वैज्ञानिकों के एक दल ने मतदान कर के घोषणा की है कि पृथ्वी के भूवैज्ञानिक इतिहास में एन्थ्रोपोसीन/ Anthropocene को एक नए युग के रूप में मान्यता मिले. विदित हो कि 2016 में केप टाउन में सम्पन्न अंतर्राष्ट्रीय भूविज्ञान कांग्रेस में इस विषय में एक अनौपचारिक निर्णय हुआ था.
एन्थ्रोपोसीन (Anthropocene) क्या है?
इस शब्द को 2000 ई. में पॉल क्रुजन और यूजीन स्टॉर्मर ने वर्तमान भूवैज्ञानिक अंतराल को बतलाने के लिए गढ़ा था. इसका नाम एन्थ्रोपोसीन इसलिए पड़ा क्योंकि इस युग में पर्यावरण को सबसे ज्यादा प्रभावित करने वाला कारक स्वयं मनुष्य (anthrope) है.
ज्ञातव्य है कि इस युग के तुरंत पहले का कालखंड होलोसीन युग (Holocene epoch) कहलाता है जो आज से लगभग 12,000 वर्ष पहले शुरू हुआ था.
आगे की राह
पृथ्वी ने होलोसीन युग से निकलकर एन्थ्रोपोसीन युग (anthropocene era) में कब प्रवेश किया, यह दिखलाने के लिए तकनीकी रूप से एक भूवैज्ञानिक मार्कर अथवा “गोल्डन स्पाइक” की आवश्यकता होगी. इस मार्कर को ग्लोबल बाउंड्री स्ट्रेटोटाइप सेक्शन एंड पॉइंट (GSSP) कहा जाएगा. इस मार्कर को ढूँढने के लिए पूरे विश्व को छाना जाएगा. वैज्ञानिक इसके लिए जहाँ-जहाँ जाएँगे उनमें शामिल कुछ स्थान हैं – उत्तरी इटली की एक गुफा, वृहत प्रवाल भित्ति और चीन की एक झील.
नए युग को दर्शाने वाले एक परतदार रिकॉर्ड को दिखलाने के लिए यह दल संभवतः उन रेडियोन्यूक्लाइडों (radionuclides) को चुनेगा जो 1945 के अणु बम विस्फोट से लेकर 1963 में सीमित अणु परीक्षण प्रतिबंध संधि के बीच में अस्तित्व में आये थे.
नए युग के नामकरण का प्रस्ताव को तभी मान्यता मिलेगी जब इस पर अंतर्राष्ट्रीय भूवैज्ञानिक संघ अपनी मुहर लगाएगा.
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