अन्य पिछड़ा वर्ग का उप-वर्गीकरण

Sansar LochanIndian Constitution

Commission to Examine Sub Categorization of other Backward Classes (OBC)

केन्द्रीय सूची में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के अंतर्गत उप-वर्गीकरण के प्रश्न पर विचार करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 340 के अधीन गठित होने वाले आयोग के कार्यकाल को बढ़ाने का अनुमोदन केन्द्रीय मंत्रीमंडल ने दे दया है.

पृष्ठभूमि

संविधान का अनुच्छेद 14 (Article 14) विधि के समक्ष समानता का अधिकार देता है. इसका तात्पर्य यह है कि जो असमान हैं उनके साथ समान व्यवहार नहीं किया जा सकता. वस्तुत: असमान लोगों के उत्थान के लिए ऐसे उपायों की आवश्यकता है जो उन्हें उन्न्त वर्गों के समक्ष ला सकें.

अन्य पिछड़ा वर्ग का उप-वर्गीकरण

2015 में अन्य पिछड़ा वर्ग के उपवर्गीकरण के लिए राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने प्रस्ताव दिया था.

अक्टूबर 2017 में राष्ट्रपति ने संविधान के अनुच्छेद 340 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए अन्य पिछड़ा वर्ग के उपवर्गीकरण हेतु एक आयोग बनाया था जिसकी अध्यक्षता सेवानिवृत्त न्यायाधीश जी.रोहिणी ने की थी. इस आयोग का उद्देश्य पिछड़े वर्ग के अन्दर अति-पिछड़े वर्गों की पहचान करना था जिससे सामाजिक न्याय के लक्ष्य को पूरा किया जा सके.

उप-वर्गीकरण आवश्यक क्यों?

अन्य पिछड़ा वर्ग में उप-वर्गीकरण होने से अन्य पिछड़ा वर्ग के अन्दर तुलनात्मक रूप से अधिक पिछड़े समुदायों को शैक्षणिक संस्थानों और सरकारी नौकरियों में आरक्षण का लाभ मिलेगा. वर्तमान में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 27% आरक्षण है और इसमें कोई उप-वर्गीकरण नहीं है.

इस कदम का महत्त्व

अन्य पिछड़ा वर्ग के उप-वर्गीकरण का निर्णय महात्मा गाँधी की जयंती पर लिया गया था. इस कदम से उनके उपदेशों की भावना को सुदृढ़ता मिलेगी और सरकार बेहतर सामाजिक न्याय को साकार करने में सफल होगी.

विश्लेषण

अन्य पिछड़ा वर्ग समुदाय  में अनेक जातियां आती हैं. देखा जाता है कि इनमें से कई कुछ गिनी-चुनी जातियां ही सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण का लाभ उठा लेती हैं. इनमें कई समुदाय निर्धन नहीं हैं और उनपर क्रीमी लेयर का सिद्धांत लागू है. यह क्रीमी लेयर भी वास्तविकता से दूर है. इसलिए अपेक्षाकृत साधनवाँ व्यक्ति भी आरक्षण का लाभ उठा लेते हैं. ऐसी स्थिति में बहुत-सी ऐसी जातियां पीछे रह जाती हैं जो पिछड़ी जाति के अन्दर आती तो हैं, पर उनके पास संसाधन कम हैं. ऐसी स्थिति में यदि अन्य पिछड़ा वर्ग में एक उप-वर्ग बना कर के उसमें अन्य पिछड़ी जातियों को सम्मिलित किया जाए तो उनको लाभ मिल सकता है.

Tags : Need for Sub Categorization of Backward Classes (OBC), significance, issues involved and what can be done? Explained in Hindi.

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