वर्चुअल रियलिटी में आप कोई भी और कहीं भी हो सकते हैं जैसा आप चाहते हैं. Virtual Reality कंप्यूटर सॉफ्टवेर और हार्डवेयर के माध्यम से अवास्तविक को वास्तविक बनाती है. वर्चुअल रियलिटी शब्द को जैरान लैनियर ने वर्ष 1987 में रचा था. यद्यपि लोग वर्चुअल रियलिटी के सम्बन्ध में 1990 के दशक के प्रारम्भ से जानने लगे थे, किन्तु इसकी अवधारणा दशकों से चली आ रही है. चलिए जानते हैं वर्चुअल रियलिटी के बारे में detail और जानते हैं इसके उपयोग (uses) in Hindi.
Virtual Reality
वर्चुअल रियलिटी (आभासी वास्तविकता) एक काल्पनिक दुनिया (वातावरण) है, जिसको कंप्यूटर सिस्टम के जरिये बनाया जाता है और किसी व्यक्ति को उसमें इस तरह से दिखाया जाता है कि सम्बंधित व्यक्ति को वास्तविक वातावरण का अनुभव (आभास) होने लगता है. वर्चुअल रियलिटी कंप्यूटर पर मुख्य रूप से पाँच इन्द्रियों में से दो – दृष्टि (नेत्र) और कर्ण ध्वनि माध्यम से अनुभव की जाती है.
वर्चुअल रियलिटी सामान्य रूप में त्रि-आयामी (3-D) परिदृश्य होता है, जिसे इसे संचालित करने वाला व्यक्ति परिवर्तन कर सकता है या हस्तक्षेप कर सकता है.
कैसे कार्य करती है वर्चुअल रियलिटी (VR)?
वर्चुअल रियलिटी किसी व्यक्ति को कंप्यूटर के माध्यम से तैयार 3D छवियों की दुनिया में ले जाती है, जहाँ कोई व्यक्ति ऐसा अनुभव करने लगता है, मानो वह उस दुनिया (वातावरण) में मौजूद हो. इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए वैज्ञानिकों, सिद्धान्तकारों और इंजिनियरों ने इस तरह के दर्जनों devices और applications तैयार की हुई हैं. वास्तव में एक सच्चे virtual reality का experience भिन्न-भिन्न हो सकता है, परन्तु सामान्य तौर पर इसमें निम्नलिखित वस्तुएँ अवश्य होनी चाहिएँ –
- इसमें 3D (छवि) का उपयोग होना चाहिए.
- इसमें उपयोगकर्ता की गति, विशेष तौर पर उसकी आँख और सर की गति को उसके डिस्प्ले के अनुसार उपयोगकर्ता के संदर्भ में परिवर्तित करने की योग्यता होनी चाहिए.
प्रणाली और युक्ति
आज अधिकांश VR तंत्र सामान्य व्यक्तिगत कंप्यूटरों द्वारा संचालित होते हैं. सामान्य तौर पर video gaming समुदाय के लिए मूल रूप से तैयार किये शक्तिशाली ग्राफ़िक्स कार्ड का प्रयोग किया जाता है.
VR तंत्र दृश्य दिखाने का कार्य करते हैं तथा कई तंत्र ऐसे होते हैं जो HMD तकनीकों की मदद से कार्य करते हैं, जो प्रत्येक आँख के लिए मॉनिटर की तरह कार्य करते हैं एवं इस तकनीक के प्रयोग से एक 3D आकृति बनती है, जो दर्शकों को गहराई का भी भ्रम करवाती है.
पहले के HMD monitor कैथोड-रे ट्यूब मॉनिटर का प्रयोग करते थे, परन्तु आजकल LCD का उपयोग सामान्य हो गया है क्योंकि इस तकनीक के द्वारा बेहतर रंग और तस्वीर की बेहतर गुणवत्ता प्राप्त होती है. वर्चुअल रियलिटी में ट्रैकिंग सिस्टम प्रयोग करने वाले के विचारों और उसकी सोच का विश्लेषण करता है. इसके बाद कंप्यूटर दृश्य के प्रकाशन का सही चित्र प्रस्तुत करता है. वर्तमान समय में कई ऐसे इनपुट यंत्रों का प्रयोग किया जाता है; जैसे – joystick, force ball/tracking ball, डाटाग्लोव्स मोशन ट्रैकर आदि.
वर्चुअल रियलिटी के उपयोग
वर्चुअल रियलिटी का अनुप्रयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है. प्रमुख रूप से इसका अनुप्रयोग मनोरंजन उद्योग, वास्तुकला, कार उद्योग और सैन्य क्षेत्रों के विकास के अलावा, शिक्षा, प्रशिक्षण के साथ-साथ चिकित्सा एवं अंतरिक्ष प्रशिक्षण में किया जाता है.
वास्तुकला
कई वास्तुकलाविद् किसी भी भवन निर्माण की आधारशिला रखने से पूर्व उसका एक आभासी प्रतिरूप तैयार करते हैं, जिसके आभासी निर्माण की बाह्य और आंतरिक बनावटों को भी ग्राहक आभासी दुनिया में देखकर उसमें सुधार के लिए निर्देश दे सकता है.
मोटरवाहन क्षेत्र
कई कार कंपनियाँ वर्चुअल रियलिटी का उपयोग नए मोटर वाहनों के आभासी नमूने को तैयार करने के लिए करती हैं. इस तकनीक के माध्यम से कार कंपनियाँ कारों या वाहनों के किसी भी अंगों के निर्माण तथा उत्पाद से पहले उनका आभासी प्रतिरूप तैयार करती हैं और उसकी जाँच वर्चुअल रियलिटी तकनीक के माध्यम से करती हैं.
सैन्य क्षेत्र
सैन्य क्षेत्र में भी वर्चुअल रियलिटी काफी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. प्रशिक्षण के दौरान यह वाहनों की बनावट से लेकर सैन्य युद्धों को सीखने में काफी मददगार साबित हो रही हैं. वास्तव में देखा जाते तो virtual reality काफी सुरक्षित और कम खर्चीली वैकल्पिक प्रशिक्षण विधि के रूप में उभरी है. ऐसे सैनिक जो virtual reality प्रशिक्षण से गुजरे हैं, वे परम्परागत सैन्य प्रशिक्षण पाए सैनिकों से ज्यादा सक्षम पाए गए हैं.
शिक्षा और प्रशिक्षण क्षेत्र
शिक्षा तथा प्रशिक्षण के क्षेत्र में भी वर्चुअल रियलिटी का प्रयोग भविष्य में इस क्षेत्र को लाभ प्रदान करेगा. जापान में ऑनलाइन हाईस्कूल में यह तकनीक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है. शिक्षकों को छात्रों को बेहतर ढंग से शिक्षा प्रदान करने में यह तकनीक मददगार साबित हो रही है. इस तकनीक का प्रयोग कर दूरस्थ शिक्षा के द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में नई क्रांति लाई जा सकती है.
चिकित्सा क्षेत्र
वर्चुअल रियलिटी का उपयोग वर्तमान में चिकित्सा के क्षेत्र में काफी किया जाना जाने लगा है. इस तकनीक का प्रयोग कर कोई भी चिकित्सक किसी भी रोगी को बिना किसी जोखिम में डाले चिकित्सा कर सकता है.
इस तकनीक ने नए चिकित्सा छात्रों और शल्य चिकित्सकों को सीखने में काफी सहायता प्रदान की है. अभी हाल ही में 14 अप्रैल, 2016 को ब्रिटेन के प्रसिद्ध चिकित्सक शफी अहमद ने वर्चुअल रियलिटी पर आधारित पहला ऑपरेशन प्रसारित किया. चिकित्सा के क्षेत्र में आभासी पर्यावरण का उपयोग शल्य क्रियाओं से लेकर रोगियों के नैदानिक उपचारों के लिए किया जाता है. शल्य चिकित्सक आभासी सत्यता का प्रयोग न केवल लोगों के शिक्षण तथा प्रशिक्षण के लिए उपयोग करते हैं, बल्कि इसका उपयोग रोबोटिक माध्यमों के प्रयोग से दूरस्थ चिकित्सा उपयोग में भी करते हैं. सर्वप्रथम रोबोटिक शल्य चिकित्सा वर्ष 1998 में पेरिस (फ्रांस) के एक अस्पताल में की गई थी.
अन्तरिक्ष
आभासी सत्यता का प्रयोग अमेरिकी अन्तरिक्ष विभाग नासा द्वारा पृथ्वी पर अन्तरिक्ष यात्रियों को प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए भी करता है. इस तरह के तरीकों का प्रयोग शून्य गुरुत्वाकर्षण का निर्माण करने के साथ-साथ अन्तरिक्ष यात्रियों को अन्तरिक्ष में चलने हेतु प्रशिक्षण के रूप में किया जाता है.
यांत्रिकी
यांत्रिकी के क्षेत्र में आभासी सत्यता का उपयोग मोटर वाहनों, ऐयरोस्पेस और सड़क परिवहन के क्षेत्र में मूल उपकरणों और उनके यांत्रिक उत्पादों के निर्माण में किया जाता है.
वर्चुअल रियलिटी इन सबके आलावा कई और आयामों को शामिल करती है; जैसे – आभासी प्रतिरूपों, उत्पादों के निर्माण, उनका संयोजन तथा निष्पादन इत्यादि. यह इंजिनियरों को अपने डिजाइन तथा अंतिम उत्पादों को कई प्रकार से जाँचने तथा अन्य विषयों के साथ तुलना करने में मदद करती है.
स्वास्थ्य तथा सुरक्षा के क्षेत्र में आभासी सत्यता वास्तविक कार्यस्थल का कार्य करती है. सूचना और प्रक्षेपण तकनीकों का उपयोग एक आभासी त्रिविमीय तथा एक गतिशील कार्य वातावरण उत्पन्न करने में किया जाता है.
खेलकूद और मनोरंजन
मनोरंजन उद्योगों ने VR techniques के विकास को गति प्रदान की है. Video Game उद्योगों ने आभासी सत्यता के क्षेत्र को काफी आगे बढ़ाया है. इन उद्योगों ने graphics और sound क्षमताओं को एक नई ऊँचाई प्रदान की है, जिसकी सहायता से virtual reality तंत्र को काफी मदद मिल रही है.
इस तकनीकों के माध्यम से internet पर कुछ ऐसे 3D आभासी स्थानों का निर्माण किया जा रहा है, जहाँ आभासी भूदृश्यों के माध्यम से हम सूचनाओं और मनोरंजन तक अपनी पहुँच स्थापित कर सकते हैं.
इन्टरनेट
वेबसाइटें एक त्रि-आयामी स्थान के रूप में हो सकती हैं, जो प्रयोगकर्ताओं को इसके बारे में पता लगाने के लिए मदद करती हैं. वेबसाइटों का निर्माण करने वाले प्रोग्रामरों ने ऐसी कई कंप्यूटर भाषाओं (computer languages) तथा web browsers का विकास किया है, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं –
- वर्चुअल रियलिटी मॉडलिंग लैंग्वेज वेब की दुनिया की सबसे प्रारम्भिक त्रि-आयामी मॉडलिंग भाषा है, जहाँ कोई प्रयोगकर्ता किसी वेबसाइट को ढूँढ़ या देख सकता है.
- एक्स 3 D एक ऐसी भाषा है जो VRML (Virtual Reality Modeling Language) को स्थापित कर इन्टरनेट में आभासी पर्यावरण का निर्माण करती है.
- कोलेसोरेटिव डिजाइन एक्टिविटी एक ऐसी संरचना है, जो त्रि-आयामी प्रोग्रामों में फाइलों का कार्य करती है.
- हालाँकि कई virtual engineers और विशेषज्ञों ने यह तर्क दिया है कि बिना HMD के internet आधारित तंत्र वास्तविक आभासी पर्यावरण नहीं है.
निष्कर्ष
वर्चुअल रियलिटी (virtual reality) भविष्य में हमारे जीवन के विभिन्न क्षेत्रों, जैसे – विज्ञान, तकनीक, औद्योगिकीकरण, नगरीकरण और आर्थिक विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.
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