स्वच्छ सर्वेक्षण लीग, 2020 के जुलाई-सितम्बर अवधि के परिणाम प्रकाशित हो गये हैं. विदित हो कि यह सर्वेक्षण आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा संचालित किया जाता है.
ज्ञातव्य है कि वर्ष भर में तीन तिहाइयों के लिए अलग-अलग सर्वेक्षण किये जाते हैं – अप्रैल-जून, जुलाई-सितम्बर और अक्टूबर-दिसम्बर.
स्वच्छ सर्वेक्षण लीग, 2020 – राज्यों का प्रदर्शन
- इंदौर लगातार चौथी बार सबसे अधिक स्वच्छ नगर घोषित हुआ है.
- इस बार स्वच्छता में दूसरा स्थान राजकोट का आया है जबकि पहली तिमाही में इस स्थान पर भोपाल था.
- तीसरा स्थान नवी मुंबई का रहा जबकि इस स्थान पर पहली तिमाही में सूरत था.
- चौथे स्थान पर बड़ौदा है.
- पाँचवे स्थान पर भोपाल है.
- छावनी बोर्डों में दिल्ली छावनी को इस बार पहला स्थान मिला है.
- छावनी बोर्डों में सबसे बुरा प्रदर्शन सिकंदराबाद छावनी बोर्ड का हुआ है.
पहली तिमाही में शीर्ष पाँच शहर
- इंदौर
- भोपाल
- सूरत
- नासिक
- राजकोट
स्वच्छ सर्वेक्षण क्या है?
- 2016 में सबसे पहली बार 73 नगरों में स्वच्छता की स्थिति की पड़ताल हुई थी और रैंकिंग दी गई थी.
- 2017-18 में सर्वेक्षण के अन्दर आने वाले नगरों की संख्या बढ़ाकर 434 कर दी गई.
स्वच्छ सर्वेक्षण का उद्देश्य
- स्वच्छता कार्यक्रम में नागरिकों की प्रतिभागिता को प्रोत्साहित करने के लिए यह वार्षिक सर्वेक्षण किया जाता है.
- इस सर्वेक्षण के माध्यम से कचरा से मुक्ति और खुले शौच से मुक्ति के लिए उठाये गये क़दमों में सततता बनाई रखी जाती है.
- अपने नगर को कैसे स्वच्छ बनाएँ और इसके लिए समाज के विभिन्न वर्ग कैसे अपना सहयोग दें इस विषय में जागरुकता बढ़ाने के लिए भी यह सर्वेक्षण किया जाता है.
उपसंहार
यह कहने की आवश्यकता नहीं कि स्वच्छता यदि लानी है और उसे कारगर एवं टिकाऊ बनाना है तो प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य हो जाता है कि वह अपनी ओर से इसमें योगदान करें. कई लोग अपनी निजी साफ़-सफाई में ध्यान देते हैं, किन्तु जब सार्वजनिक एवं सामुदायिक स्वच्छता की बात आती है तो वे मुंह फेर लेते हैं. इस मानसिकता को बदले बिना स्वच्छ भारत का लक्ष्य प्राप्त करना संभव नहीं होगा.