यूरेशिया ग्रुप नामक अमेरिका की एक प्रभावशाली आकलन कम्पनी ने टॉप रिस्क 2020 शीर्षक प्रतिवेदन प्रकाशित कर दिया है.
टॉप रिस्क 2020 प्रतिवेदन – मुख्य निष्कर्ष
भारत के सन्दर्भ में :-
- भू-राजनैतिक जोखिम की दृष्टि से भारत विश्व का पाँचवाँ सबसे बड़ा जोखिम माना गया है.
- प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल में आर्थिक प्रगति पर ध्यान न देकर कई सामाजिक विवादास्पद नीतियों को बढ़ावा दिया है.
- इसके परिणामस्वरूप 2020 में सामुदायिक और पन्थगत अस्थिरिता तो होगी ही, साथ ही विदेश नीति और आर्थिक नीति को भी धक्का पहुंचेगा.
- देश की तिमाही वृद्धि 4.5% है जो छह वर्षों में सबसे कम है. ऐसी स्थिति में मोदी के पास संरचनात्मक सुधार करने के लिए जगह कम बची है.
- अर्थव्यवस्था के दुर्बल पड़ने से आर्थिक राष्ट्रवाद और संरक्षणवाद को बढ़ावा मिलेगा जो 2020 में भारत के लिए अड़चन सिद्ध होगा.
विश्व के सन्दर्भ में :-
- अमेरिका को इस प्रतिवेदन में इस वर्ष का सबसे बड़ा भू-राजनैतिक जोखिम माना गया है.
- यह वर्ष अमेरिका के लिए सबसे उथल-पुथल का वर्ष होगा क्योंकि यहाँ महाभियोग चल रहा है और न्यायालय में अनेक चुनौतियाँ निर्णय हेतु पड़ी हुई हैं. साथ ही आगामी चुनाव को कुछ लोग अवैध मानेंगे.
- विदेश नीति का परिवेश भी अवांछनीय होगा.
- अमेरिका और चीन के बीच तनाव इस वर्ष बने रहेंगे जिससे विश्व स्तर पर चुनतियाँ खड़ी होंगी.
- फलस्वरूप सुरक्षा, प्रभाव और मान्यताओं को लेकर खुला टकराव देखने को मिलेगा.
- अनेक देश और सरकारें बहुराष्ट्रीय निगमों के प्रति कठोरता अपनाएंगे और नियमावलियों में कट्टर राष्ट्रवाद के तत्त्व डालेंगे.
- अमेरिका और चीन के द्वारा प्रदर्शित एकपक्षीयता यूरोपीय संघ को भी कष्ट में डालेगी.
- जलवायु परिवर्तन का दुष्प्रभाव कम्पनियों और देशों पर समान रूप से पड़ेगा जिससे कार्बन उत्सर्जन को नियंत्रित करना कठिन होगा.
- शिया देश स्थानीय अस्थिरता उत्पन्न करेंगे.
- तुर्की वर्चस्व दिखाना चाहता है जोकि मध्य-पूर्व के लिए एक संकट खड़ा कर सकता है.
- लैटिन अमेरिका में अस्थिरता और विप्लव का जोखिम बना हुआ है.
Tags : Eurasia Group released its report titled “Top Risks 2020”.