2020 की प्रारम्भिक परीक्षा के लिए आप सभी छात्रों को बहुत सारी शुभकामनाएँ. मैं थोड़ा ऑफलाइन छात्रों के साथ व्यस्त था, इसके लिए क्षमाप्रार्थी हूँ.
स्वयं को शांत रखना है. आपके पास बहुत-सारा समय होगा प्रश्न हल करने के लिए. विशेषतः सामान्य अध्ययन पेपर 1 में. आपके पास इतना समय रहेगा कि आप दुबारा अपना उत्तर देख सकते हो. जिनका लास्ट अटेम्पट (अंतिम प्रयास) है उनके लिए भले ही करो या मरो (do or die) की परिस्थिति हो पर यह भी एक सच्चाई है कि आप ही लोग हो जो सबसे अच्छा प्रदर्शन करते हो (बस ध्यान यह रखना है कि सवाल हल न होने पर अपना आपा नहीं खोना है).
शेष जो नए छात्र हैं, जो पहली बार परीक्षा दे रहे हैं…उनके लिए मैं यही कहना चाहूँगा, कि परीक्षा देने से अधिक सीखने की कोशिश कीजिये. अपनी कमियों को पहचानिए. OMR में टिक लगाते रहिये ताकि अंतिम क्षण में कोई दुविधा उत्पन्न न हो. जिस सवाल के उत्तर को लेकर आप 60% से अधिक आश्वस्त हो तो सवाल के पेपर में प्रारम्भ से ही टिक लगाते चलिए. ऐसा तब होता है जब आप 2 विकल्प को लेकर दुविधा में हो कि सही विकल्प कौन-सा है. पर यदि चारों आप्शन देखकर आपको कुछ नहीं सूझ रहा तो उसको छोड़ देने में ही भलाई है.
UPSC में बहुत सारे सवाल ऐसे होते हैं जिनका तर्कशक्ति और आपके द्वारा पूरे साल इकठ्ठा की गई जानकारी से हल किया जा सकता है. इसलिए प्रत्येक सवाल और आप्शन को ध्यान से पढ़ें और याद करें कि क्या आपने यह पढ़ा था, कहीं सुना था, सुना था तो क्यों सुना था…कभी-कभी इन्हीं तरह की अजीब प्रयासों से और मंथन से उत्तर निकाला जा सकता है.
आपको हमेशा कहता हूँ कि यदि आपको Prelims में सफल होना है तो अधिक से अधिक Mock Test दिया करें. आप जितना mock tests दोगे, आपके सफल होने का संयोग उतना ही बढ़ जाता है.
हमें जीवन में छोटी-छोटी बातों से सीखते रहना चाहिए. आप UPSC के सही परीक्षार्थी तब ही कहलाओगे जब आप खाते समय सोचो कि आप जिस प्लेट में खाना खाते हो वह किस धातु से बना है, जब आप कोई सामान खरीदते हो और उसके ingredients के विषय में सब कुछ जानने की इच्छा रखते हो. कहने का अर्थ यह है छोटी-छोटी जानकारी भी बहुत मायने रखती है. यदि अपने जीवन में आप ऐसा दृष्टिकोण (approach) रखोगे तो एक साल में आपके पास ऐसी कई जानकारियाँ इकठ्ठा हो जायेंगी जो आपके Prelims paper में काम आएँगी.
कुछ सवाल हल न हो तो अपना पारा न खोएँ, आगे बढ़ते जाएँ. बहुत सारे सवाल कठिन होते हैं और बिल्कुल अप्रत्याशित होते हैं. घबराना नहीं है और यह ध्यान रखना है कि 90-95 नंबर के सही सवाल बनाने ही बनाने हैं. ऐसा नहीं होना चाहिए कि 50-55 सवाल बना कर आप घर आ जाओ क्योंकि कुछ सवाल तो आपके गलत होंगे ही और नेगेटिव मार्किंग भी कटेगा. 50 सवाल का अर्थ हुआ 100 मार्क्स और अगर आपने कितनी भी अधिक अच्छी परीक्षा दी हो तो 10-15 मार्क्स कटेंगे ही. तो आपको कुल 95-90 मार्क्स मिलेंगे.
97-110 के बीच मार्क्स लाना (General Candidates) के लिए Safe Zone होता है.
एक बार फिर से बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
संसार लोचन
~सम्पादक