UNESCO की दृष्टि में किस भाषा को संकटग्रस्त कहेंगे?

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पिछले दिनों न्यूयॉर्क टाइम्स नामक पत्रिका ने यह सूचना दी कि नेपाल की लुप्तप्राय भाषा “सेके” के बोलने वाले विश्व में अब मात्र 700 ही रह गये हैं.

सेके और उसकी विलुप्ति का खतरा

संकटग्रस्त भाषा संघ (Endangered Language Alliance – ELA) के अनुसार सेके  नेपाल की सौ देशज भाषाओं में से एक है. कुछ वर्षों से नेपाल की सरकारी भाषा नेपाली के समक्ष सेके  पिछड़ रही है क्योंकि नेपाल में गाँवों के बाहर शिक्षा और रोजगार के अवसर नेपाली भाषा को ही पढ़ने से मिल सकते हैं. ELA के अनुसार, घर की विषम परिस्थितियों और अन्यत्र आजीविका की संभावना के चलते सेके  बोलने वाले पोखरा, काठमांडू और यहाँ तक न्यूयॉर्क तक चले गये हैं. इस प्रकार हम कह सकते हैं कि यह भाषा लोगों के अन्यत्र ऐसी जगहों पर चले जाने से संकट में आ गई है जहाँ यह भाषा बोली नहीं जाती है क्योंकि वहाँ इस भाषा को बोलने और अगली पीढ़ी तक पहुँचाने का परिवेश प्राप्त नहीं होता. इसके अतिरिक्त सेके  बोलने वाले परिवारों के छोटे बच्चे इस भाषा को न सीखते हुए नेपाली और अंग्रेजी पर अधिक ध्यान दे रहे हैं.

UNESCO की दृष्टि में किस भाषा को संकटग्रस्त कहेंगे?

UNESCO के अनुसार, किसी भाषा के संकटग्रस्त होने की छह कोटियाँ होती हैं जो निम्नलिखित हैं –

  1. सुरक्षित (Safe languages) :- वैसी भाषाएँ जो सभी पीढ़ियों द्वारा बोली जाती हैं और बिना बाधा के एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक चलती जाती हैं.
  2. संकटग्रस्त (Vulnerable languages) :- ये वैसी भाषाएँ हैं जिनको अधिकांश बच्चे बोलते तो हैं, परन्तु इनका प्रयोग सर्वत्र नहीं होता.
  3. निश्चित रूप से संकटग्रस्त (Definitely endangered languages) :- जिस भाषा को बच्चे अपनी मातृभाषा के रूप में नहीं सीख रहे हैं उसको निश्चित रूप से संकटग्रस्त भाषा कहा जाता है.
  4. विकट रूप से संकटग्रस्त (Severely endangered are languages) :- ये ऐसी भाषाएँ हैं जिनको दादा-दादी और पुराने लोग बोलते हैं और माता-पिता समझते हैं, परन्तु वे स्वयं इस भाषा में आपस में अथवा बच्चों से बात नहीं करते हैं.
  5. अतिशय संकटग्रस्त (Critically endangered languages) :- अतिशय संकटग्रस्त भाषा वह भाषा है जिसको दादा-दादी अथवा घर के बूढ़े लोग सदैव नहीं बोलते, अपितु कभी-कभार ही प्रयोग में लाते हैं.
  6. विलुप्त (Extinct languages) :- जब किसी भाषा के बोलने वाले कोई नहीं बचते तो उस भाषा को विलुप्त भाषा कहा जाता है.

उपर्युक्त कसौटी पर कसने पर यह स्पष्ट हो जाता है कि “सेके” भाषा एक “निश्चित रूप से संकटग्रस्त भाषा” की कोटि  में आता है.

विश्वभर में संकटग्रस्त भाषाओं की स्थिति

2019 को संयुक्त राष्ट्र ने अंतर्राष्ट्रीय देशज भाषा वर्ष (International Year of Indigenous Languages) घोषित किया था.

UNESCO के अनुसार, विश्व-भर में छह हजार भाषाएँ हैं. उनमें 57% पर कोई खतरा नहीं है, परन्तु 10% संकटग्रस्त, 10.7% निश्चित रूप से संकटग्रस्त, 9% विकट रूप से संकटग्रस्त, 9.6% अतिशय संकटग्रस्त और 3.8% विलुप्त हैं.

संकटग्रस्त भाषा परियोजना (Endangered Languages Project – ELP) के अनुसार, संकटग्रस्त भाषाओं की संख्या भारत में 201 और नेपाल में 70 है.

Tags : About Endangered languages and Nepal language Seke. Endangered languages- concerns, challenges and ways to address them.

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