UPPSC (उत्तर प्रदेश सिविल सेवा परीक्षा) से पूछे गए कुछ सवालों को आपके सामने परोस रहा हूँ. ये सारे सवाल History से related हैं जो UPPSC 2002-2010 में पूछे गए थे. कई बार questions repeat होते हैं. Questions के answers दे दिए गए हैं. आप कितना स्कोर करते हो वह कमेंट में लिखना न भूलना. और भी MCQ इस Page में हैं, अलग विंडो में खोलें >> Hindi QUIZ Good Luck!!!
UPPSC MCQ Collection Part 2
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Question 1 |
"गोरख पहाड़" पर चट्टानों को काटकर निर्मित 24 तीर्थंकरों की प्रतिमाओं हेतु विख्यात है -
कौशाम्बी | |
महोबा | |
श्रावस्ती | |
देवगढ़ |
Question 2 |
प्राचीन काल में आर्यों के जीविकोपार्जन का मुख्य साधन था -
शिकार | |
कृषि | |
शिल्पकर्म | |
व्यापार |
Question 3 |
राख का टीला निम्नलिखित में से किस नवपाषाणिक स्थल से सम्बंधित है?
बुदिहाल | |
संगन कल्लू | |
कोलडिहवा | |
ब्रह्मगिरी |
Question 3 Explanation:
कर्नाटक में मैसूर के पास वेल्लारी जनपद में स्थित संगन कल्लू नामक नपाषाणकालीन पुरास्थल से राख का टीला मिला है।
Question 4 |
गोत्र शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम हुआ था -
अथर्ववेद | |
ऋग्वेद | |
सामदेव | |
यजुर्वेद |
Question 5 |
भारतीय प्रतीक पर उत्कीर्ण "सत्यमेव जयते" लिया गया है -
ऋग्वेद से | |
मत्स्यपुराण से | |
मुण्डकोपनिषद से | |
अंगुत्तर निकाय से |
Question 5 Explanation:
सत्यमेव जयते भारत का ‘राष्ट्रीय आदर्श वाक्य’ है, जिसका अर्थ है- “सत्य की सदैव ही विजय होती है”। यह भारत के राष्ट्रीय प्रतीक के नीचे देवनागरी लिपि में अंकित है।
सम्पूर्ण भारत का आदर्श वाक्य ‘सत्यमेव जयते’ उत्तर भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश के वाराणसी के निकट स्थित सारनाथ में 250 ई. पू. में मौर्य सम्राट अशोक द्वारा बनवाये गए सिंह स्तम्भ के शिखर से लिया गया है, किंतु इस शिखर में यह आदर्श वाक्य नहीं है। ‘सत्यमेव जयते’ मूलतः ‘मुण्डकोपनिषद’ का सर्वज्ञात मंत्र है।
Question 6 |
कलिंग नरेश खारवेल किस वंश से सम्बंधित था?
कदम्ब | |
चेदि | |
हर्यक | |
कलिंग |
Question 7 |
भारत में मुद्राणालय लाने वाले निम्नलिखित में से प्रथम कौन थे?
डच | |
पुर्तगाली | |
ब्रिटिश | |
फ्रांसीसी |
Question 7 Explanation:
भारत में समाचार पत्रों का इतिहास यूरोपीय लोगों के भारत में प्रवेश के साथ ही प्रारम्भ होता है। सर्वप्रथम भारत में प्रिंटिग प्रेस लाने का श्रेय पुर्तग़ालियों को दिया जाता है। 1557 ई. में गोवा के कुछ पादरी लोगों ने भारत की पहली पुस्तक छापी। 1684 ई. में अंग्रेज़ ईस्ट इण्डिया कम्पनी ने भी भारत की पहली पुस्तक की छपाई की थी। 1684 ई. में ही कम्पनी ने भारत में प्रथम प्रिंटिग प्रेस (मुद्रणालय) की स्थापना की।
Question 8 |
1918 में भारतीय उद्योग आयोग के सदस्य के रूप में किसने अपनी रिपोर्ट अलग से प्रस्तुत की थी?
बाबा साहेब अम्बेडकर | |
मोतीलाल नेहरू | |
जवाहरलाल नेहरू | |
एम.आर. जयकर |
Question 9 |
किसके प्रशासन काल में "स्थायी बंदोबस्त" प्रारम्भ किया गया था?
लॉर्ड वेलेजली | |
वारेन हेस्टिंग्स | |
लॉर्ड कार्नवालिस | |
लॉर्ड केनिंग |
Question 9 Explanation:
लॉर्ड कार्नवालिस का शासनकाल अपने प्रशानिक सुधारों के लिए हमेशा याद किया जायेगा. उसने साम्राज्य विस्तार की और अधिक ध्यान न देकर आंतरिक सुधारों की ओर विशेष ध्यान दिया. कम्पनी शासन में निष्पक्षता और दृढ़ता लाने में उसे काफी सफलता मिली. उसने कम्पनी की सेवा, लगान व्यवस्था, न्याय और व्यापार सम्बन्धी अनेकों सुधार किये. लगान व्यवस्था के क्षेत्र में उसके द्वारा किया गया स्थायी बंदोबस्त (permanent settlement) ब्रिटिश शासन के इतिहास में महत्त्वपूर्ण स्थान रखता है.
कार्नवालिस (Cornwallis) का सबसे महत्त्वपूर्ण सुधार राजस्व व्यवस्था एवं उसकी वसूली का प्रबंध करना था. अभी तक कंपनी वार्षिक ठेका के आधार पर लगान वसूलती थी. सबसे ऊंची बोली बोलने वाले को जमीन दी जाती थी. इससे कंपनी और किसान दोनों को परेशानी होती थी. लॉर्ड कार्नवालिस ने 1793 ई. में स्थायी व्यवस्था लागू की. स्थायी बंदोबस्त के आधार पर जमींदार भूमि के स्वामी बना दिए गए. जब तक जमींदार सरकार को निश्चित लगान देते रहते थे तब तक भूमि पर उनका अधिकार सुरक्षित रहता था. लगान नहीं देने की स्थिति में उन्हें अधिकार से वंचित किया जा सकता था. सरकार के साथ किसानों को कोई सम्बन्ध नहीं था. स्थाई बंदोबस्त को व्यवाहारिक रूप देकर कार्नवालिस भारत में जमींदारों का एक शक्तिशाली वर्ग तैयार करना चाहता था जो अंग्रेजों का हित चिन्तक रहे. लगान की रकम निश्चित कर देने से अंग्रेज़ अधिकारी भी प्रतिवर्ष लगान वसूलने के झंझट से मुक्त हो गए.
Question 10 |
क्रिमिनल ट्राइब्स एक्ट सर्वप्रथम कब अधिनियमित हुआ था?
1871 | |
1952 | |
1911 | |
1924 |
Question 10 Explanation:
ब्रितानी हुकूमत के दौरान बहुत सारी ऐसी लड़ाकू जनजातियाँ थीं जिन्हें क्रिमिनल ट्राइब्स यानी आपराधिक जनजाति के रूप में सूचीबद्ध किया गया था. अंग्रेजी हुकूमत ने वर्ष 1871 में एक नए कानून 'क्रिमिनल ट्राइब्स एक्ट' को लागू किया. इस कानून के दायरे में लगभग 500 जनजातियों को लाया गया.
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