कृत्रिम मनुष्य (Virtual Human) – NEON क्या है? ये वर्चुअल असिस्टेंट से अलग कैसे?

Sansar LochanScience Tech

‘Virtual human’ – NEONs

सैमसंग कम्पनी की संस्था स्टार लैब्स ने कृत्रिम मनुष्य के निर्माण की परियोजना हाथ में ली है जिसके लिए कृत्रिम मनुष्य का नाम NEON रखा गया है. कहा जाता है कि ये विश्व के पहले कृत्रिम मनुष्य होंगे.

NEON क्या हैं?

  • NEON वे आभासी मनुष्य (virtual human) हैं जो कंप्यूटर से सृजित किये गये हैं.
  • NEON शब्द दो शब्दों को मिलाकर बना है = NEO (new)+human
  • आज की तिथि में ये आभासी मनुष्य भावनाओं का प्रदर्शन कर सकते हैं, परन्तु इसके लिए उनको हाथ से नियंत्रित करना आवश्यक होगा.
  • भविष्य में इनको इतना बुद्धिमान बनाने का लक्ष्य है कि वे पूरी तरह से स्वचालित हो जाएँ और न केवल भावनाएं ही दिखाएँ, अपितु कौशल अर्जित कर सकें और स्मृतियाँ संचित कर सकें.

NEON की तकनीक क्या है?

इन आभासी मनुष्यों के पीछे दो मूलभूत तकनीकें हैं –

  1. पहली, CORE R3 तकनीक जो किसी नियोन की वास्तविकता रियल-टाइम और प्रतिक्रियात्मकता के पहलुओं के लिए जिम्मेदार होती है.
  2. अगले चरण की दूसरी तकनीक का नाम SPECTRA है जो CORE R3 द्वारा सृजित बुद्धि, ज्ञान, भावना और स्मृति से एक कदम आगे बढ़कर नियोन को अधिक सक्षम बनाती है.

NEON का उपयोग

  • NEON बैंक में आपके प्रश्नों का उत्तर देंगे, किसी रेस्त्राँ में आपका स्वागत करेंगे अथवा रात-बिरात टेलीविज़न में कोई नया समाचार पढेंगे.
  • NEON का और भी प्रभावकारी उपयोग संभव है. उदाहरण के लिए भाषाओं को पढ़ाने में ये सहायक सिद्ध हो सकते हैं.

नियोन आभासी सहायकों (Virtual Assistants) से अलग कैसे हैं?

आभासी सहायक उसी डाटा से सीखते हैं जो उनके अन्दर प्लग किया गया है. दूसरी ओर, नियोन जो जानते हैं और जो सीखते हैं वहीं तक सीमित हैं. NEON व्यक्ति-विशेष अथवा उसके मित्रवर्ग के लिए काम करेंगे. उनसे किसी गाने के लिए अनुरोध नहीं किया जा सकता है परन्तु उनसे कोई मित्रवत् बात कर सकता है और अपने अनुभवों को साझा कर सकता है.

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