2016-17 में आरम्भ किये गये स्नोएक्स (SnowEx) नामक पंचवर्षीय कार्यक्रम के एक अंग के रूप में पिछले दिनों NASA ने एक मौसमी अभियान का अनावरण किया.
स्नोएक्स क्या है?
- स्नोएक्स नासा द्वारा आरम्भ किया गया एक पंचवर्षीय कार्यक्रम है जिसके लिए धनराशि नासा ही जुटाती है.
- इस कार्यक्रम का उद्देश्य बर्फ के विषय में दूर से पता लगने वाली जानकारी में पाई जाने वाली खामियों को दूर करना और इस प्रकार भविष्य में हिम उपग्रह अभियान के लिए जमीनी तैयारी करना है.
- इस कार्यक्रम के अंतर्गत हवा में उपकरण भेजे जाते हैं और साथ ही जमीन पर भी काम होता है.
- इस अभियान में हवा में जो उपकरण छोड़े जाते हैं, वे हैं – लीडार, SAR, पैसिव माइक्रोवेव, मल्टी-स्पेक्ट्रल/हाइपरस्पेक्ट्रल VIS/IR आदि. जमीन के स्तर पर भी बर्फ को मापा जाता है जिससे वनाच्छादित भूभागों में हिमजल समतुल्य (Snow Water Equivalent – SWE) का अध्ययन होता है.
SnowEx का लक्ष्य
- मौसम-मौसम पर हिमाच्छादित होने वाले भूभागों को कई सेंसरों द्वारा निरीक्षण करते हुए वनाच्छादित एवं अ-वनाच्छादित भूभागों में SWE को मापने के लिए अल्गोरिद्म तैयार करना.
- हिम शिखरों के नीचे अवस्थित हिमराशि के लिए समुचित जमीनी माप लेते हुए ऊर्जा संतुलन मॉडल तथा हिम वितरण मॉडल तैयार करना और उनका परीक्षण करना.
- सर्वाधिक सटीक परिणाम निकालने के लिए यह पता लगाना कि सेंसर तकनीकों को मॉडलों और डाटा मिश्रण पद्धतियों से सर्वोत्तम ढंग से कैसे जोड़ा जा सकता है.
स्नोएक्स अभियान की आवश्यकता क्यों पड़ी?
- विश्व की जनसंख्या का 1/6 भाग अर्थात् 2 बिलियन लोग पीने के पानी के लिए मौसम-मौसम पर होने वाली हिमराशि और हिमानियों पर निर्भर करते हैं.
- उन्हें यह पानी हिमराशियों आर हिमानियों के पिघलने से मिलता है. परन्तु इस शताब्दी में संभावना है कि इसमें कमी आये.
- पृथ्वी के ठन्डे क्षेत्रों की पारिस्थितिकी में हिम का एक अलग महत्त्व है क्योंकि इस पर वहाँ के वन्यप्राणी और वनस्पतियाँ जुड़े हुए हैं.
- हिम की उपलब्धता घटती-बढ़ती रहती है. इसको सही ढंग से समझने की आवश्यकता है.
- जलवायु, जलचक्र और कार्बनचक्र इन सब के लिए धरती की हिमराशि का सही माप आवश्यक है.