GS Paper 3 Source : The Hindu
UPSC Syllabus: प्रौद्योगिकी में नवीनतम विकास.
Topic : T+1 system for settlement of shares
संदर्भ
25 फरवरी से भारत में स्टॉक एक्सचेंजों को शेयरों के लेन-देन (सेटलमेंट) को पूरा करने हेतु वर्तमान “T+2” सेटलमेंट प्रणाली के बदले “T+1” प्रणाली को लागू करने की शुरुआत की गई है. भारत इसे अपनाने वाला चीन के बाद दूसरा देश बन गया है.
“T+2” सेटलमेंट प्रणाली से सम्बन्धित तथ्य
- लेन-देन (transaction) को “T” से तथा लेन-देन को पूरा होने में लगने वाले समय (सेटलमेंट) को T+1, T+2 आदि के रूप में दर्शाया जाता है.
- भारत में वर्तमान में T+2 लेन देन प्रणाली प्रचलन में है यानी लेन-देन वाले दिन के दो कार्य दिवस बाद सेटलमेंट प्रक्रिया सम्पूर्ण होती है.
- सेटलमेंट प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही शेयर खरीदने वाला उसका असल धारक माना जाता है.
- यदि स्टॉक एक्सचेंज “T+1″ सेटलमेंट प्रणाली का विकल्प चुनता है, तो उसे अनिवार्य रूप से न्यूनतम 6 महीने तक इसे जारी रखना होगा. दोबारा T+2 प्रणाली अपनाने के लिए स्टॉक एक्सचेंज एक माह का अग्रिम नोटिस देकर ऐसा कर सकता है.
- T+1 प्रणाली अपना लिए जाने से सेटलमेंट में लगने वाले समय में कमी आएगी. इसके अलावा अनसुलझे सेटलमेंटों की संख्या में भी कमी आएगी.
‘T+1’ निपटान प्रणाली के लाभ विदेशी निवेशकों की चिंताएँ Tags: Stock exchange, t+1,t+2 system explained in Hindi. UPSC GS Paper 3. For all Economy related current affairs, visit here – Economics Notes in Hindiइस टॉपिक से UPSC में बिना सिर-पैर के टॉपिक क्या निकल सकते हैं?
T+1 प्रणाली से आप क्या समझते हैं? इससे होने वाले संभावित लाभ पर चर्चा कीजिए.”200-शब्द
मेरी राय – मेंस के लिए