अभी तक UPSC और अन्य PCS प्रारम्भिक परीक्षा (prelims exam) में आये संगम काल (Sangam Age) से आये सवालों को एकत्रित कर के आपके सामने दे रहा हूँ. वैसे तो प्राचीन इतिहास से सवाल कम ही आते हैं पर हो सकता है संगम युग से सम्बंधित यह नोट्स आपके कुछ काम आ जाये – संगमकालीन प्रमुख तथ्य (विभिन्न परीक्षा में … Read More
मध्य प्रदेश के मंदिर
गुप्तकाल के बाद मध्य प्रदेश में प्रतिहार, परमार, कल्चुरि, कच्छपघात आदि विभिन्न राजवंशों के राजाओं द्वारा मन्दिर-निर्माण की परम्परा निरन्तर विकसित होती रही. ग्वालियर, ग्यारसपुर, उदयपुर, बरुआसागर, नरेसर, खरोद, नोहटा, सोहागपुर, भेड़ाघाट, गुर्गी, सुरवाया, सुहनिया, मितावली, मैहर, नचना-कुठार आदि अनेक स्थानों पर विभित्र प्रकार के मन्दिरों का निर्माण किया गया था. मध्य प्रदेश के कुछ प्रसिद्ध मंदिर नरेसर (जिला मोरेना) … Read More
मौर्यकालीन शब्दावली
इस पोस्ट में हम कुछ मौर्यकालीन शब्दवाली (Mauryan period/era Glossary/vocabulary) को आपके सामने परोसने जा रहे हैं जो आपकी परीक्षा में काम आयेंगे. प्रायः मौर्य काल से सम्बंधित शब्दावली से विभिन्न परीक्षाओं में प्रश्न आ ही जाते हैं. यदि आपको मौर्यकाल के विषय में पढ़ना है तो आप यहाँ पढ़ सकते हैं : मौर्यकाल मौर्यकालीन शब्दावली (GLOSSARY OF MAURYAN PERIOD) … Read More
वैदिक शब्दावली
इस पोस्ट में हम कुछ वैदिक शब्दवाली (Vedic Glossary) को आपके सामने परोसने जा रहे हैं जो आपकी परीक्षा में काम आयेंगे. प्रायः वैदिक शब्दावली से विभिन्न परीक्षाओं में प्रश्न आ ही जाते हैं. वैदिक शब्दावली (Glossary of Vedic Terms) अमाजू – अविवाहित लड़की जो जीवनभर कुँवारी रहती है असिकनी – चिनाब अजा – बकरी अवत् – कुएँ आवे – … Read More
चेदि वंश
अशोक ने कलिंग युद्ध में विजयी होने के बाद इस राज्य (कलिंग) को मौर्य साम्राज्य में मिलाया था परन्तु अशोक की मृत्यु के बाद अन्तिम मौर्य सम्राटों की कमजोरी से लाभ उठाकर चैत्रराज ने कलिंग को स्वतंत्र कर लिया था. चैत्रराज की तीसरी पीढ़ी में ही खारवेल हुआ जिसका वृतान्त हाथी गुम्फा के शिलालेख में विस्तृत रूप से दिया गया … Read More
पल्लव – चैप्टर 1/Class 11 |Tamil Nadu Board Study Material in Hindi
देखें यह विडियो जिसमें Tamil Nadu Board की 11वीं क्लास के चैप्टर “दक्षिण भारत का साम्राज्य – पल्लव 1(A)” का जिक्र किया गया है. इतिहास का यह चैप्टर आपकी परीक्षा के लिए बहुत ही महत्त्वपूर्ण है.
लिच्छवि साम्राज्य
वृज्जि या वज्जि संघ 16 महाजनपदों में से एक था. यदि आपने महाजनपद के बारे में नहीं पढ़ा, तो यह पोस्ट पढ़ें > महाजनपद. यह महाजनपद मगध के उत्तर में स्थित था. यह संघ आठ कुलों के संयोग से बना था और इनमें चार (विदेह, ज्ञातृक, वज्जि तथा लिच्छवि) कुल अधिक प्रमुख थे. वैशाली इस संघ की राजधानी थी. लिच्छवि … Read More
साहित्य के क्षेत्र में प्राचीन भारत का योगदान
प्राचीन भारत ने विश्व को अनेक महत्त्वपूर्ण ग्रन्थ प्रदान किये. उदाहरणार्थ, यहाँ चार वेदों की रचना हुई. ऋग्वेद उनमें प्राचीनतम वेद है. ऋग्वेद के अतिरिक्त तीन और वेद हैं जिनके नाम यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद भी उनकी देन हैं. इनके अलावा अनेक धार्मिक ग्रन्थ भी हैं, जैसे “ब्राह्मण” (वेद मन्त्रों की व्याख्या करने वाले ग्रन्थ), आरण्यक (ब्राह्मण ग्रन्थों के ही … Read More
कला के क्षेत्र में प्राचीन भारत की देन
प्राचीन भारत की कलाएँ आज भी कलाकारों के लिये प्रेरणा के साधन हैं. हमारे देश के शिल्पकारों ने अनेक क्षेत्रों में कलाकृतियाँ कीं. (1) जहाँ तक वास्तुकला का सम्बन्ध है, हड़प्पा संस्कृति की नगर योजना आज भी नगर निर्माण के लिये आदर्श है. उनकी जल-निकास योजनायें प्रशंसनीय थीं. वह लोग चित्रकला, मूर्तिकला व नृत्यकला से भी परिचित थे. उनकी समकालीन … Read More
हर्ष और उसका काल – Harsha’s Kingdom
गुप्त लोगों ने उत्तर प्रदेश और बिहार स्थित अपने सत्ता-केन्द्र से उत्तर और पश्चिम भारत पर छठी शताब्दी ई० के मध्य तक (लगभग 160 वर्षों तक) शासन किया. हूणों के आक्रमणों ने गुप्त साम्राज्य को कमजोर बना दिया. इसके पतन के बाद उत्तर भारत फिर अनेक छोटे-छोटे राज्यों में विभाजित हो गया. श्वेत हुणों ने कश्मीर, पंजाब और पश्चिमी भारत … Read More