SIDBI की स्थापना 2 अप्रैल, 1990 को भारतीय औद्योगिक विकास बैंक (IDBI) के एक सहायक बैंक के रूप में की गई थी. इसका full form है – Small Industries Development Bank of India. IDBI, IFCI, IIBI industrial development banks की ही तरह SIDBI को लघु और लघुतर उद्योगों की स्थापना, वित्त पोषण, विकास आदि के लिए वित्त देने का दायित्व सौंपा गया है. इस बैंक का मुख्यालय (headquarter) लखनऊ में है और 2015 से इसके चेयरमैन डॉ. क्षत्रपति शिवाजी हैं. इसके अलावा इसके 15 क्षेत्रीय कार्यालय और 100 शाखा कार्यालय हैं. SIDBI लघु उद्योगों को व्यापारिक बैंकों, सहकारी और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों तथा राज्य औद्योगिक वित्त निगमों (Industrial finance corporations) के जरिये सहायता प्रदान करता है. SIDBI भारतीय पूँजी बाजार और विदेशी संस्थाओं से विदेशी मुद्रा (foreign currency) में ऋण भी ले सकता है.
SIDBI पर संक्षिप्त टिपण्णी
सिडबी के व्यापार क्षेत्र में माइक्रो, स्माल और मझौले उद्यम (MSME) शामिल हैं, जो उत्पादन , रोजगार और निर्यात के मामले में राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं. MSME sector भारतीय अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण आधार है क्योंकि यह 5.1 करोड़ इकाइयों के विशाल नेटवर्क के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास के लिए बहुत हद तक मदद देता है.
- SIDBI के जरिये लगभग 11.7 करोड़ रोजगार पैदा होते हैं.
- 6000 से अधिक उत्पादों का निर्माण किया जाता है.
- SIDBI का उत्पादन में 45% योगदान होता है.
- इसका विनिर्माण उत्पादन (manufacturing output) में लगभग 45% का योगदान है.
- GDP में इसका योगदान 37% है.
SIDBI विश्व के 30 शीर्षस्थ विकास बैंकों में एक माना जाता है. इस बैंक द्वारा 3 करोड़ 20 लाख लोगों को 3260 trillion राशि दी जा चुकी है.