State Energy Efficiency Index 2019
2019 का राज्य ऊर्जा दक्षता तत्परता सूचकांक (State Energy Efficiency Preparedness Index) निर्गत हो गया है. विदित हो कि ऐसा पहला सूचकांक अगस्त 1, 2018 में प्रकाशित हुआ था.
राज्य ऊर्जा दक्षता तत्परता सूचकांक क्या है?
- इस सूचकांक को ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (Bureau of Energy Efficiency – BEE) एवं ऊर्जा सक्षम अर्थव्यवस्था संघ (Alliance for an Energy Efficient Economy – AEEE) संयुक्त रूप से तैयार करते हैं. यह एक राष्ट्रीय सूचकांक है जो राज्यों की ऊर्जा विषयक नीतियों और कार्यक्रमों का आकलन करता है.
- यह प्रतिवेदन देश के 36 राज्यों/संघीय क्षेत्रों में ऊर्जा दक्षता के क्षेत्र में हुई प्रगति का आकलन 97 महत्त्वपूर्ण संकेतकों के आधार पर करता है.
- विवेक सम्मत तुलना के लिए राज्यों और संघीय क्षेत्रों को चार समूहों में विभक्त कर दिया गया है. इस विभाजन का आधार यह है कि किस राज्य या संघीय क्षेत्र ने बिजली की माँग के लिए अपेक्षित कितनी सम्पूर्ण प्राथमिक ऊर्जा आपूर्ति (Total Primary Energy Supply – TPES) की है. इसको इस प्रकार कह सकते हैं कि इन्होंने बिजली, कोयला, खनिज तेल, गैस आदि के लिए कितनी ऊर्जा मुहैया की है.
उद्देश्य
- इस सूचकांक से राष्ट्रीय ऊर्जा दक्षता के लिए राज्यों में किये जाने वाले प्रयासों को लागू करने में सहायता मिलेगी. साथ ही ऊर्जा सुरक्षा (energy security), ऊर्जा उपलब्धता (energy access) एवं जलवायु परिवर्तन (climate change) के राज्यस्तरीय तथा राष्ट्रीय लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायता मिलेगी.
- स्वतंत्र संकेतकों में मुख्य हैं – भवन निर्माण, उद्योग, नगरपालिका, परिवहन, कृषि तथा ऊर्जा वितरण कंपनियाँ.
- यह सूचकांक राज्यों की नीतियों एवं नियमों, वित्तीय तंत्रों, संस्थागत क्षमता, ऊर्जा बचाने वाले उपायों तथा बचाई गई ऊर्जा का अध्ययन करता है.
सूचकांक में वर्णित श्रेणियाँ
सूचकांक में राज्यों को उपलब्धि के आधार पर उन्हें कुछ श्रेणियाँ दी जाती हैं, जैसे – अग्रणी (Front Runner), सफल (Achiever), प्रतियोगी (Contender), आकांक्षी (Aspirant)
विभिन्न राज्यों का प्रदर्शन
- इस वर्ष किसी भी राज्य को अग्रणी (front runner) की पदवी नहीं दी गई है.
- सबसे अच्छा प्रदर्शन कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और पुडुचेरी का रहा है.
- सबसे बुरा प्रदर्शन करने वाले राज्य हैं – मणिपुर, झारखंड, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर.
सूचकांक की महत्ता
ज्ञातव्य है कि अमेरिका और चीन के बाद भारत ही वह देश है जहाँ सबसे अधिक ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जित होते हैं. अतः भारत की योजना है कि 2030 तक कार्बन फुटप्रिंट को 2005 के स्तर से 33-35% घटाया जाए. पेरिस 2015 की बैठक में भारत ने यह लक्ष्य प्राप्त करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की थी. राज्य ऊर्जा दक्षता तत्परता सूचकांक (State Energy Efficiency Preparedness Index) प्रकाशित करने से कार्बन उत्सर्जन को समझने और नियंत्रित करने में विपुल सहायता मिलेगी.
Tags : Highlights of ‘State Energy Efficiency Index’. Energy efficiency- need, significance and government efforts.