हाल ही में रूस ने यूक्रेन में थर्मोबेरिक या वैक्युम बम का प्रयोग किया. ये बम समान आकार वाले पारम्परिक बम की तुलना में बहुत अधिक तबाही मचाते हैं.
वैक्यूम बमों को 1960 के दशक में अमेरिका और सोवियत संघ दोनों ने विकसित किया था. अब इसका प्रयोग रूस यूक्रेन पर हमले के लिए कर रहा है.
वैक्यूम बमों को 1960 के दशक में अमेरिका और सोवियत संघ दोनों ने विकसित किया था. सितंबर 2007 में रूस ने अब तक के सबसे बड़े वैक्यूम हथियार में विस्फोट किया, जिससे 39.9 टन के बराबर ऊर्जा निकली थी. दोनों देशों ने ऐसे बमों के कई वर्जन विकसित किए हैं, परन्तु अंतराष्ट्रीय प्रतिबंधों के कारण उन्होंने इसे न तो किसी दूसरे देश को बेचा है और न ही सार्वजनिक तौर पर कहीं इस्तेमाल किया है. अमेरिका के वैक्यूम हथियारों के प्रत्येक यूनिट की कीमत 16 मिलियन डॉलर से अधिक आंकी गई है.
कब-कब हुआ प्रयोग?
वर्ष 2017 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आदेश पर अमेरिकी सेना ने अफगानिस्तान में मदर ऑफ ऑल बम का इस्तेमाल किया था. कई मीडिया रिपोर्ट बताती है कि साल 2017 में ही रूस ने भी सीरिया में थर्मोबेरिक हथियार फादर ऑफ ऑल बम का प्रयोग किया था.
थर्मोबेरिक या वैक्यूम बम के बारे में
- यह बम उच्च तापमान वाले विस्फोट के लिए वायुमंडल में उपस्थित ऑक्सीजन का उपयोग करता है.
- यह बम दो चरणों में विस्फोट करता है.
- पहले चरण में लक्ष्य से टकराने पर बम का ईंधन कंटेनर खुलता है तथा ईंधन का बादल आसपास फ़ैल जाता है.
- इसके बाद दूसरा विस्फोट होता है, जो एयरोसोल के बादल को आग के विशाल गोले में बदल देता है.
- इसके दायरे में आने वाली इमारतें भी ध्वस्त हो जाती हैं तथा मानव शरीर सम्पर्क में आते ही जलकर वाष्प में बदल जाता है.
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