UPSC में प्राचीन भारत से आये सवालों के One-Liner नोट्स : Part 1

Sansar LochanAncient History, History

इस आर्टिकल का शीर्षक थोड़ा भ्रामक है क्योंकि नीचे दिए गये सारे तथ्य प्रत्यक्ष रूप से UPSC की गत परीक्षाओं में नहीं पूछे गये हैं. दरअसल, इस One-Liner में हमने UPSC के सवालों को (प्राचीन भारत – Ancient India) आपके सामने परोसा ही है, साथ-साथ UPSC Prelims परीक्षाओं में जो चार ऑप्शन होते हैं – उनके विषय में भी हमने one liner नोट्स बनाए हैं. NCERT की भी मदद ली गई है.

ज्यादातर हम Previous year questions के सावालों को पढ़ते हैं फिर answer key से अपना answer चेक करते हैं और फिर आगे बढ़ जाते हैं. सच मानिए तो यह एक गलत प्रैक्टिस है. हमें हमेशा सवाल के अन्य विकल्पों पर भी ध्यान देना चाहिए और खुद आँकना चाहिए कि हम उन सभी तथ्यों के बारे में जानते हैं या नहीं. नहीं जानते तो आपको answer के explanation में जाकर देखना चाहिए. यदि वहाँ भी नहीं दिया है तो GOOGLE Baba है न!

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प्राचीन भारत – Ancient India – UPSC Previous Year Deep Analysis

  1. विष्णु पुराण में मौर्य का उल्लेख शुद्र जाति के रूप में हुआ है.
  2. महापरिनिब्बान सुत्त वह प्राचीनतम बौद्ध ग्रन्थ है जिसमें मौर्यों को पिप्पलिवन (बुद्ध के समकालीन मौर्य वंशीय क्षत्रियों की राजधानी) का शासक तथा क्षत्रिय वंश से सम्बंधित बताया गया है.
  3. मौर्यों का वंशीय चिन्ह मयूर था.
  4. जैन विद्वान् हेमचन्द्र द्वारा लिखित परिशिष्ट पर्वण नामक ग्रन्थ में चाणक्य का जीवन-चरित मिलता है.
  5. मुद्राराक्षस नाटक में ननदों को प्रथितकुलजा अर्थात् उच्च वर्ण के रूप में वर्णित किया गया है. इस नाटक में नन्दों का मंत्री राक्षस ने उन्हें अभिजन भी कहा है.
  6. मनुस्मृति एवं महाभारत के अनुसार वृषल शब्द का प्रयोग धर्मच्यूत व्यक्ति के लिए किया गया है.
  7. मुद्राराक्षस नामक नाटक में उल्लिखित वृषल शब्द की व्याख्या आधुनिक इतिहासकार आर.के. मुखर्जी ने राजाओं में वृष अर्थात् राजाओं में सर्वश्रेष्ठ के अर्थ में किया है.
  8. लौरिया नंदनगढ़ स्तम्भ पर मयूर की आकृति उत्कीर्ण है.
  9. साँची स्तूप मयूर आकृति का उत्कीर्ण हुआ है.
  10. अशोक का सर्वाधिक पसंदीदा पक्षी मयूर था.
  11. अशोक के जीवित भाइयों एवं बहनों के परिवारों का उल्लेख पाँचवे शिलालेख में होता है.
  12. राजतरंगिणी के अनुसार बौद्ध धर्म स्वीकार करने के पूर्व अशोक ब्राह्मण धर्म (शिव का उपासक) का अनुयायी था.
  13. दिव्यावदान के अनुसार, अशोक को बौद्ध धर्म में उपगुप्त ने दीक्षित किया था.
  14. अशोक को उसके शासन के चौथे वर्ष निग्रोध नामक सात वर्षीय भिक्षु ने बौद्ध मत में दीक्षित किया था, वह उल्लेख सिंहली अनुश्रुतियों (दीपवंश और महावंश) में होता है.
  15. वृहतशिलालेख पाँच में अशोक द्वारा बौद्ध धर्म ग्रहण करने के बाद राजकीय पाकशाला में दो मयूर और एक हिरन का वध किये जाने का उल्लेख मिलता है.
  16. बौद्ध साहित्य में प्रयुक्त भिक्षु गतिक शब्दों का प्रयोग संघ में प्रविष्ट होने के लिए उन्मुख होने के संदर्भ में किया गया है.
  17. प्रथम लघु शिलालेख के अनुसार, बौद्ध धर्म ग्रहण करने के बाद अशोक 2 से 6 माह तक एक साधारण उपासक था.
  18. भाब्रू (बैराट, राजस्थान) से प्राप्त लघु शिलालेख जिसमें अशोक स्पष्टतः बुद्ध, धम्म और संघ का अभिवादन करता है.
  19. सारनाथ, साँची तथा कौशाम्बी के लघु स्तम्भों पर उत्कीर्ण शासनदेश अशोक को बौद्ध सिद्ध करते हैं.
  20. अशोक साँची, सारनाथ तथा कौशाम्बी लघु स्तम्भ लेखों में बौद्ध संघ में फूट डालने वाले भिक्षु/भिक्षुणियों को निष्कासन की चेतावनी देता है.
  21. बौद्ध संघ से सम्बंधित पब्बजा (प्रवज्या-संन्यास) नाम की प्रथा, अशोक के समय तक पर्याप्त सुदृढ़ हो चुकी थी.
  22. चन्द्रगुप्त मौर्य की महिला अंगरक्षकों का उल्लेख स्ट्रैबो ने किया है.
  23. सेल्यूकस निकेटर और चन्द्रगुप्त मौर्य के बीच वैवाहिक सम्बन्ध स्थापित होने के सम्बन्ध में जानकारी स्ट्रैबो के विवरण से प्राप्त ओटी है.
  24. कौटिल्य द्वारा चन्द्रगुप्त को जम्बू डीप का सम्राट बनाए जाने का विवरण महावंश से प्राप्त होता है.
  25. जस्टिन के अनुसार चन्द्रगुप्त मौर्य ने छ: लाख सैनिकों की मदद से सम्पूर्ण भारत की विजय की.
  26. दिव्यावदान से बिन्दुसार के शासनकाल में तक्षशिला में हुए विद्रोह का उल्लेख मिलता है.
  27. दिव्यावदान से अशोक द्वारा खास देश (नेपाल) के विजय का उल्लेख मिलता है.
  28. सातवें स्तम्भ लेख में उल्लिखित एक मात्र विदेशी शक्ति ताम्रपर्णी (श्रीलंका) है.
  29. अशोक ने पालि भाषा एवं ब्राह्मी लिपि का प्रयोग किया.
  30. अशोक के अभिलेखों में प्राकृत प्रयुक्त भाषा है.
  31. ब्राह्मी लिपि बाएँ से दाईं ओर लिखी जाती है.
  32. खरोष्ठी लिपि दायीं से बाईं ओर लिखी जाती है.
  33. ब्रह्मगिरि शिलालेख में शिष्य द्वारा गुरु का आदर करना, धम्म के अंतर्गत माना गया है.
  34. तीसरे शिलालेख में अशोक ने अल्प व्यय एवं अल्प संग्रह को धम्म का अंग माना है.
  35. गेहविजय का अर्थ गृहस्थों के लिए अनुशासन (राहुलोवादसुत्त) होता है.
  36. गार्गी संहिता ग्रन्थ में धम्म विजय का पालन करने के कारण अशोक की आलोचना की गई है.
  37. स्तम्भ अभिलेख न. 7 को अशोक के शासनकाल की अंतिम घोषणा माना जाता है.
  38. दिव्यावदान के अनुसार अशोक अपने जीवन के अंतिम समय में, कुक्टाराम विहार को उपहार देना चाहता था.
  39. अशोक की राजत्व सम्बन्धी अवधारणा का विवेचन छठे शिलालेख में प्राप्त होती है.
  40. अशोक ने कश्मीर में श्रीनगर का निर्माण कराया था.
  41. दिव्यावदान के अनुसार अशोक ने नेपाल में देवपाटन नगर की स्थापना की. तारानाथ के विवरण के अनुसार अशोक ने नेपाल में “ललितपत्तन” नामक नगर बसाया था तथा उसकी पुत्री चारुमती ने देवपत्तन नामक नगर बसाया था.
  42. ब्रह्मगिरि शिलालेख में अशोक द्वारा 256 रातें धम्म यात्रा में बिताने का उल्लेख है.
  43. मौर्यकाल में उच्चतम वेतनमान – 48.000 टन और न्यूनतम -60 पण था.
  44. मौर्यकाल में पथकर की दर 10% या 1/10 थी.
  45. सोहगौरा और महास्थान अभिलेख से चन्द्रगुप्त मौर्यकालीन ग्राम-प्रशासन के सम्बन्ध में सूचना प्राप्त होती है.
  46. सोहगौरा ताम्रपत्र और महास्थान अभिलेख एवं अर्थशास्त्र से प्राकृतिक आपदा से जनता की सुरक्षा के लिए कोष्ठागारों के निर्माण का उल्लेख प्राप्त होता है.
  47. मौर्यकाल में भूमि का कर 1/6 था.
  48. मौर्यकाल में सिंचाई कर 1/3 से 1/5 भाग था.
  49. कौटिल्य के अनुसार किसी भी परिस्थिति में आर्य को दास नहीं बनाया जा सकता है. यहाँ तक कि आर्य शुद्र को भी दास नहीं बनाया जा सकता है.
  50. मौर्यकाल में वेश्याओं का समूह बंधकी पोषक के अधीन हुआ करता था.
  51. कौटिल्य के अर्थशास्त्र, जैन अनुश्रुतियों तथा सोहगौर ताम्रपत्र और महास्थान अभिलेख से भारत में अकाल (दुर्भिक्ष) पड़ने न जानकारी प्राप्त होती है.
  52. पतंजलि (महाभाष्य) के अनुसार मौर्यकाल में धन के लिए देवताओं की प्रतिमाएँ बनाकर बेचा जाता था.
  53. दीर्घ स्तम्भ लेख पाँच में अशोक अपने शासन काल में 25 बार बंदियों को मुक्त करने का उल्लेख मिलता है.
  54. रुम्मिनदेई स्तम्भ (शाक्य गणराज्य की राजधानी कपिलवस्तु के निकट) मात्र 21 फुट ऊँचा अशोककालीन के स्तम्भ में सबसे छोटा है.
  55. डॉ. शाम शास्त्री ने कौटिल्य कृत अर्थशास्त्र का अंग्रेजी में अनुवाद किया.
  56. दीर्घ शिला लेख 12वें में अशोक समवाय और सारवृद्धि का उल्लेख करता है.
  57. दीर्घ शिला लेख आठवें के अनुसार अशोक धम्म यात्रा आरम्भ करने वाला प्रथम शासक है.
  58. भारतीय इतिहास में सर्वप्रथम ताम्रपत्र जारी करने का श्रेय मौर्य शासक को है और भारतीय इतिहास का प्रथम ताम्रपत्र सहगौरा ताम्रपत्र है.
  59. बिन्दुसार के समय तक्षशिला के विद्रोह को दबाने के लिए अशोक को भेजे जाने का उल्लेख अशोकावदान में है.
  60. मौर्योत्तर काल के बारे में जानकारी मुख्यतः मत्स्य पुराण से प्राप्त होती है.
  61. चन्द्रगुप्त मौर्य को मुद्राराक्षस में “वृषल” व “कुलहीन” कहा गया है.
  62. मामुलनार नामक तमिल कवि ने मौर्यों तथा नन्दों का उल्लेख किया है.
  63. अशोक के धम्म की परिभाषा “राहुलोवादसुत्त” ग्रन्थ से ली गई है.
  64. अर्थशास्त्र में दो प्रकार के संघों – राजा शब्दोपजीवना तथा वार्ताशास्त्रोपजीवना का वर्णन किया गया है.
  65. चन्द्रगुप्त मौर्य के लिए मुद्राराक्षास में पियदस्सी शब्द का प्रयोग किया गया है.
  66. अर्थशास्त्र में राज्य द्वारा दासों तथा कर्मकारों को वेतन के रूप में एक मुट्ठी चावल व रद्दी शराब देने का परामर्श दिया गया है.
  67. मिलिंदपन्हो (एक बौद्ध ग्रन्थ = मिलिन्द के प्रश्न) में नन्द सेना का नेतृत्व भट्टशाला द्वारा करने तथा चन्द्रगुप्त मौर्य के हाथों उसकी पराजय का पता चलता है.
  68. नियार्कस ने भारतीयों द्वारा श्वेत रंग के जूते पहनने का उल्लेख किया है.
  69. गार्गी संहिता में मौर्य शासक शालिशूक को अत्याचारी बताया गया है.
  70. बिना मधुमक्खियों के मधु उत्पन्न करने वाले बीज “वैवे बीज” का उल्लेख नियार्कस (सिकंदर का समकालीन, नौसेनाध्यक्ष तथा एक लेखक) ने किया है.
  71. अर्थशास्त्र में शिल्पियों को दुष्चरित्र बताया गया है.
  72. चावल की किस्मों-दारक व वरक का उल्लेख कौटिल्य ने किया है.
  73. कौटिल्य ने “अर्थशास्त्र” में 8 वर्ष से कम आयु के बच्चों को बेचने पर प्रतिबंध लगाया है.
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संसार लोचन sansarlochan.IN ब्लॉग के प्रधान सम्पादक हैं. SINEWS नामक चैरिटी संगठन के प्रणेता भी हैं. ये आपको अर्थशास्त्र (Economics) से सम्बंधित अध्ययन-सामग्री उपलब्ध कराएँगे और आपके साथ भारतीय एवं विश्व अर्थव्यवस्था विषयक जानकारियाँ साझा करेंगे.

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