आत्म निर्भर भारत अभियान के लिए आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज की तीसरी किस्त की घोषणा केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने की है.
ज्ञातव्य है कि 12 मई, 2020 को प्रधानमंत्री ने 20 लाख करोड़ रु. के एक विशेष आर्थिक एवं व्यापक पैकेज की घोषणा की थी, जो राशि भारत की GDP की 10% होती है. वित्त मंत्री द्वारा घोषित तीसरी किस्त इसी पैकेज का एक हिस्सा है.
तीसरी किस्त में किसपर बल दिया गया है?
- अवसंरचना से सम्बंधित माल परिवहन
- क्षमता निर्माण
- कृषि, मत्स्यपालन और खाद्य प्रसंस्करण के लिए प्रशासनिक सुधार
उपाय जो घोषित हुए
कृषि अवसरंचना
- किसानों के लिए फार्म गेट अवसरंचना हेतु 1 लाख करोड़ रु. की कृषि अवसंरचना निधि
- सूक्ष्म खाद्य उद्यमों (Micro Food Enterprises – MFE) को औपचारिक बनाने के लिए 10 हजार करोड़ रु. की योजना
- प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) के माध्यम से मछुआरों को 20 हजार करोड़ रु.
- मवेशियों को होने खुरहा और मुख रोग (Foot and Mouth Disease – FMD) तथा ब्रूसेलॉसिस के लिए राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम का अनावरण.
- 15 हजार करोड़ रु. से पशुपालन अवसंरचना विकास निधि की स्थापना.
- जड़ीबूटियों को उगाने को प्रोत्साहित करने के लिए 4,000 करोड़ रु. की व्यवस्था.
- मधुपालन के लिए 500 करोड़ रु.
- खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की योजना ऑपरेशन ग्रीन्स के अन्दर टमाटर, प्याज और आलू के साथ-साथ सभी फलों और सब्जियों का समावेश.
प्रशासनिक सुधार के उपाय
- आवश्यक वस्तु अधिनियम (Essential Commodities Act) में ऐसे सुधार लाये जायेंगे जिनसे किसानों को अपने उत्पाद का बेहतर दाम मिले.
- किसान अपने उत्पाद अच्छे दाम पर बेच सकें और एक राज्य से दूसरे राज्य में बधारहित व्यापार कर सकें, इसके लिए पर्याप्त विकल्प का प्रावधान करने हेतु एक केन्द्रीय कानून बनाया जाएगा.
- प्रसंस्करणकर्ताओं, एग्रीगेटरों, बड़े खुदरा व्यापारियों, निर्यातकों आदि किसान के साथ उचित और पारदर्शी ढंग से पेश आयें, इसके लिए कानून बनाया जायेगा.
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