गूगल का स्टेशन वाई-फाई कार्यक्रम क्या है और यह क्यों बंद किया जा रहा है?

Sansar LochanGovernance, Science Tech

 Google’s Station WiFi Programme Explained in Hindi

पाँच वर्ष पहले भारत के 400 व्यस्ततम रेलवे स्टेशनों पर निःशुल्क सार्वजनिक वाई-फाई लगाने का “स्टेशन” नामक एक कार्यक्रम गूगल ने चलाया था. अब उसने निश्चय किया है कि वह धीरे-धीरे पूरे विश्व में इस सेवा को समाप्त कर देगा.

परन्तु इससे भारतीयों को हानि नहीं होगी क्योंकि गूगल का ही भागीदार RailTel ऊपर बताये गये भारत के 400 स्टेशनों पर वाई-फाई की सेवा देता रहेगा.

स्टेशन वाई-फाई कार्यक्रम क्या है?

  • स्टेशन कार्यक्रम 2015 में गूगल तथा भारतीय रेलवे एवं RailTel की भागीदारी में आरम्भ हुआ था. इसका उद्देश्य 2020 तक भारत के 400 से अधिक व्यवस्ततम रेलवे स्टेशनों पर निःशुल्क सार्वजनिक Wi-Fi मुहैया करना था.
  • परन्तु गूगल ने अपना लक्ष्य जून 2018 तक ही प्राप्त कर लिया था. तत्पश्चात् देश के कई और स्टेशनों को इस कार्यक्रम में जोड़ा गया जिसमें दूरसंचार कम्पनियों, ISPs और स्थानीय अधिकारीयों की प्रतिभागिता रही.

गूगल की “स्टेशन” सेवा क्यों बंद की जा रही है?

  • गूगल का मानना है कि बेहतर डाटा स्कीमों के आ जाने से और मोबाइल सम्पर्कशीलता बढ़ जाने से ग्राहकों को ऑनलाइन ही अधिक सरल और सस्ती सेवाएँ मिल जा रही हैं.
  • देखा जाए तो प्रति GB मोबाइल डाटा की दर भारत में विश्व में सबसे सस्ता है. मोबाइल डाटा के दाम पिछले पाँच वर्षों में 95% घट गये हैं जैसा पिछले वर्ष TRAI ने बताया था.
  • आज भारतीय ग्राहक औसतन प्रत्येक माह 10GB डाटा की खपत करता है.

अन्य कारण

“स्टेशन” सेवा को वापस लेने के पीछे अन्य कारण हैं –

  • भारत सरकार द्वारा डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के माध्यम से इन्टरनेट सेवा के फैलाव के लिए निरंतर किया जा रहा प्रयास.
  • निजी क्षेत्र द्वारा उठाये गये कदम जैसे वोडाफोन की सुपर वाई-फाई सेवा.
  • रिलायंस जियो 4G आने के बाद इन्टरनेट ग्राहकी की लागत अतिशय घट गई है. इन सब कारणों से भारत में इन्टरनेट का उपयोग करने वालों की संख्या में अत्यंत वृद्धि हुई है.
  • एक और कारण से गूगल के “स्टेशन” कार्यक्रम को आगे बढ़ाने और टिकाऊ बनाने में समस्या आ रही है और वह कारण है विश्व में तकनीकी आवश्यकताओं और अवसंरचनाओं में पेश आती हुई नई-नई चुनौतियाँ.
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