मौलिक अधिकारों और नीति-निर्देशक तत्त्वों में अंतर

Sansar LochanIndian Constitution, Polity Notes

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स्वतंत्रताप्राप्ति के बाद भारत के सामने सबसे बड़ी समस्या थी – संविधान का निर्माण करना. इस उद्देश्य से संविधान सभा का गठन किया गया. संविधान-निर्माताओं ने देश की परिस्थितियों को ध्यान में रखकर अनेक प्रावधान (provisions) किए. देश अनेक आर्थिक एवं सामाजिक परिस्थतियों से जूझ रहा था. इन परिस्थितियों पर काबू पाना आवश्यक था. नागरिकों को अनेक मौलिक अधिकार अपने विकास … Read More

राज्य के नीति-निर्देशक तत्त्व (Directive Principles) के विषय में जानें

Sansar LochanIndian Constitution, Polity Notes

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संविधान के चतुर्थ अध्याय में राज्यों के लिए कुछ निर्देशक तत्त्वों (directive principles) का वर्णन है. ये तत्त्व आयरलैंड के संविधान से लिए गए हैं. ये ऐसे उपबंध हैं, जिन्हें न्यायालय का संरक्षण प्राप्त नहीं है. अर्थात्, इन्हें न्यायालय के द्वारा बाध्यता नहीं दी जा सकती. तब प्रश्न यह उठता है कि जब इन्हें न्यायालय का संरक्षण प्राप्त नहीं है, … Read More