शिवाजी की विजयें और प्रमुख सफलताएँ | Shivaji ki vijay ka vivaran dijiye

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शिवाजी की विजयें और प्रमुख सफलताएँ | Shivaji ki vijay ka vivaran dijiye शिवाजी ने 1645-47 ई. के मध्य जिन तीन किलों पर अधिकार किया वे पहाड़ी दुर्ग थे. कुछ समय बाद (1656 ई. में) उन्होंने जावली (Jawali) पर विजय की. यह विजय शिवाजी के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण विजय थी. इस विजय के बाद – अब उनके लिए अपने राज्य … Read More

भारतीय इतिहास में ऐतिहासिक कथन | Historical statements in Indian History in Hindi 2025

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Famous Statements in Indian History in Hindi इस पोस्ट में हम कुछ ऐतिहासिक कथनों (historical statements) का उल्लेख करेंगे जो भारतीय इतिहास – “प्राचीन, मध्यकालीन और आधुनिक इतिहास” में कुछ महान या प्रसिद्ध व्यक्तित्वों, इतिहासकारों आदि ने बोला है या किसी पौराणिक कथाओं, महाकाव्यों, वेदों व अन्य ऋचाओं में उद्धृत हैं. UPSC मेंस आंसर राइटिंग में इस तरह के statement … Read More

सविनय अवज्ञा आन्दोलन | Dandi March in Hindi

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Civil disobedience movement in Hindi नमस्कार मित्रों! आज हम सविनय अवज्ञा आन्दोलन (Civil Disobedience Movement) और दांडी मार्च (Dandi Yatra) के बारे में पढेंगे. असहयोग आन्दोलन के पश्चात् भी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का संघर्ष चलता रहा और 1930 ई. तक कांग्रेस ने भारत की स्वतंत्रता के लिए सरकार से कई माँगें कीं, लेकिन कांग्रेस की सभी माँगें सरकार द्वारा ठुकरा दी … Read More

चित्तरंजन दास (1870-1925 ई.) | Chittaranjan Das Biography in Hindi

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चित्तरंजन दास (1870-1925 ई.) | Chittaranjan Das Biography in Hindi चित्तरंजन दास का प्रारम्भिक जीवन (Biography) बंगाल के इने-गिने प्रसिद्ध वकीलों में देशबन्धु चित्तरंजन दास का नाम था. उनका जन्म 1870 ई. में मुंशीगंज जिले, बांग्लादेश में हुआ था. उनके पिता का नाम भुवन मोहन दास और माता का नाम निस्तारिणी देवी था. इनका जन्म एक वैद्य-ब्राहमण परिवार में हुआ … Read More

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) का जन्म | Indian National Congress in Hindi 2025

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भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) का जन्म | Indian National Congress in Hindi 1857 की क्रांति के पश्चात् भारत में राष्ट्रीयता की भावना का उदय तो अवश्य हुआ लेकिन वह तब तक एक आन्दोलन का रूप नहीं ले सकती थी, जबतक इसका नेतृत्व और संचालन करने के लिए एक संस्था मूर्त रूप में भारतीयों के बीच नहीं स्थापित होती. सौभाग्य से … Read More

मदन मोहन मालवीय (1861-1946 ई.) | Madan mohan malviya Biography in Hindi

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मदन मोहन मालवीय (1861-1946 ई.) | Madan mohan malviya Biography in Hindi विगत 25 दिसम्बर को प्रधानमंत्री ने मदन मोहन मालवीय को उनकी 158वीं जयंती पर श्रधांजलि अर्पित की. मदन मोहन मालवीय कौन थे? वे एक प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी और समाज सुधारक थे. वे चार बार भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष रहे. उन्हें महामना की उपाधि दी गई थी. 2014 … Read More

प्रार्थना समाज – 1867 ई. | Prarthana samaj in Hindi

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प्रार्थना समाज – 1867 ई. | Prarthana samaj in Hindi आज हम जानेंगे प्रार्थना समाज के विषय में. इस पोस्ट को ध्यान से अंत तक पढ़ें. प्रार्थना समाज | Prathna samaj ki sthapna kisne ki बंगाल की ही तरह महाराष्ट्र में भी सुधारवादी लहर उठी. 1837 ई० में ही प्रकाशित एक पत्रिका द्वारा मराठा ब्राह्मणों का ध्यान विधवा-विवाह की ओर … Read More

प्रथम विश्वयुद्ध का भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव | Pratham vishva yuddh ka bharat per kya prabhav pada

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Pratham vishva yuddh ka bharat per kya prabhav pada प्रथम विश्वयुद्ध का भारतीय अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव पड़ा. प्रथम विश्वयुद्ध के विषय में यहाँ पढ़ें > प्रथम विश्वयुद्ध. प्रथम विश्वयुद्ध का भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव |  युद्ध के दौरान कारखानों और मजदूरों की संख्या में तीव्रता से बढ़ोतरी हुई. 1914 ई. में जहाँ कारखानों में कार्यरत मजदूरों की संख्या 9,50,973 … Read More

गोपाल कृष्ण गोखले (1866-1915 ई.) | Gopal krishna gokhale in hindi

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गोपाल कृष्ण गोखले (1866-1915 ई.) | Gopal krishna gokhale in hindi गोपाल कृष्ण गोखले का जन्म 9 मई, 1866 ई. को महाराष्ट्र के कोल्हापुर में एक निर्धन ब्राह्मण परिवार में हुआ था. 1884 ई. में बी.ए. की परीक्षा पास करने के बाद वे 18 वर्ष की आयु में अध्यापक बने. आगे चलकर गोपाल कृष्ण गोखले फरग्यूसन कॉलेज पूना के अध्यापक … Read More

लॉर्ड कर्जन (1899-1905) : आन्तरिक नीति (Domestic Policy)

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Lord karjan ki aantrik niti ki samiksha kijiye लॉर्ड कर्जन भारत के योग्य एवं प्रभावशाली ब्रिटिश शासकों में अपना स्थान रखता है. कम्पनी के शासन की समाप्ति के उपरान्त जितने भी वायसराय भारत में आये उनमें लॉर्ड कर्जन सबसे अधिक योग्य था. वह यद्यपि 1899 ई० में वायसराय के पद पर प्रतिष्ठित हुआ तथापि उसके पहले भी वह कई बार … Read More