आज हम ल्हासा की संधि (Treaty of Lhasa) के बारे में जानेंगे. यह कब हुआ, किनके बीच और किन परिस्थतियों (causes) में हुआ, इन सब के विषय में चर्चा करेंगे. भूमिका लॉर्ड कर्जन की तिब्बत सम्बन्धी नीति उसके वायसराय काल की एक महत्त्वपूर्ण घटना है. गवर्नर जनरल लॉर्ड वारेन हेस्टिंग्स के समय में ब्रिटिश सरकार तिब्बत के साथ व्यापारिक सम्बन्ध … Read More
चित्तरंजन दास (1870-1925 ई.) Biography in Hindi
चित्तरंजन दास का प्रारम्भिक जीवन (Biography) बंगाल के इने-गिने प्रसिद्ध वकीलों में देशबन्धु चित्तरंजन दास का नाम था. उनका जन्म 1870 ई. में मुंशीगंज जिले, बांग्लादेश में हुआ था. उनके पिता का नाम भुवन मोहन दास और माता का नाम निस्तारिणी देवी था. इनका जन्म एक वैद्य-ब्राहमण परिवार में हुआ था. कांग्रेस के प्रति आकर्षण होने के बाद चित्तरंजन दास … Read More
पंडित मोतीलाल नेहरू (1861-1931) Biography in Hindi
मोतीलाल नेहरू का प्रारम्भिक जीवन पंडित मोतीलाल नेहरू का जन्म 6 मई, 1861 ई. को हुआ था. मोतीलाल नेहरू के पूर्वज कश्मीर से आकर इलाहाबाद में बस गए थे. मोतीलाल नेहरू उत्तर प्रदेश के एक प्रसिद्ध वकील थे. उन्होंने स्वदेशी आन्दोलन से आकृष्ट होकर राजनीति में प्रवेश किया. उन्होंने 1912 ई. में इन्डेपेंडेंट (Independent) नामक एक पत्र का प्रकाशन इलाहाबाद से … Read More
मदन मोहन मालवीय (1861-1946 ई.) – Biography in Hindi
विगत 25 दिसम्बर को प्रधानमंत्री ने मदन मोहन मालवीय को उनकी 158वीं जयंती पर श्रधांजलि अर्पित की. मदन मोहन मालवीय कौन थे? वे एक प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी और समाज सुधारक थे. वे चार बार भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष रहे. उन्हें महामना की उपाधि दी गई थी. 2014 में उन्हें मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया था. वे हिंदी … Read More
पबना विद्रोह 1873-76 (Pabna Peasant Revolt in Hindi)
19वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में बंगाल के पबना नामक जगह में भी किसानों ने जमींदारी शोषणों के विरुद्ध विद्रोह किया था. पबना राजशाही राज की जमींदारी के अन्दर था और यह वर्धमान राज के बाद सबसे बड़ी जमींदारी थी. उस जमींदारी के संस्थापक राजा कामदेव राय थे. पबना विद्रोह (Pabna Revolt) जितना अधिक जमींदारों के खिलाफ था उतना सूदखोरों और महाजनों … Read More
पिट्स इंडिया एक्ट (The Pitt’s India Act, 1784) in Hindi
Regulating Act की कमजोरियों को दूर करने और अंग्रेजों के हितों की रक्षा करने के लिए 1784 ई. में ब्रिटिश संसद ने पिट्स इंडिया एक्ट (Pitt’s India Act) पास किया. इस एक्ट ने कंपनी का मामलों और भारत में उसके प्रशासन पर ब्रिटिश सरकार को सर्वोपरि नियंत्रण का अधिकार दे दिया. आइये जानते हैं Proposals, Significance and Features of Pitt’s … Read More
लाला लाजपत राय का जीवन और भारतीय इतिहास में उनका स्थान
कांग्रेस के उग्रवादी नेताओं में लाला लाजपत राय का बहुत ही महत्त्वपूर्ण स्थान है. तिलक की ही भाँति पंजाब में लाला लाजपत राय ने नयी सामाजिक और राजनीतिक चेतना लाने की कोशिश की. पंजाब के रहने वाले लोग लाला लाजपत राय को श्रद्धा से “पंजाब केसरी (Punjab Kesari)” कहते थे. लाला लाजपत राय की जीवन लाला लाजपत राय का जन्म … Read More
सहायक संधि – Lord Wellesley’s Subsidiary Alliance in Hindi
Lord Wellesley एक बहुत बड़ा साम्राज्यवादी था. साम्राज्यवादी से हमारा तात्पर्य है कि अपने साम्राज्य को फैलाने वाला. यानी Lord Wellesley चाहता था कि कम्पनी का शासन (East India Company) पूरे भारत में हो. क्या आपको पता है कि Lord Wellesley कब से कब तक भारत का Governor General रहा? नहीं पता तो पता कीजिए, यही सब चीजें तो परीक्षा … Read More
मोपला विद्रोह (The Moplah Rebellion – 1921) in Hindi
पूर्व बंगाल के पबना नामक स्थान के ही समान मद्रास प्रेसिडेंसी के मालाबार में मोपला का विद्रोह हुआ जिसे मालाबार विद्रोह (Malabar rebellion) भी कहते हैं. यदि आपसे Prelims परीक्षा में पूछा जाए कि मोपला विद्रोह (Moplah Rebellion) कहाँ हुआ तो इसका जवाब है मद्रास! खैर, मालाबार एक मुस्लिम बहुसंख्यक इलाका था. ये मुसलमान मोपला के नाम से जाने जाते थे. … Read More
बिरसा मुंडा आन्दोलन – Birsa Munda Movement in Hindi
1857 ई. के बाद मुंडाओं ने सरदार आन्दोलन चलाया जो एक शांत प्रकृति का आन्दोलन था. पर इससे आदिवासियों की स्थिति में कोई ख़ास परिवर्तन नहीं आया. मुंडाओं ने आगामी आन्दोलन को उग्र रूप देने का निर्णय लिया. सरदार आन्दोलन के ठीक विपरीत बिरसा मुंडा आन्दोलन उग्र और हिंसक था. इस आन्दोलन के नेता बिरसा मुंडा (Birsa Munda), एक पढ़े-लिखे … Read More