UPSC 2019 – Full Analysis and Expected Cut Off

Sansar LochanCivil Services Exam

मुख्य संपादक

  • यदि आपने पूरे साल हर दिन 5 से 6 घंटे पढ़ाई की है, Sansar DCA और हमारी अन्य सामग्रियों को पढ़ा है, अखबारों को रेगुलर पढ़ा है, NCERT सहित विषयों के बेसिक को समझ लिया है जैसे – लक्ष्मीकान्त आदि …तो आपको 41 सवाल आसान लगने चाहिए थे.
  • 39 सवाल आपको आसान तब लगते जब आपने विषयों को बहुत ही गहराई से पढ़ा होता. यदि आपने टॉपिक-वाइज नोट्स बनाया होगा पूरे साल तो ये सारे सवाल आपके लिए सहज हो जाते. जैसे उदाहरण के लिए यदि आपने इतिहास में असहयोग आन्दोलन के बारे में पढ़ा, और फिर अपने शब्दों में शोर्ट नोट्स बना लिया. यदि आपने पूरे साल ऐसा ही सभी विषयों के साथ किया है तो आपने रण जीत लिया है.
  • 20 सवाल काफी मुश्किल थे. यदि आपने इन्हें नहीं attempt किया है तो अच्छा ही है.
  • काम की बात यह है कि इस बार के सवालों का स्तर पिछले वर्ष की तुलना में अच्छा था पर मध्यम स्तर के सवालों की अधिक संख्या ने परीक्षार्थियों को परेशान कर दिया.

ऋचा किशोर, सह-सम्पादिका, विज्ञान विशेषज्ञ

  • विज्ञान से कुल 18 सवाल आये जबकि पिछले वर्ष 13 सवाल ही आये थे.
  • जिनमें 7 सरल, 9 मध्यम और 2 कठिन प्रकृति के थे.
  • DNA और RNA interference (RNAi) से सम्बंधित दो सवाल मुझे कठिन प्रकृति के लगे.
  • Cirrus Cloud Thining, Pyrolysis and plasma gasification, Carbophuran, Methyl Parathion, Methane Hydrate, CNG-HNG के सवाल मध्यम प्रकृति के थे और शेष सवाल आराम से कोई भी पढ़ा-लिखा इंसान बना सकता था.
  • यदि मध्यम प्रकृति के सवालों की संख्या कम होती तो हम कह सकते थे कि विज्ञान के सवाल आसान थे, पर ऐसा हुआ नहीं.

रुचिरा, सह-संपादिका, हिंदी साहित्यविद्, दिल्ली यूनिवर्सिटी

  • कुल 11 सवाल थे पॉलिटी से जबकि पिछले साल पॉलिटी से 13 सवाल पूछे गये थे.
  • 7 सवाल मुझे बेहद आसान लगे और 4 मध्यम प्रकृति के थे.
  • कठिन सवाल मुझे कोई-सा भी न लगा जिसे बनाया ही नहीं जा सकता हो.
  • Article 142, Legislative Assembly, Indian Forest Act, Impeach Supreme Court Judge मध्यम प्रकृति के सवाल थे.
  • शेष Amendment to constitution, Right to marry, Ninth Schedule, Office of Profit आदि सवाल तो हमने वेबसाइट पर कई बार लिखा है. आपने पढ़ा होगा तो आपको आसान लगे होंगे.

सजीव लोचन, सम्पादक, 1976 IAS बैच में सफल

  • जैसा कि हमने ऊपर बताया कि इतिहास और कला से इस बार कुल 16 सवाल थे जबकि पिछली बार सवालों की संख्या 21 थी.
  • 4 सवाल मुझे सरल, 8 सवाल मुझे मध्यम और 4 सवाल कठिन प्रतीत हुए.
  • सबसे बड़ा परिवर्तन UPSC ने प्राचीन इतिहास के सवाल पूछ कर किया जो वह अक्सर ऐसा नहीं करता है. इसके लिए छात्र भी तैयार नहीं होते.
  • Delhi Sultanate, British Colonial Rule – Mahatma Gandhi, Jagirdar & Zamindar, Land Reforms Post Independence, Organization – Leader, Harappan Site, Buddhism के सवाल मुझे मध्यम प्रकृति के लगे.
  • Ranyo Ashoka, Tansen, Tej Bahadur, Neogy, Saint Nimbarka के सवाल कठिन प्रतीत हुए क्योंकि छात्र इन सब चीजों के लिए तैयार नहीं थे.
  • Mughal Emperor, Charter Act 1813, Swadeshi Movement, Forced Labour Vishti ये सारे सवाल आसान थे. इन सब के बारे में मैंने इस वेबसाइट पर बहुत बार लिखा है.

डॉक्टर अभिलाष”, अतिथि लेखक, भूवैज्ञानिक

  • इस बार भूगोल से कुल 13 सवाल थे जबकि पिछले वर्ष मात्र 4 थे.
  • 4 सवाल सरल, 3 सवाल मध्यम और 6 सवाल मुझे कठिन लगे.
  • Kharif Crops, Dewdrops, New World – Old World मध्यम प्रकृति के थे.
  • जबकि Aliyar – Isapur, Glacier – River, Agasthyamala Biosphere Reserve, Temperate Alpine Zone, Pandharpur, Humpy सवाल कठिन लगे.
  • इतिहास की तरह ही भूगोल ने भी इस बार छात्रों को धोखा दे दिया क्योंकि छात्र ने आशा नहीं की थी कि इतने सारे सवाल भूगोल से पूछ लिए जाएँगे.
  • जबकि पर्यावरण से 8 सवाल थे. पिछले वर्ष 12 सवाल थे. इसलिए जिन्होंने IFS के लिए फॉर्म भरा था, उनको 4 सवालों का नुक्सान हुआ. पर्यावरण के सभी सवाल मुझे आसान नहीं लगे.

कुछ सवालों की झलक जिनका जिक्र हम कर चुके थे :-

 The Reserve Bank of India’s recent directives relating to ‘Storage of Payment System Data’, popularly known as data diktat, command the payment system providers that

भारतीय रिज़र्व बैंक के द्वारा हाल ही में अमरीकी वैश्विक भुगतान कंपनियों को 15 अक्टूबर, 2018 तक ग्राहकों के डाटा को स्थानीय रूप से संधारण करने का निर्देश दिया गया है. परन्तु ये कंपनियाँ ऐसा नहीं चाहती हैं. इन कंपनियों का पक्ष रखते हुए अमेरिका के विधि-निर्माताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध किया है कि वे भारतीय रिज़र्व बैंक के इस निर्देश को शिथिल करें. ये अमरीकी कंपनियाँ रिज़र्व बैंक के नियम को शिथिल करवाने के लिए नई दिल्ली में वित्त मंत्रालय और भारतीय रिज़र्व बैंक में पैरवी कर रही हैं. (15 October, 2018)

Link : https://www.sansarlochan.in/sansar-daily-current-affairs-15-october-2018/

Maternity Benefit ‘ (Amendment) Act, 2017

संशोधन में मातृत्व लाभ की अवधि को 12 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्ताह कर दिया गया. इसमें भी यह प्रावधान किया गया है कि प्रत्याशित प्रसव की तिथि के पहले अधिकतम 8 सप्ताह की छुट्टी मिल सकेगी. ज्ञातव्य है कि अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) ने न्यूनतम 14 सप्ताह के मातृत्व लाभ का मानक रखा है. इस प्रकार का संशोधित कानून एक बहुत ही सकारात्मक प्रावधान है. जिस स्त्री को पहले से ही दो या दो से अधिक बच्चे हैं तो उनको मात्र 12 सप्ताह की मातृत्व छुट्टी मिलेगी जिसमें प्रसव के पहले अधिकतम 6 सप्ताह की अनुमान्य होगी. (17 November, 2018)

Link : https://www.sansarlochan.in/sansar-daily-current-affairs-17-november-2018/#Topic_Maternity_Benefit_Act

Indian Forest Act

पहला विकल्प फ़ालतू था, ऐसा कोई जिक्र ही नहीं है – https://www.sansarlochan.in/indian-forest-act-1927-amendment-hindi/

अनुसूचित जनजाति एवं परम्परागत निवासी (वन अधिकारों की मान्यता अधिनियम), 2006, लघु वन उपज (MFP) को पादपों से उत्पन्न होने वाले सभी गैर-लकड़ी वन उत्पादों के रूप में परिभाषित करता है. इसके अंतर्गत बाँस, ब्रशवुड, स्टम्प, केन, ट्यूसर, कोकून, शहद, मोम, लाख, तेंदु/केंडू पत्तियाँ, औषधीय पौधे, जड़ी-बूटी, जड़ें, कंद इत्यादि सम्मिलित हैं. इसलिए दूसरा विकल्प सही था.

https://www.sansarlochan.in/van-dhan-scheme-in-hindi/

तीसरा आप्शन भी गलत है. ऊपर के लिंक में हमने ऐसा कुछ नहीं लिखा है.

Atal Innovation Mission

नीति आयोग द्वारा आयोजित अटल नवोन्मेष मिशन (Atal Innovation Mission) के तहत अटल न्यू इंडिया चैलेंज की शुरुआत की जा रही है.

https://www.sansarlochan.in/sansar-daily-current-affairs-26-april-2018/

CNG (H-CNG)

एच-सीएनजी क्रमशः 18% और 80% के मिलान के साथ हाइड्रोजन और सीएनजी का मिश्रण है. ईपीसीए – पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम और नियंत्रण) प्राधिकरण ने हाल ही में दिल्ली में एच-सीएनजी के लिए सिफारिश की है. इसमें सीओ (कार्बन मोनोऑक्साइड) को वर्तमान स्तर से 70% तक कम करने की क्षमता है.

पहला ऑप्शन बहुत टेढ़ा था. कम करने की क्षमता है ….ख़त्म करने की नहीं. चौथा आप्शन भी गलत है.

Asian Infrastructure Investment Bank (AIIB)

https://www.sansarlochan.in/sansar-daily-current-affairs-24-june-2018/#Topic_Asian_Infrastructure_Investment_Bank_AIIB

https://www.sansarlochan.in/sansar-surgery-part-2-2018/

Expected cut off Pre 2019 = 97-98

2019 का कट-ऑफ हमारे Experts का अनुमान मात्र है. इसलिए जिन्हें लग रहा है कि मुझे इससे कम मार्क्स आएँगे तो निराश होने की जरुरत नहीं है. हो सकता है कि हमारा अनुमान गलत हो. इसलिए इसे UPSC का official cut off समझने की भूल न करें.

* Cut off marks on the basis of GS Paper‐I only. However, GS Paper‐II was of qualifying nature with 33% marks as per Rule 15 of Civil Services Examination, 2019.

इन किताबों ने मचाई धूम, काफी सवाल आये इनसे

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