मानवीय कृत्यों के नैतिक सिद्धांतों के दो मुख्य वर्ग हैं. पहला, कर्तव्यपरक दृष्टिकोण (स्वयं मानवीय कृत्यों पर आधारित) और परिणामवादी दृष्टिकोण (मानवीय कृत्यों के परिणामों पर आधारित). कर्तव्यपरक एवं परिणामवादी दृष्टिकोणों की तुलना हम इन दृष्टिकोणों की चर्चा नीतिशास्त्र की शाखाओं के वर्णन के समय कर चुके हैं. नीचे इन दो दृष्टिकोणों में कुछ तुलनात्मक अंतर दिए गए हैं – … Read More
नीतिशास्त्र की प्रकृति एवं विषय-क्षेत्र (Ethics Notes Part 1)
यूनानी शब्द Ethikos से उत्पन्न नीतिशास्त्र (Ethics) दर्शनशास्त्र की वह मुख्य शाखा है जो समाज द्वारा प्रतिस्थापित मानंदड एवं नैतिक सिद्धांतों के परिप्रेक्ष्य में उचित और अनुचित मानवीय कृत्यों एवं आचरण का अध्ययन करता है. इस प्रकार यह किसी व्यक्ति के नैतिक चरित्र तथा साथ ही स्वीकृत सिद्धांतों के अनुसार समाज उससे क्या अपेक्षा रखता है इसकी व्याख्या करता है. … Read More