ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय ने एक कठोरता सूचकांक (Stringency Index) तैयार किया है जिसमें बताया गया है कि कोविड-19 महामारी के प्रसार के विभिन्न स्तरों पर किस देश ने कितने कठोर कदम उठाये. इस सूचकांक के अनुसार, भारत वह देश था जिसने अन्य देशों की तुलना में बहुत पहले ही कड़े-कड़े उपाय लागू किये.
सूचकांक में विभिन्न देशों में हुई मौतों का ग्राफ (death curve) और उनका कठोरता अंक (stringency score) से सम्बन्ध दर्शाया गया है.
कठोरता सूचकांक (Stringency Index) से संबंधित मुख्य तथ्य
- इसमें कठोरता को मापने के लिए 0 से लेकर 100 तक का पैमाना है. इस पैमाने पर जिस देश अंक अधिक होगा, उसके कठोरता का स्तर उतना ही ऊँचा माना जाएगा.
- सूचकांक बनाने के लिए ऑक्सफ़ोर्ड कोविड-19 सरकारी प्रतिक्रिया नामक ट्रैकर (Oxford COVID-19 Government Response Tracker) का उपयोग किया गया है. इस ट्रैकर में ऑक्सफ़ोर्ड के वे 100 सामुदायिक सदस्य शामिल थे जिन्होंने सरकारी प्रतिक्रिया के 17 संकेतकों के डाटाबेस को लगातार अद्यतन किया है.
- ये संकेतक उन नीतियों के विषय में जानकारी देते हैं जिनका प्रयोग विभिन्न सरकारों ने महामारी को सीमित करने के लिए किया है, जैसे – विद्यालय और कार्यालय बंद करना, सार्वजनिक आयोजन रोकना, सार्वजनिक परिवहन रोक देना, घर में ही लोगों को रहने के लिए आदेश देना आदि.
सूचकांक में भारत के विषय में मंतव्य
- महामारी के प्रसार के प्रारम्भिक चरण में भारत ने कठोरतम तालेबंदी लागू की. सूचकांक में इसके लिए भारत को मार्च 22 से 100 अंक दिए गये हैं.
- अप्रैल 20 को भारत ने लाल ज़ोन के बाहर वाले क्षेत्रों में कुछ कार्यस्थलों के लिए अपने प्रतिबंधों में थोड़ी ढील दी.
- जिन देशों में कोविड-19 का प्रसार भारत के समान या अधिक था, उन देशों की तुलना में भारत ने बहुत आरम्भिक चरण में कठोर तालेबंदी लागू कर दी थी.
- कोविड-19 से ग्रस्त 18 देशों ने जब अपनी कठोरतम तालेबंदी आरम्भ की तब वहाँ 500 से अधिक मामले हो चुके थे. परन्तु जब भारत ने तालेबंदी शुरू की तो उस समय भारत में ऐसे मामले 320 ही थे.
- मार्च 22 को भारत में संक्रमण के मामले 100 थे और चार ही मौतें हुई थीं. दूसरी ओर, अधिकांश देशों में इस चरण में अधिक मौतें हो चुकी थीं (स्विटज़रलैंड को छोड़कर जहाँ कोई मौत नहीं हुई थी).
भारत के अतिरिक्त 100 अंकों वाले अन्य देश
होंडुरास, अर्जेंटीना, जॉर्डन, लीबिया, श्रीलंका, सर्बिया और रवांडा.