भारतीय संविधान का उद्देश्य विचार-अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वाधीनता सुनिश्चित करना है. इसलिए संविधान के अनुच्छेद 19 से लेकर 22 तक स्वतंत्रता के अधिकार (Right to Freedom)का उल्लेख किया गया है. इस सम्बन्ध में अनुच्छेद 19 सबसे अधिक जरुरी है. मूल संविधान के अनुच्छेद 19 द्वारा नागरिकों को 7 स्वतंत्रताएँ प्रदान की गई थीं और इनमें छठी स्वतंत्रता “सम्पत्ति … Read More
44th संविधान संशोधन, 1978 में क्या प्रावधान हैं?
भारत देश में संकट की स्थिति का सामना करने के लिए संविधान द्वारा राष्ट्रपति को विशेष शक्तियाँ प्रदान की गई हैं. राष्ट्रपति को ये संकटकालीन शक्तियाँ या दूसरे शब्दों में संविधान के संकटकालीन प्रावधान अब तक बहुत अधिक संशोधन-परिवर्तन के विषय रहे हैं. 1975 में लागू आपातकाल में 42nd Amendment (1976) के आधार पर संकटकालीन प्रावधानों को और अधिक कठोर … Read More
संविधान के मूल ढाँचे या आधारभूत सिद्धांतों की धारणा
संविधान के मूल ढाँचे की धारणा का आशय यह है कि संविधान की कुछ व्यवस्थायें अन्य व्यवस्थाओं की तुलना में अधिक महत्त्वपूर्ण हैं, वे संविधान के मूल ढाँचे के समान हैं और समस्त संवैधानिक व्यवस्था उन पर आधारित है. आइये जानते हैं – Concept of the basic structure or the basic principles of the Constitution in Hindi. केशवानन्द भारती बनाम केरल राज्य … Read More
73वाँ संविधान संशोधन अधिनियम का महत्त्व और विशेषताएँ
भारतीय संविधान में 73rd संविधान संशोधन अधिनियम (73rd Amendment Act) ने एक नया भाग IX सम्मिलित किया है. इसे The Panchayats नाम से उल्लेखित किया गया और अनुच्छेद 243 से 243(O) के प्रावधान सम्मिलित किये गए. इस कानून ने संविधान में एक नयी 11वीं अनुसूची भी जोड़ी. इसमें पंचायतों की 29 कार्यकारी विषय वस्तु हैं. इस कानून ने संविधान के … Read More
भारतीय संविधान की मूलभूत संरचना से सम्बंधित Landmark Cases
सर्वोच्च न्यायालय ने कई मामलों में बताया है कि संविधान के आधारभूत ढाँचे में कौन-कौन से तत्व उपस्थित हैं. यह सूची सर्व-समावेशी (all inclusive) या अंतिम (final) न हो कर सिर्फ examples के लिए हैं. न्यायालय समय-समय पर कुछ तत्वों को इस सूची में शामिल करता रहा है और भविष्य में भी कर सकता है. आज हम कुछ ऐसे ही … Read More
विदेशी निवासियों के विशेष दर्जे (Special Statuses of Foreign Residents)
जो लोग विदेश में रहते हैं, उनको भारत सरकार नागरिकता से भिन्न एक विशेष दर्जा देती है, जिसका सम्बन्ध उस व्यक्ति को भारत सरकार की ओर से मिलने वाली सुविधाओं से होता है. विशेष दर्जों में ये तीन दर्जे महत्त्वपूर्ण हैं – अनिवासी भारतीय (NRI- Non-Residents Indians) भारतीय मूल के व्यक्ति (PIO – Persons of Indian Origin) भारत के समुद्रपारीय … Read More
न्यायालय द्वारा जारी रिट के प्रकार – Types of Writs in Hindi
संवैधानिक उपचारों सम्बन्धी मूलाधिकार का प्रावधान अनुच्छेद 32-35 तक किया गया है. संविधान के भाग तीन में मूल अधिकारों का वर्णन है. यदि मूल अधिकारों का राज्य द्वारा उल्लंघन किया जाता है तो राज्य के विरुद्ध न्याय पाने के लिए संविधान के अनुच्छेद 32 के अंतर्गत उच्चतम न्यायालय में और अनुच्छेद 226 के अधीन उच्च न्यायालय में रिट (writ) याचिका … Read More
भारतीय संविधान में संशोधन कैसे किए जाते हैं? Process of Amendment in Hindi
संविधान देश की मूलभूत विधि होता है, यह राज्य के शासनतंत्र को उपबंधित करता है और सामजिक अस्तित्व के लिए एक ठोस ढाँचा प्रस्तुत करता है. किसी देश के संविधान का अपरिवर्तनशील होना उसके विकास को कुंठित करता है. प्रगतिशील समाज की आर्थिक, सामजिक और राजनीतिक समस्याओं का समाधान करने के लिए संविधान में समय-समय परिस्थिति के अनुकूल संशोधन की … Read More
आपातकाल : संवैधानिक प्रावधान, परिस्थितियाँ एवं प्रभाव
[vc_row 0=””][vc_column][vc_column_text 0=””]जर्मनी के संविधान के राष्ट्रपति की तरह भारत के राष्ट्रपति (राष्ट्रपति <<के बारे में पढ़ें) को भी संकटकाल/आपातकाल (emergency) में उत्पन्न कठिनाइयों का समाधान करने के लिए अत्यंत ही विस्तृत और निरंकुश अधिकार दिए गए हैं. जब राष्ट्रपति आपातकाल की घोषणा करेगा तब उसके हाथों में ऐसे बहुत-से अधिकार आ जायेंगे जो उसे साधारण स्थिति में प्राप्त नहीं हैं. आपातकाल … Read More
संविधान का 74th संशोधन अधिनियम, 1992
1992 ई. में संविधान का 74वाँ संशोधन हुआ और संविधान में एक नया भाग IX A जुट गया. इसके अंतर्गत नगरपालिकाओं के संगठन एवं कार्य के सम्बन्ध में एक निश्चित दिशा-निर्देश दिया गया है. इसके अनुसार नगरपालिकाओं की निम्नलिखित विशेषताओं का उल्लेख किया जा सकता है – Main characteristics of the municipalities according to 74th Amendment Act i) प्रत्येक राज्य … Read More