अधिकांश अर्थशास्त्रियों में इस बात को लेकर सहमति है कि चालू वित्तीय वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था सिकुड़ जायेगी. यदि मतभेद है तो इस बात को लेकर कि यह सिकुड़न कितनी होगी. कुछ लोग कहते हैं कि -4% तो अन्य कहते हैं -14%.
कई अर्थशास्त्रियों का यह मत है कि इस वर्ष अर्थव्यवस्था न्यूनतम धरातल तक पहुँच जायेगी, परन्तु अगले वित्तीय वर्ष (2021-22) में यह फिर से सुधरने लगेगी.
भारत में आर्थिक पुनरुत्थान (Economic Recovery) की आदर्श आकृति क्या होनी चाहिए?
COVID-19 संकट और अपर्याप्त वित्तीय उत्प्रेरण के कारण बहुत संभावना है कि भारत में आर्थिक पुनरुत्थान (economic recovery) की आकृति लम्बे U-आकार (elongated U-shape) में होगी.
आर्थिक पुनरुत्थान की आकृतियाँ कौन-कौन सी होती हैं?
Z आकृति वाला आर्थिक पुनरुत्थान (Z-shaped recovery)
यह सबसे अच्छा परिदृश्य होता है जिसमें अर्थव्यवस्था बहुत तेजी से सुदृढ़ हो जाती है. अर्थव्यवस्था को जो कुछ भी हानि (जैसे – तालेबंदी के पश्चात् बदले की भावना से खरीद) हो चुकी होती है उसकी इस आकृति में तत्काल क्षतिपूर्ति हो जाती है.
V आकृति वाला आर्थिक पुनरुत्थान (V-shaped recovery)
इसमें भी अर्थव्यवस्था तेजी से पटरी पर आ जाती है और सामान्य वृद्धि की राह पर चल पड़ती है.
U आकृति वाला आर्थिक पुनरुत्थान (U-shaped recovery)
इसमें अर्थव्यवस्था को संघर्ष करना पड़ता है और वृद्धि की दर कुछ समय तक निम्न स्तर पर रहती है और उसके पश्चात् धीरे-धीरे सामान्य स्तर तक पहुँचती है.
W आकृति वाला आर्थिक पुनरुत्थान (W-shaped recovery)
इसमें वृद्धि की दर बार-बार गिरती और बढ़ती है और अन्त में जाकर सामान्य दर पर पहुँच पाती है. इस प्रकार W की आकृति वाला चार्ट बन जाता है.
L आकृति वाला आर्थिक पुनरुत्थान (L-shaped recovery)
यह सबसे बुरा परिदृश्य होता है जिसमें एक बार गिर जाने के बाद अर्थव्यवस्था निम्न स्तर पर टिकी रहती है और उसे फिर से पटरी पर आने में बहुत-बहुत समय लगता है.
J आकृति वाला आर्थिक पुनरुत्थान (J-shaped recovery)
यह परिवेश तनिक यथार्थ से दूर होता है क्योंकि इसमें वृद्धि बहुत तेजी से होती है और ऊँचे स्तर पर बहुत समय तक टिक जाती है.
अन्य आकृतियाँ
स्वूश (Swoosh) आकृति वाला आर्थिक पुनरुत्थान : इसमें पुनरुत्थान की आकृति Nike के logo के समान V-आकृति और U-आकृति के बीच का रूप लिए होती है. इसमें पतन के पश्चात् वृद्धि तेजी से होती है, परन्तु फिर उसके मार्ग में अड़चनें आ जाती हैं और अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे पटरी पर आती है.
अन्दर मुड़े वर्गमूल की आकृति वाला वाला आर्थिक पुनरुत्थान (Inverted square root shaped recovery) : यह परिकल्पना वित्त प्रदाता George Soros द्वारा कुछ वर्षों पहले की गई थी. इसके अंतर्गत अर्थव्यवस्था न्यूनतम स्थान पर जाकर फिर से ऊपर उठ सकती है, किन्तु फिर वृद्धि धीमी पड़ जाती है और अर्थव्यवस्था एक कदम नीचे आ जाती है.
आर्थिक पुनरुत्थान का आकार किन कारकों पर निर्भर है?
आर्थिक पुनरुत्थान की आकृति का निर्धारण सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की गति और दिशा से होता है. इसके अतिरिक्त और भी कई कारक होते हैं, जैसे – राजकोषीय एवं मौद्रिक उपाय, उपभोक्ता की आय और भावना आदि.