Time to care report 2020
ऑक्सफैम इंटरनेशनल नामक संस्था ने टाइम टू केयर शीर्षक से एक प्रतिवेदन प्रकाशित किया है जो वैश्विक निर्धनता के निवारण से सम्बंधित है.
टाइम टू केयर रिपोर्ट प्रतिवेदन के मुख्य निष्कर्ष
- 2019 में संसार-भर में 2,153 अरबपति थे. पिछले दशक में अरबपतियों की संख्या दुगुनी हो गई, परन्तु उनके सम्पूर्ण धन की मात्रा 2018 में घट गई थी.
- विश्व के सबसे धनी 1% लोगों के पास जो संपत्ति है, वह 6.9 बिलियन लोगों की सम्पत्ति से दुगुनी से भी अधिक है.
- 2011 से 2017 के बीच G7 देशों में औसत पारिश्रमिक 3% बढ़ा, वहीं धनी शेयधारकों को मिलने वाले प्रतिलाभ में 31% की वृद्धि हुई.
- पूरे विश्व में अत्यधिक निर्धनता की दरें पुरुषों की तुलना में स्त्रियों में 4% अधिक हैं और यह अंतराल उस समय बढ़कर 22% हो जाता है जब ये स्त्रियाँ कामकाज के लिए सबसे अधिक फलदायी होती हैं और ये प्रजनन के उम्र के अन्दर होती हैं.
- संसार में 42% कामकाज की उम्र वाली स्त्रियाँ बिना भुगतान के काम करती हैं जबकि पुरुषों में यह 6% होता है. ऐसा इसलिए होता है कि महिलाओं के कई दायित्व ऐसे होते हैं जिनके लिए उनको पैसा नहीं मिलता.
- 15 वर्ष और उससे अधिक की उम्र वाली स्त्रियाँ जो बिना भुगतान के काम किया करती हैं, यदि उसका मोल निकाला जाए तो प्रतिवर्ष विश्व में 10.8 ट्रिलियन डॉलर का भुगतान का होना चाहिए था. यह राशि विश्व के तकनीक उद्योग के आकार से तीन गुनी बड़ी है.
- संसार में घर में काम करने वाले लोगों में 80% स्त्रियाँ ही होती हैं. इनमें भी 90% के पास मातृत्व सुरक्षा जैसी सामाजिक सुरक्षा और अन्य लाभ उपलब्ध नहीं होते.
भारत से सम्बंधित निष्कर्ष
- भारत के सबसे अधिक धनवान् 1% लोगों के पास देश की जनसंख्या के 70% लोगों की तुलना में चार गुनी अधिक संपत्ति है.
- भारत के 63 अरबपतियों की पूर्ण सम्पत्ति को यदि जोड़ दिया जाए तो यह 2018-19 वित्तीय वर्ष के संघीय बजट (24,42,200 करोड़) से भी अधिक होगी.