तथा एक प्रमाण-पत्र प्रदान की गई.
- मिनिमाटा कन्वेंशन – पारा (mercury) पर मिनिमाटा कन्वेंशन एक वैश्विक संधि है, जिसका उद्देश्य मानव स्वास्थ्य एवं पर्यावरण को पारे के दुष्प्रभावों से संरक्षण प्रदान करना है. मिनिमाटा कन्वेंशन को 16 अगस्त, 2017 को कार्यान्वित किया गया था. यह कन्वेंशन पारे पर ध्यान आकर्षित करता है.
- मोंट्रियल प्रोटोकॉल में किगाली संशोधन
- तलानोआ संवाद
- आइडेट आयोग
- फ्रेंड्स ऑफ़ द अर्थ इंटरनेशनल (FoEI) – इसकी स्थापना वर्ष 1971 में फ्रांस, स्वीडन, इंग्लैंड और संयुक्त राज्य अमेरिका के चार संगठनों द्वारा की गई थी. वर्तमान में 75 संगठन इसके सदस्य हैं जो पर्यावरण संरक्षण और संधारणीय समाज के निर्माण हेतु अंतर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय और स्थानीय स्तर पर अभियानों का संचालन कर रहे हैं.
- मानक और लेबलिंग कार्यक्रम – यह कार्यक्रम दक्षता ब्यूरो की प्रमुख पहलों में से एक है. इस योजना का एक प्रमुख उद्देश्य उपभोक्ता को ऊर्जा की बचत हेतु एक सुविज्ञ विकल्प प्रदान करना है जिससे सम्बंधित बाजार में लाये गये उत्पादों की लागत-बचत क्षमता में वृद्धि हो सके. इसमें कौन-कौन से अनिवार्य उपकरण आते हैं और कौन-कौन से स्वैच्छिक उपकरण. यह लिस्ट देखें >
- अनिवार्य :– https://www.beeindia.gov.in/content/mandatory-appliances
- स्वैच्छिक :– https://www.beeindia.gov.in/content/voluntary-scheme
- भारत में तटीय विनियमन क्षेत्र (CRZ) – तटीय विनियमन क्षेत्र का प्रावधान पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 के अंतर्गत किया गया है. केंद्र सरकार द्वारा समुद्र, खाड़ियों, ज्वारनदमुख, क्रीक, नदियों और पश्चजल के तटीय क्षेत्रों, जो उच्च ज्वार रेखा (HTL) से 100 मीटर की दूरी तक स्थित होते हैं (स्थलीय क्षेत्र की ओर) और ज्वार की क्रिया से प्रभावित होते हैं तथा निम्न ज्वार रेखा (LTL) एवं HTL के मध्य की भूमि (जिसे अंतर-ज्वारीय क्षेत्र के रूप में जाना जाता है) को तटीय विनियमन क्षेत्र के रूप में घोषित किया गया है. पूर्व में यह क्षेत्र उच्च ज्वार रेखा से 500 मीटर की दूरी तक विस्तारित था, किन्तु बाद में सरकार द्वारा इसे HTL से 100 मीटर की दूरी तक सीमित कर दिया गया. अधिक जानकारी के लिए पढ़ें > Click
- परिवेश ऐप
घबराने की बात नहीं है यदि आपको ये सारे टॉपिक नए लग रहे हैं. दरअसल, मैंने 2018 से टॉपिक चुनना शुरू किया है जिससे कुछ नहीं छूटे.
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