असंसदीय भाषण एवं आचरण – What is ‘unparliamentary’ speech and conduct? Explained in Hindi

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What is ‘unparliamentary’ speech and conduct? – Explained in Hindi

बजट सत्र के दौरान संसद में कई बार असंसदीय भाषण एवं आचरण (“unparliamentary” speech and conduct) को लेकर कहा-सुनी हुई.

सांसदों के भाषण पर कौन-सी रोकें लागू हैं?

संविधान के अनुच्छेद 105(2) के प्रावधान के बावजूद कोई सांसद कुछ भी कहता है तो उसपर संसदीय नियमावली का अनुशासन, सदस्यों की भद्र बुद्धि और अध्यक्ष द्वारा कार्यवाही पर नियंत्रण लागू होते हैं.

ये वैसी रोकें हैं जिनसे सुनिश्चित होता है कि कोई सांसद मानहानिपूर्ण अथवा अभद्र अथवा गरिमाहीन अथवा असंसदीय शब्दों (defamatory or indecent or undignified or unparliamentary words) का सदन में प्रयोग नहीं कर सके.

सम्बंधित नियम

लोकसभा प्रक्रिया एवं कारोबार संचालन नियमावली का नियम 380 विलोपन से सम्बंधित है. यदि अध्यक्ष सोचता है कि विवाद में प्रयुक्त शब्द मानहानिपूर्ण अथवा अभद्र अथवा असंसदीय अथवा गरिमाहीन है तो वह अपना विवेक का प्रयोग करते हुए उस शब्द को सदन की कार्यवाही से विलोपित कर सकता है.

नियम 381 कहता है कि सदन की कार्यवाही से विलोपित अंश पर तारक चिन्ह लगा दिए जाते हैं और पृष्ठ के नीचे यह लिख व्याख्यात्मक पादटिप्पणी लिख दी जाती है – “अध्यक्ष के आदेश से विलोपित (Expunged as ordered by the Chair).”

असंसदीय कथन क्या हो सकते हैं?

  • कौन-सा शब्द असंसदीय है यह लोकसभा अध्यक्ष या राज्यसभा के सभापति के विवेक पर निर्भर है. परन्तु लोकसभा सचिवालय ने एक मोटी पुस्तक ही निकाली है जिसका शीर्षक है – “असंसदीय अभिव्यक्तियाँ”. इस पुस्तक के 2004 वाले संस्करण में 900 पृष्ठ थे.
  • इसी पुस्तक से राज्य विधायिकाओं का काम भी चलता है क्योंकि इस पुस्तक में विधानसभाओं और विधानपरिषदों में प्रयोग हुए असंसदीय शब्दों और मुहावरों की भी सूची दी हुई है.
  • “scumbag”“शिट”, “बदमाशी”, “बुरा” (उदाहरण – अमुक सांसद बुरा आदमी है). इस सूची में “bandicoot” भी है जिसका प्रयोग यदि कोई सांसद अपने लिए करता है तो वह चलेगा, परन्तु यदि वह दूसरे सांसद के लिए करता है तो वह असंसदीय माना जाएगा.
  • यदि अध्यक्षता कोई महिला कर रही है तो सांसद उसको प्रिय अध्यक्षा (beloved Chairperson) कह कर संबोधित नहीं कर सकता है.
  • सरकार या किसी सांसद पर इन चीजों का आरोप नहीं लग सकता है – “bluffing”, “Bribe”, “blackmail”, “bribery”, “thief”, “thieves”, “dacoits”, “bucket of shit”, “damn”, “deceive”, “degrade”, और “darling”.
  • सांसदों या अध्यक्षों पर इस प्रकार के आरोप नहीं लग सकते हैं – “double minded”, “double standards”, “doubtful honesty”, “downtrodden”, “double talk”, “lazy”, “lousy”, “nuisance” या “loudmouth”.
  • सरकार को यह नहीं कहा जा सकता – अंधी-गूंगी, अली बाबा और 40 चोर, अंगूठाछाप, अजायबघर के लायक आदि.

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