Vigilance wing for Health in Kerala
केरल सरकार ने स्वास्थ्य विभाग में एक निगरानी शाखा (Vigilance Wing) गठित करने का प्रस्ताव किया है जो डॉक्टरों की निजी प्रैक्टिस पर नज़र रखेगी और झोलाछाप डॉक्टरों की धर-पकड़ करेगी.
निगरानी शाखा (Vigilance Wing) की बनावट और कार्य
- निगरानी शाखा का प्रमुख एक उप-पुलिस अधीक्षक (Deputy Superintendent of Police) होगा.
- यह शाखा चिकित्सा शिक्षा सेवा के डॉक्टरों के द्वारा निजी प्रैक्टिस करने का पता लगाएगी, झोलाछाप डॉक्टरों की धर-पकड़ करेगी तथा सरकारी डॉक्टरों और निजी निदान क्लिनिकों, फार्मेसियों एवं स्वास्थ्यकार्य प्रतिष्ठानों के बीच वित्तीय साठ-गाँठ का भंडाफोड़ करेगी.
- यह स्वास्थ्य कार्य से सम्बंधित विज्ञापनों पर भी नज़र रखेगी तथा स्वास्थ्यकार्य कम्पनियों के द्वारा किये गये गलत दावों का पर्दाफाश करेगी. विदित हो कि कई कम्पनियाँ बिना डॉक्टर की अनुशंसा वाली अंग्रेजी और आयुर्वेदिक दवाओं का विज्ञापन करते हुए यह दावा करती हैं कि ये अनेक रोगों को ठीक कर सकती हैं.
- कुछ स्वयंभू चिकित्सक सोशल मीडिया का लाभ उठाकर सरकारी टीका कार्यक्रमों के प्रति संदेह उत्पन्न करते हैं और इस प्रकार कोरोना वायरस जैसी महामारियों से लड़ने की सरकारी चेष्टा को बाधित करते हैं. निगरानी शाखा ऐसे चिकित्सकों के विरुद्ध मुकदमा चलाएगी.
आवश्कयता
शिकायतें मिल रही थीं कि निजी प्रैक्टिस पर प्रतिबंध का डॉक्टर उल्लंघन कर रहे हैं. इसके अतिरिक्त कुछ अविशेषज्ञ व्यक्ति डॉक्टरी का काम चुपचाप कर रहे हैं जिसके चलते कई लोग अकाल मृत्यु के शिकार हो रहे हैं. इसलिए इन सब पर रोक लगाने के लिए एक निगरानी तंत्र होना आवश्यक हो गया था. परन्तु कई डॉक्टर ऐसा समझते हैं कि निगरानी शाखा का हस्तक्षेप होने से उनके काम में अनावश्यक बाधा उपस्थित होगी.