मदन मोहन मालवीय (1861-1946 ई.) | Madan mohan malviya Biography in Hindi विगत 25 दिसम्बर को प्रधानमंत्री ने मदन मोहन मालवीय को उनकी 158वीं जयंती पर श्रधांजलि अर्पित की. मदन मोहन मालवीय कौन थे? वे एक प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी और समाज सुधारक थे. वे चार बार भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष रहे. उन्हें महामना की उपाधि दी गई थी. 2014 … Read More
शिवाजी की जीवनी – Biography of Chhatrapati Shivaji Maharaj in Hindi
शिवाजी की जीवनी | Biography of Chhatrapati Shivaji Maharaj in Hindi शिवाजी का जन्म शाहजी भोंसले की प्रथम पत्नी जीजाबाई की कोख से 10 अप्रैल, 1627 ई. को शिवनेर के दुर्ग में हुआ था. शिवनेर का दुर्ग पूना से उत्तर जुन्नार नगर के पास था. उनकी जन्म-तिथि के सम्बन्ध में इतिहासकारों के बीच मतभेद है. कई जन्म-तिथियों का उल्लेख किया … Read More
डॉ. अम्बेडकर की जीवनी, विचार और रचनाएँ | Baba saheb ambedkar biography in HIndi
डॉ. अम्बेडकर की जीवनी, विचार और रचनाएँ | Baba saheb ambedkar biography in HIndi आज हम डॉ. भीमराव अम्बेडकर की जयंती, 2021 (birth anniversary of Baba Saheb) के अवसर पर उनकी जीवनी, विचार और रचनाओं के बारे में जानेंगे. चलिए पढ़ते हैं – Ambedkar Biography को हिंदी में. आप चाहें तो इसका PDF भी डाउनलोड कर सकते हैं. Biography of … Read More
समाज-सुधारिका सावित्रीबाई फुले और उनका योगदान : Biography in Hindi
जनवरी 3 को भारतीय समाज सुधारक सावित्रीबाई फुले की जयंती मनाई जा रही है. सावित्रीबाई फुले से सम्बंधित मुख्य तथ्य महराष्ट्र के नयगाँव में जनवरी 3, 1831 को जन्मी सावित्रीबाई फुले को भारत की सबसे पहली महिलावादी (feminist) माना जाता है क्योंकि ब्रिटिश राज में उन्होंने स्त्रियों के शिक्षाधिकार के लिए बड़ा संघर्ष किया था. 1848 में वे भारत की … Read More
रॉबर्ट क्लाइव का शासनकाल, उपलब्धि, चरित्र और मृत्यु
#AdhunikIndia की पिछली सीरीज में हमने पढ़ा कि डूप्ले के जाने के बाद अंग्रेजों ने कैसे अपना पैर भारत में पसारा. हम लोगों ने निर्णायक युद्ध प्लासी और बक्सर के बारे में भी चर्चा की. जैसा मैंने पिछले पोस्ट में कहा था कि अगले पोस्ट में हम लोग पढेंगे – “रॉबर्ट क्लाइव ने अपनी दूसरी बार के शासन (1765-67) में … Read More
शेरशाह का प्रारम्भिक जीवन – Early life of Shershah
पानीपत और घाघरा की लड़ाई में विजय प्राप्तकर बाबर ने न केवल एक नए राजवंश की स्थापना की बल्कि अफगान शक्ति किक रीढ़ तोड़ डाली थी. दो बार की पराजय के फलस्वरूप अफगान शक्ति की रीढ़ तोड़ डाली थी. दो बार की पराजय के फलस्वरूप अफगान शक्ति बिखर चुकी थी. अफगान जातिगत स्वभाव के कारण क्रूर था. बचे-खुचे अफगान हताश … Read More