मानव समाज भले ही विकसित हो रहा हो मगर उसके इस विकास के इंजन ने पृथ्वी को इतना कलुषित कर दिया है कि अब साँस लेना भी मुश्किल हो गया है. ग्लेशियर पिघल रहे हैं, जल-स्तर बढ़ रहा है, गर्मी पूरी धमक के साथ अपनी मौजूदगी दर्ज कराने लगी है. स्वयं को पृथ्वी का सर्वश्रेष्ठ जीव मानने वाले मनुष्य ने … Read More